On this page we have given an article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या भगवान ने ब्रह्मांड बनाया है या यह स्वाभाविक रूप से हुआ है ?
Debate – क्या भगवान ने ब्रह्मांड बनाया है या यह स्वाभाविक रूप से हुआ है ?
हमारे आसपास बहुत सारे स्वभाव के लोग रहते हैं। कई लोग सकारात्मक होते हैं तो कहीं नकारात्मक इसी तरह से कई लोग आस्तिक होते हैं तो कई लोग नास्तिक होते हैं। मतलब कई लोग भगवान पर श्रद्धा रखते हैं। उसकी पूजा अर्चना करते हैं। यह जो भी है वह भगवान की देन है ऐसा कहते हैं। लेकिन कई लोग नास्तिक होते हैं वह खुद पर विश्वास रखते हैं। उनके लिए भगवान का कोई अस्तित्व नहीं है। पर रहते हैं कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उसके बाद जो भी मिलता है वह हमने कमाया हुआ होता है। हमें हमेशा ही सोच विचार करके निर्णय लेना चाहिए। उसमें भगवान का कोई हिस्सा नहीं होता। अगर हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो उसका मुंह बदला हमें मिल ही जाएगा। लेकिन अगर हम अपने कर्तव्य गलत तरीके से करेंगे या फिर बुरे कर्म करेंगे तो हमें अच्छा फल नहीं मिलेगा। इसमें भगवान कही पर भी नही है। हमें सिर्फ अपने काम पर और खुद पर विश्वास रखना चाहिए।
इसके बजाय जो आस्तिक लोग होते हैं जो भगवान पर श्रद्धा रखते हैं वह कहते हैं कि हम अगर कर्म अच्छे करेंगे तो भगवान हमें अच्छा ही फल देगा। इसलिए हमें अपने कर्म अच्छे रखने चाहिए। तभी भगवान हम पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे। यह जो भी हमें मिलता है वह सब भगवान की कृपा से मिलता है। भगवान हमेशा ही अपने आसपास होते हैं हमारे अंदर वह बसते हैं लेकिन कभी हम उन्हें ढूंढ नहीं पाए क्योंकि हम हमेशा ही बुरे कर्म करते हैं। जब हम अपने कार्य करते हैं तो हमेशा हमें चौकन्ना रहना पड़ेगा क्योंकि कोई देखे ना देखें भगवान हमें हमेशा ही देखते रहते हैं।
आज यह भी प्रश्न खड़ा हो रहा है कि यह ब्रह्मांड भगवान नहीं बनाया या स्वाभाविक रूप से ही निर्माण हुआ है। इसमें भी दो विचार है जो लोग आस्टेक है वह कहते हैं यह सब भगवान ने ही बनाया है इस सभी का निर्माता भगवान ही है। यह जो ब्रह्मांड है वह भगवान का ही रूप है भगवान का साकार सगुण रूप है। हमारे ग्रंथो में यह लिखा है कि ब्रह्मांड का निर्माता भगवान ही है उन्होंने ही यह सब बनाया है। सूर्य चंद्र तारे आकाश धरती वायु जल अग्नि इन सभी के निर्माता भगवान ही है। लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं कि ऐसा नहीं है कुछ अर्बन वर्ष पहले बहुत बड़ा विस्फोट हुआ था उसे चंद्र तारे इन सब का निर्माण हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे आकाशगंगाए तैयार हुई।
भगवान सृष्टि के कण-कण में है। सृष्टि अनंत काल तक है ना उसका आदि है ना उसका अंत है। सिर्फ इसकी अवस्था में बदलाव आते रहते है। ऐसा कहा जाता है। लेकिन आज भी बहुत सारे लोग ऐसा कहते हैं कि भगवान नहीं है। भगवान सिर्फ एक संकल्पना है। भगवान के नाम से सभी लोगों को डराया जाता है। भगवान के नाम पर कई लोगों से कई सारे कर्मकांड करवाए जाते हैं और उसके नाम पर ही पैसा इकट्ठा किया जाता है। लेकिन जो लोग आस्तिक होते हैं जो लोग भगवान को मानते हैं वह यह कहते हैं कि भगवान को देखने के लिए किसी भी कर्मकांड की पूजा अर्चना की जरूरत नहीं होती भगवान हमेशा सभी जगह पर दिखाई देते हैं। भगवान हमारे अंदर ही समय हुए हैं उन्हें कहीं जगह पर ढूंढने की जरूरत नहीं है।
यह पूरा ब्रह्मांड भगवान ने ही बनाया है। इस पृथ्वी पर सृष्टि का रूप सबसे सुंदर है। ऐसा कलाकार कोई नहीं हो सकता। लेकिन कई लोग यह भी कहते हैं कि सृष्टि अपने आप में ही एक कलाकार है वह हर रोज नया का निर्माण करती रहती है।
आज यह प्रश्न उपस्थित हो रहा है के यह ब्रह्मांड भगवान ने बनाया है या फिर स्वाभाविक रूप से अपने आप तैयार होकर आया है। यह प्रश्न जब भी उपस्थित होता है तो सभी लोग अपने-अपने तर्क वितर्क लगाते हैं। क्या सच है क्या झूठ है इसका पता किसी को नहीं है। जो लोग भगवान मानते हैं और जो लोग भगवान नहीं मानते इन दोनों को ही यह सृष्टि अपना लेती है। कई लोग अपने आसपास के सृष्टि पर विश्वास रखते हैं। उसे भगवान मानते हैं क्योंकि वह हमें बहुत कुछ देती है। आज भगवान है या नहीं यह प्रश्न उपस्थित नहीं करना चाहिए सभी को अपने कर्म अच्छे रखना चाहिए यह सबसे जरूरी बात हो गई है।
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