On this page we have given an article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ?
Debate – क्या पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ?
मानव जब बंदर से मनुष्य के रूप में परिवर्तित हुआ तब वह निसर्ग की जो नियम है उन नियमों का पालन करता था। इसी वजह से पर्यावरण और मानव की सुरक्षित रहता था। पर्यावरण से हमें बहुत कुछ मिलता है। पर्यावरण से हमें देता रहता है। हमारी जो मूलभूत जरूरते है उनकी पुर्तता पर्यावरण ही करता है। अगर पर्यावरण सुरक्षित है तो मानव सुरक्षित है। मानव पूरी तरह से पर्यावरण पर निर्भर है। मानव का अस्तित्व पर्यावरण सही है। क्योंकि मानव अपनी सभी जरूर की पूर्णता के लिए पर्यावरण पर ही निर्भर रहता है। पर्यावरण में जो भी तत्व है जैसे कि सूर्य पानी वायु मिट्टी अग्नि यह सब तत्व मानव के लिए आवश्यक होते हैं। पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ इस तरह से कई नारे पूरा में जमाने से हम सुनते आ रहे हैं। क्योंकि पेड़ पौधे यह पर्यावरण के ही घातक है और इन्हें सारे घटक उनकी वजह से पर्यावरण बनता है। तो इन्हीं सारे घटकों का हमें ख्याल रखना चाहिए। पेड़ पौधे काटने की बजाय पेड़ पौधे लगाने चाहिए। पर्यावरण से ही हमारा जीवन बेहतर बनता है। यह हमारे लिए सबसे सुंदर उपहार है।
लेकिन आज इसी पर्यावरण का अस्तित्व नष्ट होने के राह पर है। क्योंकि मानव ने विकास के नाम पर पर्यावरण को हानि पहुंचाई है। पेड़ पौधे काट दिए, नए-नए कारखाने की निर्मित की, औद्योगिकरण किया, शहरीकरण की ओर अपने कदम बढ़ाए, विज्ञान और तंत्रज्ञान इसमें भी विकास किया। लेकिन इस वजह से उसने अपने आसपास का पर्यावरण नष्ट कर दिया है। कारखाने से जो दूषित हवा और रासायनिक घातक निकलते हैं वह दोहे के माध्यम से सारी जगह पर फैल जाते हैं इससे हवा दूषित होती है। कारखाने में से जो दूषित पानी बाहर आता है वह अपनी मानव ले जाकर पीने के पानी में छोड़ देता है। इस वजह से नदियों के आसपास जो मनुष्य रहते हैं उनका स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। पानी भी दूषित हो जाता है। वह पानी पीने लायक नहीं रहता। यह पानी नदियों के आसपास रहने वाले सिर्फ मनुष्य ही नहीं पीते उसे नदी के आसपास जो जीव जंतु रहते हैं पशु पक्षी रहते हैं बहुत सारे इसी पानी का इस्तेमाल करते हैं इस दूषित पानी की वजह से उनके स्वास्थ्य पर भी असर होता है। हवा दूषित होने की वजह से भी सभी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसके वजह से बहुत सारे नए-नए रोग जन्म लेते हैं। वृद्धो को सांस लेने में भी परेशानी हो जाती है।
इसके साथ-साथ जो हम वाहन रास्तों पर चलते हैं उन वाहनों में से जो कर्कश ध्वनि निकलती है हम डीजे का इस्तेमाल करते हैं उसकी ध्वनि इन सब से बनी प्रदूषण होता है। यही ध्वनि प्रदूषण घातक हो जाता है। पेड़, पौधे, नदी, डोंगर, पहाड़, पशु, पक्षी, कीटक, मिट्टी, हिमशिखर यह सब पर्यावरण के घटक है। और इन घटकों पर हमारा कोई अधिकार नहीं है। फिर भी हम उनकी नानी करते हैं। आज पर्यावरण नष्ट होने के मार्ग पर है लेकिन फिर भी हमारा स्वार्थ काम नहीं होता इस वजह से पर्यावरण के हानि होती ही रहती है।
एक प्रदूषण पर अब हमें रोक लगाना चाहिए इसके लिए कड़े कायदे कानून बनने चाहिए लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाना चाहिए। बच्चों को पर्यावरण का महत्व समझाना चाहिए सीखना नहीं है कि पर्यावरण की रक्षा किस तरह से करनी चाहिए। पहले हमें अपनी आदतें बदलनी होगी तभी बच्चे सीख सकते हैं। आज कई सारे पर्यावरण के हित के लिए कायदे कानून बनाए गए हैं लेकिन इनका इस्तेमाल बहुत कम लोग करते हैं। लेकिन आज पर्यावरण की रक्षा करना जरूर बन गई है इस वजह से इन नियमों का पालन करना ही चाहिए। अगर कोई इन्हीं लोगों का पालन नहीं करता तो उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिली चाहिए।
क्योंकि आज मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है कि उसे अपने अगली पीढ़ी के बारे में भी सोचने का वक्त नहीं है। हम अपने विकास के लिए अपने स्वार्थ के लिए पर्यावरण के हानि कर रहे हैं। और यह गलत बात है किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। पर्यावरण पर तो हमारा कोई अधिकार नहीं है मानव की जरूरत की पूर्ति के लिए पर्यावरण की निर्मित हुई है। प्रदूषण को रोकने के लिए अनेक कानून बन गए हैं लेकिन उनका पालन बहुत कम लोग करते हैं। इस कानून के तहत कई लोगों को जेल की सजा भी हो सकती है। लेकिन इसका कोई पालन नहीं करता। पर्यावरण हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है इस वजह से इन कणों का भी पालन करना चाहिए और जो पर्यावरण में प्रदूषण फैलाते हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
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