On this page we have given an article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is रामधारी सिंह दिनकर सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय कवि हैं।
Debate – रामधारी सिंह दिनकर सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय कवि हैं।
रामधारी सिंह दिनकर इनका जन्म 23 सितंबर 1908 में हुआ था। यह एक बड़े साहित्यकार थे। इनकी कविताएं राष्ट्रवाद पर आधारित थी। उसे कल के बहुत उत्तम कवि थे। इसी वजह से उन्हें योग चरण ऐसे भी कहा जाता था। उनकी कविता राष्ट्रवाद पर होने की वजह से उन्हें बंधक और भी कहा जाता था। 1908 इस साल में उनका जन्म हुआ था। इन दिनों भारत पर अंग्रेजों का राज था। भारत को अंग्रेजों से छुड़ाने के लिए बहुत प्रयत्न किया जा रहे थे। अंग्रेज भारतीय लोगों को बहुत सताते थे बहुत तकलीफ देते थे अंग्रेजो ने भारतीय लोगों के लिए भारत की अर्थव्यवस्था डगमगने लगी। भारत पर राज करने के लिए अंग्रेज लोगों ने साम दाम दंड भेद यह चारों जितिया अपनी थी। भारत के लोगों की कमजोरी जानकारी थी अंग्रेजों ने भारत पर राज किया था। उन दिनों स्वतंत्र की लड़ाई बहुत जोरों पर थी। उन दिनों जो कभी साहित्यकार होते थे वह अपनी स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए क्या-क्या करना चाहिए और अंग्रेज लोग भारतीय लोगों को किस तरह से परेशान कर रहे हैं उनकी जानकारी साहित्य और कविता के माध्यम से लोगों तक पहुंच जाते थे।
किसी भी विषय के बारे में हम लिखकर रखते हैं उसे साहित्य कहते हैं। इस साहित्य की वजह से उसे विषय के बारे में हमें जानकारी मिलने में मदद होती है। जब अंग्रेज भारत पर राज कर रहे थे तब ऐसे ही बहुत सारे साहित्यकार और कई निर्माण हुए थे। जो अपनी साहित्य के माध्यम से लोगों मैं राष्ट्रीयता की भावना निर्माण करने का प्रयत्न करते थे। रामधारी सिंह दिनकर भी इनमें से ही एक साहित्यकार थे। रेणुका ओमकार नीम के पत्ते उर्वशी यह दिनकर जी की प्रमुख रचनाएं है। रामधारी सिंह दिनकर उनकी जो भी कविताएं या साहित्य होता था उसमें बहुत सारी मिश्रित भावनाएं होती थी। जैसे कि विद्रोह, आक्रोश, कई पर कोमल भावना, शृंगारिक भावना, कई साहित्य कविताओं से क्रांति की भावना दिखाई देती थी।
उसे कल में हमारे देश में आजादी के लिए प्रयत्न किया जा रहे थे। इन्हीं प्रयत्नों को रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपने कविताओं में स्थान दे दिया। हमारे देश के स्थिति से हमें अवगत कराया। उन्होंने लोक देव नेहरू इस नाम से एक पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में पंडित जवाहरलाल नेहरू गांधी जी इनके बारे में लिखा गया है। यह पुस्तक रामधारी सिंह दिनकर इन्होंने विनोबा भावे जी इनको अर्पण की है। स्वतंत्रता मिलने से पहले और स्वतंत्रता मिलने के बाद भी हमारे देश की लड़ाई बहुत सारे देशों के साथ हुई थी। तभी रामधारी दिनकर सिंह यह अपने किताबों के माध्यम से हमसे यह कहते हैं कि हमें हमारी दीक्षित के रक्षा के लिए हर एक प्रयत्न करना चाहिए। अपने देश की रक्षा करना गलत नहीं है और अगर हमें हमारे देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बलिदान भी देना पड़े तो भी गलत नहीं है। अगर हमारे देश की रक्षा करने की बात आती है तो हमें हमेशा ही युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए।
इसके साथ-साथ कवि दिनकर जी कहते हैं कि मनुष्य कब को कभी भी भौतिक सुखों में ली नहीं होना चाहिए। जो धर्म ने हमें सीख दी है इस धर्म पर हमें चलना चाहिए और अपनी जिंदगी सवारनी चाहिए। इस बात के लिए रामधारी सिंह दिनकर अपने कुरुक्षेत्र इस विचार आत्मक काव्य में यह कहते हैं कि जिस प्रकार अर्जुन मोह में फंसा हुआ था और कृष्णा ने उसे युद्ध के लिए तैयार किया। लेकिन हमें अर्जुन की तरह किसी भी मोह में नहीं फसना है। जो संदेश कृष्ण ने अर्जुन को दिया है की मोह हमें नहीं फंसना चाहिए हमेशा अपना कर्म करना चाहिए हमें भी इसी नियम का पालन करना है।
इसके लिए उन्हें बहुत से सम्मान और पुरस्कार भी मिले हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, रत्नाकर पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्म भूषण पुरस्कार यह पुरस्कार मिले हैं। इसके साथ-साथ उन्हें डि लीट यह उपाधि भी मिली है।
स्वतंत्र पूर्वक कल में रामधारी सिंह दिनकर जी इन्होंने बहुत अच्छा कार्य किया है। इन्होंने अपनी साहित्य के माध्यम से लोगों को जगाने का प्रयास किया है लोगों के मन में स्वतंत्रता की भावना देश के लिए प्रेम और अंग्रेज जो उनके साथ बर्ताव कर रहे उनके लिए गुस्सा निर्माण करने का प्रयत्न किया है। स्वतंत्रता संग्राम के वक्त उनके साहित्य ने भारत की जनता को अंग्रेजों के साथ लड़ने की प्रेरणा दी। इसलिए रामधारी सिंह दिनकर यह सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय कवि हैं।
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