On this page we have given an article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या कभी पूरे विश्व में शांति स्थापित हो सकती है ?
Debate – क्या कभी पूरे विश्व में शांति स्थापित हो सकती है ?
हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में शांति चाहिए होती है। हमारे जीवन में शांति का बहुत महत्व है इसी तरह से दुनिया में भी शांति स्थापित होनी चाहिए सभी के अधिकारों का रक्षण हो पाएगा। अगर हम पूरे विश्व में शांति की स्थापना करते हैं तो सभी देशों का विकास हो सकता है। दुनिया में सभी तरफ शांति होनी चाहिए अगर ऐसा हुआ तो सभी देशों के सभी प्रति के धर्म के लोग एक साथ मिलजुल कर रहेंगे। यह सभी का कर्तव्य है कि अपने देश के अंदर और अलग-अलग देश में भी शांति बनाए रखें। इससे देश के साथ-साथ मनुष्य की भी प्रगति हो सकती है। सभी के भेजो एक दूसरे के प्रति गलत धारणा है वह मिट सकते हैं। जहां पर ओम शांति होती है वहां पर कोई भी सुख समाधान से अपना जीवन नहीं बिता सकता। अगर हमें अपने जीवन में अपने आसपास और अपने देश में शांति चाहिए तो हमें एक दूसरे को सम्मान देना होगा। एक दूसरे का आदर करना होगा अहिंसा इस तत्व को मनाना होगा। इसे ही मानवता का विकास हो सकता है। इसमें ही मनुष्य का फायदा है। हम कोई भी धर्म देखें सभी धर्म हमें शांति रखने की ही सलाह देते हैं। सभी धर्म हमे शांति की ओर ही ले जाते हैं।
हमारे आसपास या अलग-अलग देश में भी और शांति बनी रहती है इसके बहुत सारे कारण है जैसे की महामारी, अति दृष्टि, पर्यावरणीय संकट, दो देशों के बीच का संघर्ष, आतंकवाद, पलायन, सभी से आगे रहने की प्रवृत्ति, ईर्ष्या ऐसे अनगिनत कारण अशांति फैलने के है। यही कारण है जो हमें और शांति की ओर और विनाश की ओर ले जाते हैं। हम अपना जीवन बेहतर बनाने के लिए अपने जीवन की शांति जो है वह नष्ट करते जा रहे हैं। और इसी तरह और संतोष का भी जन्म होता है। इसी असंतोष की वजह से एक दूसरे के प्रति हमारे मन में ईर्ष्या पैदा होती है। अलग-अलग देश में जो हथियार बनाए जाते हैं जो परमाणु बनाए जाते हैं इसकी वजह से भी देश में और शांति होती है। सभी देशों ने भले ही शांति प्रस्ताव अपनाया है लेकिन किसी पर भी विश्वास न होने के कारण सभी देश गुप्त रूप से परमाणु का निर्माण करते ही है। इसी विश्वास के कारण अशांति फैल जाती है। रोज नई-नई घटनाएं सामने आती है और इस वजह से सभी जगह पर अस्थिरता दिखाई देती है। किसी भी जगह पर संतुलन नहीं दिखाई देता। हर एक देश युद्ध में फंसा हुआ है। इसके लिए विज्ञान और तंत्रज्ञान का वह गलत इस्तेमाल कर रहा है। इसका परिणाम सभी लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
पूरे विश्व में हम शांति प्रस्थापित कर सकते हैं लेकिन हमें उसके लिए पहले एक दूसरे पर विश्वास दिखाना जरूरी होगा। देश देश के बीच जो युद्ध चलता है उसे पहले खत्म करना होगा उसके लिए निरस्त्रीकरण और शास्त्र नियंत्रण इसके कायदे कानून हर एक देश में लागू करने होंगे। सभी देशों को शांति की ओर बढ़ना चाहिए। इसके साथ-साथ पर्यावरण संतुलन इस बात पर जोर देना चाहिए। सभी को लगता है विज्ञान और तंत्रज्ञान में हमने प्रगति कर ली इसका अर्थ है हमारा विकास हो गया लेकिन यह गलत बात है जब हम सभी देशों में शांति प्रस्तावित करेंगे तभी मानव विकास की ओर बढ़ेगा।
अगर हमें शांति की प्रस्तावना करनी हो तो पहले हमें एक दूसरे पर विश्वास रखना सीखना होगा। एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर एक दूसरे के साथ आगे बढ़ना होगा। एक दूसरे को सम्मान देना होगा सभी के धर्म पंथ जाति का सम्मान करना होगा। सभी को आगे लेकर चलना होगा। तभी हम अपना विकास कर सकते हैं। किसी एक का विकास करने से पूरे देश में शांति प्रस्तावित नहीं होगी फुल स्टाफ अगर हमें शांति प्रस्तावित करनी है तो सभी को साथ लेकर चलना होगा सभी का विचार करना होगा क्योंकि हम यहां एक परिवार की तरह रहते हैं। हमारे सभी धर्म साधु संत यहां तक के बड़े-बड़े नेता भी हमें शांति प्रस्थापित करने के लिए कहते हैं। अगर सभी देशों में शांति प्रस्तावित करनी है तो पहले किसी भी देश के अंदर जो विषय होते हैं उसमें दूसरे देशों को भाग नहीं लेना चाहिए। कई विषय बैठकर सुलझ हो सकते हैं इसके लिए आक्रामक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। एक दूसरे का आदर करना चाहिए। प्रादेशिक सीमाएं जो निश्चित की गई होती है उसका सम्मान करना चाहिए। एक दूसरे पर विश्वास रखना चाहिए और शांति की नई बनानी चाहिए। तभी पूरे विश्व में शांति स्थापित हो सकती है
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