On this page we have given an article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या एक देश एक चुनाव सही ?
Debate – क्या एक देश एक चुनाव सही ?
हमारे देश लोकतंत्र पर निश्चित है। यहां पर जो लोग शासन करते हैं उनका चुनाव लोगों के द्वारा किया जाता है। इसका अर्थ यही है कि लोकतंत्र के द्वारा ही लोग अपने शासन का निर्माण करते हैं या हमारे प्रतिनिधि कौन होंगे इसका निर्णय लोग लेते हैं। लोग 5 साल के लिए अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं। अगर वह अपने कार्यकाल में काम अच्छा ना करें या लोगों को सेवाएं अच्छे तरीके से ना दे तो 5 साल बाद फिर से चुनाव होता है और तब लोग अपने प्रतिनिधियों को बदल भी सकते हैं। भारत के लोग अपने मतदान का अधिकार दिखाकर ही प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं। इसके लिए हर 5 साल बाद लोग मतदान करते हैं। 18 साल के ऊपर जो भी भारत के नागरिक हैं उन्हें मतदान का अधिकार मिला है। यह लोकतंत्र का ही एक विभाग है। लोकतंत्र यह इस देश की नींव है। हम सारे लोग इसी में ऊपर खड़े हैं। मतदान करना यह हर एक जिम्मेदारी नागरिक का अधिकार और कर्तव्य भी है। यह अधिकार संविधान हमें देता है। इस वजह से सारे लोगों को अपने इस कर्तव्य का पालन करना ही चाहिए।
चुनाव करना या फिर मतदान करना यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहां पर लोग अपने प्रतिनिधियों को देश का काम करने के लिए शासक के रूप में चुनते हैं। इनका कार्यकाल 5 साल का होता है अगर हमें इनका काम पसंद नहीं आया तो हम अगले 5 साल के लिए अपना प्रतिनिधि के रूप में कोई दूसरे व्यक्ति को हम चुन सकते हैं। हमें सरकार बदलने का भी अधिकार है।
आज जब 5 साल का शासन काल खत्म हो जाता है तो उसके बाद तीन से 5 साल में चुनाव ले लिए जाते हैं। लोकसभा में एक प्रस्ताव दिया गया है जहां पर एक देश एक चुनाव यह बात कही गई है। हम भारत देश के निवासी हैं हम सारे लोगों का देश एक ही है तो फिर चुनाव अलग-अलग क्यों? एक देश एक चुनावी यह प्रस्ताव ऐसा है कि पूरे देश के चुनाव एक ही चरण में पूर्ण किए जायेंग और इसिके के द्वारा ही जनता के प्रतिनिधियों का चुनाव होगा।
एक देश एक चुनाव इस प्रस्ताव को अगर समझी मिली तो इससे कई फायदे हो जाएंगे जैसे की चुनाव में बहुत खर्च होता है वह खर्च कम हो जाएगा। यह खर्च कई करोड़ में किया जाता है। हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं इस वजह से हमारा देश हर वक्त चुनाव के मोड में ही रहता है। इस वजह से भी देश के खजाने पर बोझ पड़ता है। अगर एक देश एक चुनाव यह भीम हमारे देश में आ जाएगी तो यह खर्च बहुत कम हो जाएगा। इसके साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्था जो है उसमें चौकन्ना रहकर काम किया जाएगा। आज मतदान कई हिस्सों में किए जाते हैं इस वजह से इसमें काफी धीमे तरीके से प्रशासन कार्य करता है। इसके साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार जो होते हैं उनके नीति नियम और कार्यक्रम यह भी सुनिश्चित हो जायेंगे। जब भी हमारे देश में चुनाव होते हैं तो आचार संहिता लागू होती है इस वजह से लोग लोगों के जो कल्याणकारी होते हैं उन पर बंधन आ जाते हैं। जब एक देश एक चुनाव यह प्रस्ताव संवत हो जाएगा तो इन योजनाओं पर कोई भी बंधन नहीं लगेगा। इससे संसाधनों के भी बचत होगी। प्रशासनिक व्यवस्था को गति आ जाएगी। क्योंकि जब भी चुनाव होते हैं तो सरकारी अधिकारियों को चुनाव की व्यवस्था करने के लिए यहां से वहां पर भागना पड़ता है। और इस वजह से वह अपने काम पर अच्छे से ध्यान नहीं दे सकते। एक देश एक चुनाव से हर एक व्यक्ति अपना काम व्यवस्थित तरीके से पूर्ण करेगा।
लेकिन कई लोग एक देश एक चुनाव के लिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका यह मानना है कि अगर आज एक देश एक चुनाव यह प्रस्ताव मान्य किया गया तो कई विधानसभाओं को उनका कार्यकाल बढ़ाना होगा या फिर कई विधानसभाओं का कार्यकाल घटना होगा। इसके साथ साथ अगर एक देश एक चुनाव इस प्रस्ताव को मान्य किया गया तो राष्ट्रीय मुद्दे जो है उनके सामने क्षेत्रीय मुद्दे गौण हो जाएंगे या फिर इसका उल्टा भी हो सकता है। लोकसभा जो होती है उसमें मथत्वपूर्ण माने जानेवाले मुद्दे राष्ट्रीय मुद्दे होते है। अगर एक देश एक चुनाव किया गया तो उनके सामने क्षेत्रीय मुद्दे जो है वह फीके पड़ जाएंगे उनको कोई महत्व नहीं देगा। इसके साथ-साथ यह भी कहा जाता है कि अलग-अलग राज्य में अलग-अलग समय पर चुनाव होते रहते हैं इस वजह से जो जनता के प्रतिनिधि होते हैं उन्हें हमेशा जनता के सामने आकर उनके प्रश्नों के उत्तर देने पड़ते हैं। अगर एक देश एक चुनाव यह व्यवस्था आ गई तो यह जनता के प्रतिनिधि वह लोगों के सामने नहीं आएंगे। उन पर कोई अंकुश नहीं रहेगा। इसके साथ-साथ यह मुद्दा भी प्रकाशित किया गया कि भारत एक बहुत बड़ा देश है इसमें आबादी भी बहुत है इस वजह से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ नहीं हो सकता।
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