On this page we have given an article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या आधुनिक तकनीक मानव सामाजिक संपर्क को बर्बाद कर रही है ?
Debate – क्या आधुनिक तकनीक मानव सामाजिक संपर्क को बर्बाद कर रही है ?
विज्ञान और तकनीक ने 21 में सदी में बहुत प्रगति कर ली है। विज्ञान और तंत्रज्ञान की वजह से मानव एक दूसरे के साथ जुड़ पाए हैं। कई सालों पहले तक मानो को एक दूसरे से संपर्क करने के लिए पत्र भेजने पढ़ते थे। या फिर तार करनी पड़ती थी। दूसरे देशों में अगर कोई सदस्य हो तो उसे तक पहुंचने में बहुत वक्त लगता था उसकी जानकारी हम तक पहुंचाने के लिए भी बहुत देरी लगती थी। इस वजह से हम एक दूसरे के साथ बहुत कम जुड़ पाए। इसके बाद टेलीफोन का इस्तेमाल किया जाने लगा। धीरे धीरे उसमें प्रगति हो गई और आज सभी के हाथ में मोबाइल, स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटॉप जैसी टेक्नोलॉजी है। इसी के वजह से ही हम एक दूसरे के साथ जुड़ पाए हैं। एक दूसरे की खबरें जल्दी हमें मिल जाती है। एक दूसरे के साथ हम कभी भी संपर्क कर सकते हैं। आज विज्ञान और तकनीक ने इतनी प्रगति कर ली है कि कई मिनट में या कई सेकंड में एक दूसरे से हम जुड़ जाते हैं। एक दूसरे की खबरें हमें मिनट में मिल जाती है। दुनिया कितनी भी बड़ी हो हम आज दुनिया के करीब आ चुके हैं। दुनिया के किसी भी कोने में कुछ घटनाएं हो रही हो वह हम तक जल्द ही पहुंच जाती है। सभी खबरों का पता हमें कुछ ही देर में लगी जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि आधुनिक तकनीक की वजह से मानव एक दूसरे के साथ सामाजिक संपर्क रख सकता है। यह संपर्क होने में कोई वक्त नहीं लगता। जहां पर एक दूसरे के साथ बातें करने के लिए कहीं महीना लग जाते थे वहां पर कई मिनट में हम एक दूसरे से जुड़ पाते हैं। मतलब हम एक दूसरे के बहुत करीब आ चुकी है दुनिया बहुत पास आ चुकी है ऐसा कहा जाता है। और यह सब मुमकिन हुआ सिर्फ विज्ञान और तकनीक के विकास से। आज मोबाइल में भी कई एप्स होते हैं जिनके जरिए हम एक दूसरे के साथ घंटा जुड़े रहते हैं जैसे कि व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम। एप्स की वजह से हम कभी भी एक दूसरे को देख पाते हैं। वीडियो कॉल के द्वारा एक दूसरे से बातें कर सकते हैं मोबाइल चैटिंग के जरिए हम घंटो तो एक दूसरे के साथ बातें कर सकते हैं। इस तकनीक का हम जितना इस्तेमाल करेंगे उतना कम ही है।
लेकिन मनुष्य को इस टेक्नोलॉजी का गुलाम नहीं बना है। आज मनुष्य इन गैजेट्स के अधीन होता जा रहा है। सुबह उठते ही और रात को सोते वक्त इंगेज का इस्तेमाल वह कर लेता है। दिन में 24 घंटे वह उनके पास रहता है। मनुष्य इस दुनिया को तो पास लेकर आ गया लेकिन खुद अपने आसपास के लोगों से अपने परिवार के लोगों से बहुत दूर होता गया है। कई लोग कहते हैं कि इस तकनीक की वजह से मनुष्य की जिंदगी में दुखों की वृद्धि हो गई है। अगर हमें कोई भी खबर अपने नजदीकी लोगों तक पहुंचने हो या फिर अपने पड़ोसी के घर में देनी हो तो भी हम अपने फोन का इस्तेमाल कर लेते हैं या फिर व्हाट्सएप से उसे मैसेज भेज देते हैं। आज मनुष्य इस तकनीक के इतने अधीन हो गया है कि वह अपने पड़ोसी के घर जाने के लिए भी तैयार नहीं रहता।
मनुष्य अपने आसपास के लोगों से इस टेक्नोलॉजी वजह से दूर हो रहा है वह अपने ही लोगों से दूर होता जा रहा है। उसका सामाजिक संपर्क काम हो रहा है। कई बार तो हम फोन भी नहीं करते एक मैसेज भेज देते हैं और उसका रिप्लाई आने तक राह देखते रहते हैं। मतलब हमें 1 मिनट का फोन करने के लिए भी हमारे पास वक्त नहीं होता। या फिर हम वह फोन करने के लिए आलस कर देते है। मनुष्य समाज में रहने वाला व्यक्ति है। उसे हम समाज से दूर नहीं कर सकते। लेकर इस तंत्रज्ञान में हमें समाज से दूर कर दिया है। हमारी सामाजिक लगाव को यह तंत्रज्ञान बर्बाद कर रहा है।
इस तंत्रज्ञान ने जब दुनिया को पास लाया है तो हम अपने आसपास के लोगों से अपने रिश्तेदारों से अपने परिवार से आस पड़ोस के लोगों से दूर क्यों जा रहे हैं इसका विचार हमें ही करना होगा। तंत्रज्ञान का उपयोग करना यह तो अच्छी बात है लेकिन इस पर कई निर्बंध लगाने चाहिए। नहीं तो हम अपने लोगों से दूर हो जाएंगे।