Chhattisgarh State Class 6 Hindi Chapter 10 हम पंछी उन्मुक्त गगन के Solution
Chhattisgarh State Board Class 6 Hindi Chapter 10 हम पंछी उन्मुक्त गगन के Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
हम पंछी उन्मुक्त गगन के
1.) पिंजर बद्ध पंछी के क्या–क्या अरमान थे?
पिंजर बद्ध पंछी आसमान में उड़ने चाहते थे। अपनी चोंच से आसमान की सीमा को छुना चाहते थे। वहाके अनार रूपी दानोंको खाना चाहते थे।
2.) हर तरह की सुख–सुविधाएँ पा कर भी पक्षी पिंजरे में बन्द क्यों नहीं रहना चाहता है?
पक्षियोंको पिंजरे ने कितनी भी सुख सुविधाएं दे दे। इनकी मंशा आसमान में ऊंची उड़ान भरने की होती है। जब वे स्वतंत्र होते हैं तब वह आनंदी महसूस करते है।
3.) पुलकित पंखों का आशय क्या है?
पुलकित पंख मतलब प्रसन्नता से उत्साह से भरे हुए पंख।
4.) स्वर्ण… श्रृंखला के बंधन में अपनी गति, उड़ान सब भूले से कवि का क्या आशय है?
यह सुंदर सुंदर पंछी आसमान में उड़ना भूल गए हैं यह इसीलिए हुआ है क्योंकि वह सोने के पिंजरे में बंद है।
5.) उन्मुक्त गगन के पंछी से क्या आशय है?
उन्मुक्त गगन के पंछी इससे कवि का मतलब है की यह पंछी जो इस स्वतंत्र गगन में बेफिकर, मस्ती में उड़ान भरते थे वह अब पिंजरे में बंद है।
6.) कनक तीलियों से कवि का क्या आशय है?
कनक मतलब सोना कवि यह कहता है की पंछी इस सोने की तिलियो में बंद है।
निम्नलिखित पद्यांशों का अर्थ स्पष्ट कीजिए-
क.) ऐसे थे अरमान कि उड़ते नील गगन की सीमा पाने.
लाल किरण-सी चोंच खोल चुगते तारक-अनार के दाने।
पिंजरे में बंद पंछी यह कहते है कि हमें स्वतंत्र आकाश में उड़ना है। आकाश की सीमाओं को पंछी छुना चाहते है। अपनी लाल चोंच से उन्हें आसमान में जो तारे रुपी अनार के दाने है, उन्हें चुगना है।
ख.) नीड़ न दो चाहे टहनी का आश्रय छिन्न–भिन्न कर डालो।
लेकिन पंख दिए है तो, आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।
यह पंक्तियों के माध्यम से पंछी यह कहना चाहते हैं कि हमें घोंसला बनाने के लिए, छाव मिलने के लिए, आश्रय के लिए टहनी मत दो। हमे सिर्फ इस पिंजरे में बंद कर के मत रखो। हमे आसमान में उड़ने दो।
पाठ से आगे
1.) आपको कोई पिंजड़े में बंद कर दे किन्तु आपकी आवश्यकता की सारी सुविधाएँ दे तो क्या आप पिंजड़े में बंद रहना पसन्द करेंगे? हाँ अथवा नहीं कारण सहित उत्तर दीजिए।
नहीं, अगर हमें कोई भी पिंजरे में बंद करके रखें और सारी सुख सुविधा दे तो भी हम उसे पिंजरे में बंद रहना पसंद नहीं करेंगे। क्योंकि हमें हमारी आजादी उसे पिंजरे से उसे सुविधा उनसे ज्यादा प्रिय है।
2.) मनुष्य की वर्तमान जीवन शैली पक्षियों को किस प्रकार से प्रभावित कर रही है? शिक्षक एवं अपने साथियों से चर्चा कर लिखिए।
मनुष्य की वर्तमान शैली पक्षियों को हानि पहुंचा रही हैं। मनुष्य पेड़ पौधों की कटाई करते जा रहा है। इसीलिए पक्षियों को रहने के लिए जगह नहीं बची है। शहरों में कारखाने की उत्पत्ति हो रही है इसलिए प्रदूषण बढ़ रहा है, पेड़ ,पौधे काटने की वजह से बारिश की मात्रा कम हो गई है। इसीलिए गर्मी में पानी की समस्या बढ़ रही है। पंछियों को भी गर्मी में पानी नहीं मिलता। इसलिए वह गर्मी से तड़प कर मर जाते हैं।
3.) घरों में लोग पक्षी पालकर पिंजरे में रखते हैं। पिंजरे में बंद पक्षी क्या सोचता होगा?
पिंजरे में बंद पक्षी सोचता होगा कि मुझे भगवान ने इतने अच्छे पंख दिए हैं। उन पंखों में उड़ने की क्षमता है। लेकिन इस पंजरे में बंद होने की वजह से मैं आसमान में उड़ नहीं सकता, आसमान की सीमा को मैं छू नहीं सकता। यह कितनी दुख की बात है।
4.) परतंत्रता की चिकनी–चुपड़ी रोटी से स्वतंत्रता की रूखी–सूखी रोटी अधिक अच्छी होती है। इस कथन के समर्थन में अपने विचार लिखिए।
परतंत्रता की चिकनी चुपड़ी रोटी से स्वतंत्रता की रूखी सूखी रोटी सबको अधिक प्यारी लगती है, क्योंकि कोई भी परतंत्रता में रहना पसंद नहीं करेगा। सब को अपनी अपनी आजादी पसंद होती है। सबको अपने-अपने आसमान में उड़ने की इच्छा होती है। इसलिए कोई भी स्वतंत्र रहने की इच्छा रखता है। परितंत्र रहकर दूसरों के अधीन होने की इच्छा किसी को भी नहीं होती।
5.) पक्षियों को आसमान में उड़ते देखकर आपके मन में क्या–क्या विचार उठते हैं? समूह में चर्चा कर लिखिए।
पक्षियों को आसमान में उड़ते देख बहुत अच्छा लगता है। यह स्वतंत्र पंछी है अपने मन से कहीं भी जा सकते हैं। उन्हें आसमान में उड़ना पसंद है और वह यही काम करते हैं। आसमान में उड़ते हुए पंछी सभी को अच्छे लगते हैं।
6.) पिंजरे में बंद पक्षी और एक स्वछद पक्षी दोनों की जीवन शैली में क्या–क्या समानताएँ और अंतर होते है। विचार कर लिखिए।
पिंजरे में बंद पक्षी होते हैं वह आसमान में उड़ नहीं सकते। उन्हें उसी पिंजरे में खाना-पीना दिया जाता है। लेकिन जो स्वतंत्र पक्षी होते हैं वह अपना खाना खुद ढूंढ लेते हैं। वह खुले आसमान में उड़ते हैं।
7.) पतंग की उड़ान, पक्षियों की उड़ान बातों की उड़ान आदि इन तीनों तरह की उड़ानों के संबंध में आपने लोगों को बात करते सुना होगा अथवा स्वयं अनुभव किया होगा। इनमें क्या फर्क है लिखिए।
पतंग आसमान में बहुत दूर तक उड़ती है लेकिन उस पतंग की डोर किसी मनुष्य के हाथ में होती है।
पंछी खुले आसमान में उड़ते हैं और इसका वह आनंद भी उठाते हैं।
कोई व्यक्ति सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कहता है। इससे बातों की उड़ान कहते हैं। वह सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर सकता है लेकिन वास्तव में कुछ भी नहीं कर सकता।
भाषा
1.) पानी, नीर, अम्बु आदि जल के पर्यायवाची हैं। (प्राय समान अर्थ या आशय का बोध कराने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है) पाठ में आए निम्नलिखित शब्द के पर्यायवाची दिए गए हैं इनमें से गलत पर्यायवाची शब्द की पहचान कीजिए।
1.) गगन – अम्बर, नम, अनन्य, आसमान
अनन्य
2 किरण– कर, रश्मि, पद्म, अंशु
कर
3.) आश्रय– सहारा, आधार, अवसान, अवलंबन
अवसान
4.) नीड़– घोसला, मॉद, उद्यम
उद्यम
5.) पंख– पर, डेन, परंतु
परंतु
6.) जल– वारि, अम्बु, वारिधि, नीर
वारिधि
7.) वृक्ष– पादप, दारू, दरख्त, दोलन
दोलन
8.) आसमान–आकाश, अनिल, व्योम, अंबर
अनिल
9.) कनक– राकेश, स्वर्ण, सोना, धतूरा
राकेश
10.) पक्षी– खग, पक्ष, पखेरु, पंछी
पक्ष
2.) कविता में पक्षी, स्वर्ण, विघ्न, स्वप्न, श्वास आश्रय, श्रृंखला, उन्मुक्त जैसे शब्द आए हैं जिन्हें हम तत्सम शब्द कहते हैं (तत्+सम 1 = उसके समान)। आधुनिक भारतीय भाषाओं में प्रयुक्त ऐसे शब्द जिनको संस्कृत से बिना कोई रूप बदले ले लिया गया है तथा जो सीधे संस्कृत से आये है.) तत्सम शब्द कहलाते हैं। दिए गए तत्सम शब्दों का अर्थ अपनी भाषा में स्पष्ट करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
पक्षी- पंछी
पंछी आकाश में उड़ते हैं।
स्वर्ण- सोना
मां ने सोने की चैन मुझे पहनने के लिए दे दी।
विघ्न- संकट
गणेश जी को विघ्न हर्ता भी कहते है।
स्वप्न- सपना
मेरा स्वप्न है कि मैं एक शिक्षिका बनू।
श्वास – सांस
उसे सांस लेने में दिक्कत होती हैं।
आश्रय- निवारा
वह अनाथ आश्रम में रहता है।
श्रृंखला- चैन
प्रकृति की श्रृंखला होती हैं।
उन्मुक्त- स्वतंत्र
हर सजीव स्वतंत्र होता हैं।
कनक- तीलियों, स्वर्ण-श्रृंखला पाठ में इस प्रकार के शब्दों में योजक चिह्नों का प्रयोग हुआ है। योजक चिह्न (Hypen)दो शब्दों को जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। योजक चिह्न वाले शब्दों को कविता से छाँटकर लिखिए।
भूखे -प्यासे
कनक – कटोरी
नील – गगन
तारक – अनार
होड़ा – होड़ी
3.) प्रस्तुत कविता से अनुप्रास अलंकार का उदाहरण ढूँढकर लिखिए।
पुलकित पंख टूट जाएंगे।
कनक कटोरी की मैदा से।
नील गगन की सीमा पाने।
5.) हम पंछी उन्मुक्त गगन के इस कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
इस कविता के माध्यम से कवि यह कहते है की हर एक को स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार होता हैं। पारतंत्र्य में रहके अगर सोना भी दिया जाए तो उसकी कोई कीमत नहीं होती। जैसे- पिंजरे में बंद पंछी को कितना भी अच्छा खाना दो उसे उसकी स्वतंत्रता ज्यादा प्रिय होती हैं।