Chhattisgarh State Class 5 Hindi Chapter 25 चमत्कार Solution
Chhattisgarh State Board Class 5 Hindi Chapter 25 चमत्कार Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
चमत्कार
प्रश्न 1. स्वामी ने जतिन के पेट में दर्द होने का क्या कारण बताया?
जतिन के पेट में पथरी होने से जतिन का पेट दर्द कर रहा है यह कारण स्वामी जी ने बताया।
प्रश्न 2. स्वामी ने किस ढोंगी प्रक्रिया से जतिन के पेट का दर्द दूर किया?
स्वामी जी ने जतिन के पेट पर चुने का पानी लगा दिया। उसके बाद अपने हाथ में कंकर और हल्दी का चूर्ण छिपा लिया। उसके बाद स्वामी जी ने उस हाथ को जतिन के पेट पर फेरना शुरू कर दिया। चूने का पानी और उसे पर हल्दी का चूर्ण लगने से वहां पर लाल रंग आना शुरू हो गया। जिससे लोगों ने खून समझ लिया। जब चुनाव और हल्दी का चूर्ण मिल जाता है तब उसका रंग लाल हो जाता है। बाद में स्वामी जी ने अपने हाथ में जो कंकर छुपाया था वह सब लोगों को दिखाया और उससे पथरी बता दिया।
प्रश्न 3. राहुल ने स्वामी के ढोंग की पोल कैसे खोली ?
स्वामी के पास जो नारियल रखा था उसे राहुल ने बदल दिया और उनके पास जो शीशी थी उसमें जो द्रव्य पदार्थ था उसको भी राहुल ने बदल दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि स्वामी जी जब चमत्कार दिखाने लगे तो उसका परिणाम नहीं दिखा। इस प्रकार राहुल ने स्वामी जी के ढोंग की पोल खोल दी।
प्रश्न 4. नारियल से फूल कैसे निकले?
नारियल पर तीन आंखें होती है उस दिन आंखों में से स्वामी जी ने एक आंख पर एक छिद्र बना दिया और उसमें से मोगरे की कालिया अंदर डाल दी। जो अंदर जाकर फूल बन गई। इसी प्रकार स्वामी जी ने नारियल से फूल निकाले।
प्रश्न 5 रोशन ने क्या-क्या चमत्कार दिखाए?
रोशन ने नारियल की अंदर से फूल में काले कागज के टुकड़ों पर शीशी में रखा द्रव पदार्थ डालकर उसे कागज को जलाकर दिखा दिया यह चमत्कार रोशन ने दिखाएं।
प्रश्न 6. भीड़ स्वामी जैसे लोगों के ढोंग से क्यों प्रभावित हो जाती है?
स्वामी जैसे ढोंगी लोगों से भीड़ प्रभावित होती है क्योंकि वहां पर उन्हें चमत्कारिक बातें दिखाई देती है। लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि यह बातें चमत्कारिक नहीं वैज्ञानिक है इनको ही स्वामी जैसे लोग दैवीय शक्ति का नाम देते हैं।
प्रश्न 7. बीमार पड़ने पर हमें किसी साधु के पास जाना चाहिए या डॉक्टर के पास? कारण सहित उत्तर लिखो ।
बीमार होने पर हमें डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि डॉक्टर उसका सही इलाज बता सकता है और उस पर उपचार कर सकता है। ढोंगी लोग या फिर साधु जैसे लोग हमारे अज्ञान का गलत फायदा उठाते हैं।
भाषातत्व और व्याकरण
प्रश्न 1. नीचे लिखे मुहावरों के अर्थ लिखो और वाक्यों में प्रयोग करो।
पोल खोलना – छुपाया गया सत्य बाहर आना
राहुल अपनी मां को उपहार देके आश्चर्यचकित करना चाहता था लेकिन दीदी ने उसकी पोल खोल दी।
हैरान रह जाना- दंग रह जाना।
जादूगर के चमत्कार देख सब लोग हैरान रह गए
वाहवाही लूटना – सबसे शाबाशी ले लेना।
राधा ने परीक्षा मैं अच्छे अंक लाकर सब की वाहवाही लूटी।
भस्म कर देना- नष्ट कर देना, रख कर देना
रामू में महत्वपूर्ण कागज अग्नि में डालकर भस्म कर दिए।
खुसुर-फुसुर करना- चुगली करना
आप कितने भी अच्छे बनो आसपास के लोग सिर्फ खुसुर फुसुर करना जानते हैं।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द और उनके आगे या पीछे जुड़े शब्दांश अलग-अलग करके लिखो-
उपयोग- उप+ योग
लूटनेवाला- लूटने + वाला
रासायनिक- रसायन + इक
विज्ञान- वि + ज्ञान
प्रदर्शन – प्र+ दर्शन
प्रश्न 3. उचित विभक्ति चिह्न लगाकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करो-
क. स्वामी जी जतिन को एक ऊँची जगह लिटा देते हैं।
ख. स्वामी जी जतिन की कमीज उठाकर देखते हैं।
ग. स्वामी जी पेट में दर्द हो रहा है।
घ.पेंसिल से लिखो।
ड. नाटक में सभी पात्रों ने अच्छा अभिनय किया।
संबोधन के पश्चात् संबोधन चिह्न (!) लगाया जाता है, जैसे- स्वामी जी! मेरा पुत्र
बीमार है।
यह क्या स्वामी जी महाराज! (आश्चर्य)
ओह! अनर्थ (दुख)
संबोधन के बहुवचन शब्दों में अनुनासिक का प्रयोग नहीं होता, केवल अंतिम अक्षर का
‘ओ’ से अंत हो जाता है। उदाहरण पढ़ो और समझो।
लड़को मैदान में खेलो।
लड़कों! मैदान में खेलो।
पहले वाक्य में प्रयुक्त ‘लड़को शब्द शुद्ध है दूसरे वाक्य में लड़को प्रयोग अशुद्ध है।
प्रश्न 4. नीचे लिखे वाक्यों के रिक्त स्थानों में बहुवचन शब्दों का प्रयोग ( दर्शक )
क दर्शकों ने तालियाँ बजाई।
ख. बच्चों को देखकर आनंद आ गया (बच्चा)
ग.महिलाओं के द्वारा सफाई अभियान चलाया गया। (महिला)
घ. बालकों । कल विद्यालय मत आना (बाल)
ड. युवकों की स्वामी से झड़प हुई। (युवक)
इस एकांकी की कथा को अपने शब्दों में लिखो ।
एक स्वामी जी वह अपने चमत्कार से लोगों के दुख दर्द दूर करते थे। उनकी सभी जगह चर्चा होती थी। यही सुनकर एक मां उसके बेटे को लेकर स्वामी जी के पास आई और कहने लगी स्वामी जी मेरे बच्चे के पेट में बहुत दर्द है।आप इसका उपचार कीजिए। तब स्वामी जी ने उससे कहा अरे आप ऐसे मत करो मैं तो यहां पर अपनी चमत्कार दिखाने बैठा हूं। आप सिर्फ अपनी परेशानी बताओ। उस बच्चों की मां ने कहा के स्वामी जी मेरे बच्चे के पेट में बहुत दर्द होता है।स्वामी जी ने उसके पेट पर हाथ फिराया और कहा कि इसके पेट में तो पथरी है। उसकी मां घबराने लगी लेकिन स्वामी जी ने कहा कि घबराओ मत में इसको ठीक कर दूंगा। स्वामी जी ने उसे एक जगह लिटा दिया और उसके पेट पर चूने का पानी लगा दिया। उसके बाद अपने हाथ में हल्दी और कंकर छुपा लिए और उसके पेट पर से हाथ फिराने लगे। चूने का पानी हल्दी को लगते ही उसका रंग लाल हो गया। तब उसकी मां घबरा गई। लेकिन थोड़ी देर बाद वह शांत हो गई, क्योंकि स्वामी जी ने हाथ में हाथ में जो कंकर छुपा लिए थे उससे उसकी मां को दिखा दिया। यह देखो उसके पेट में जो पथरी थी वह मैंने निकाल दी और सभी से कहने लगे कि देखो अभी इसके पेट पर घाव भी नहीं है। उसके बाद स्वामी जी ने अपना दूसरा जादू दर्शकों को दिखाना शुरू कर दिया उन्होंने एक नारियल लिया और कहा अब मैं इसमें से फूल बरसाऊंगा। लेकिन उसमें से कोई भी फूल नहीं बरसे। तब राहुल उनके सामने आ गया और कहा यह क्या स्वामी जी यह नारियल तो खाली है इसमें से कुछ नहीं निकला आपका चमत्कार कहा गया? तब स्वामी जी ने उससे कहा कि यह क्या बक रहे हो ? तब रोशन आ गया और स्वामी जी से उसने कहा कि यह चमत्कार मैं करके दिखाऊंगा। उसने अपने पास से नारियल था उसे जमीन पर पटका और सबको दिखा दिया कि वहां पर ढेर सारी मोगरे के फूल थे। तब स्वामी जी गुस्सा होने लगे और कहा अब मैं आपको दूसरा चमत्कार दिखाऊंगा। उन्होंने कागज के टुकड़े लिए और उस पर शीशी में से एक द्रव पदार्थ डाला। लेकिन उसमे आग नहीं लगी। तब फिर से राहुल ने कहा कि यह क्या यह भी चमत्कार आपका बेकार गया। तब रोशन ने यह चमत्कार करके सब को दिखाया। तब जाकर उस साधु का ढोंग सबके सामने आ गया। इंस्पेक्टर जी ने उसको पकड़ लिया। तब स्वामी जी उनसे कहने लगे कि आप यह क्या कर रहे हैं मैं आप को भस्म कर सकता हूं। इंस्पेक्टर जी ने साधु को पकड़ लिया और राहुल ने इसके पीछे की कहानी सबको बता दी।
नीचे बने चित्रों को देखो और उसके आधार पर एक कहानी बनाकर लिखो।
ट्रेन से एक परिवार यात्रा कर रहा था मां बाबा और उनके दो बच्चे थे। वह ट्रेन से अपने गांव जा रहे थे। सभी लोग मस्ती मजाक करते हुए यात्रा कर रहे थे। तभी वहां पर एक साधु बाबा आए और वह भी उनके साथ घुल मिल गए। थोड़ी देर बाद खाना खाने का समय शुरू हुआ। तो सब ने अपने-अपने पोटली में से कुछ ना कुछ खाने के लिए वस्तुएं निकाल दी। इस बाबा जी ने भी अपने साथ लाई हुईं खाने की चीजे बाहर निकाल दी और सबको बांटने लगे। सबने उनके पास से खाने की चीज ली और खाली। थोड़ी देर बाद सबको नींद आने लगी सब लोग सो गए। तभी उसे बाबा जी ने उनका सामान उठाया और वहां से चल पड़े। दूसरे दिन उन सब लोगों की नींद खुलती गई और देखा तो उनका सामान वहा पर नहीं था। कई देर बाद सामान ढूंढने से उनको पता चला कि बाबा जी भी इस ट्रेन में नहीं है। जब वह परिवार ट्रेन से नीचे उतरा तब उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज की।