Telangana SCERT Solution Class IX (9) Hindi Chapter 14 ल्हासा की ओर
ल्हासा की ओर
प्रश्न
1.) बूंद को क्या चिंता थी?
बोल अब तक बादलों की गोद में थी। मतलब उसके खुद के घर में थी। अब वह बादलों को छोड़ आगे बढ़ गई। अब जमीन पर गिरने के बाद क्या होगा इस बात की चिंता बूंद को थी।
2.) घर से निकल कर बूंद मोती बन गई। यदि वह घर से न निकलती तो क्या होता?
यदि बूंद घर से ना निकलती हो वह मोती नहीं बनती। वह बूंद बन कर ही रह जाती।
3.) साहस करके घर से बाहर निकलने वाले लोग ही कुछ कर पाते हैं। स्पष्ट कीजिए।
अगर हमें अपने जीवन में कुछ बनना है कुछ हासिल करना है तो हमें संघर्ष करना होगा। साहस दिखाना होगा, मुश्किलों का सामना करना होगा, कठिनाइयों को पार करना होगा। अगर हम हार जाएंगे तो हम कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। हमें अपने जीवन में साहस दिखाना बहुत जरूरी है। इसीलिए साहस करके जब हम लोग अपने घर से बाहर निकलते हैं तभी कुछ बन पाते हैं।
अर्थग्राह्यता प्रतिक्रिया
विचार-विमर्श
1.) यदि आपको मौका मिले तो आपके क्षेत्र की यात्रा पर जाना चाहेंगे? क्यों? यह प्रश्न अपने मित्रों से भी पूछिए।
मैं और मेरे सभी दोस्त हम किलो की सैर पर जाना चाहेंगे। हमारे महाराष्ट्र में बहुत सारे किले है अलग-अलग जगह पर है कई किले पर्वतों के ऊपर है, तो कई किले जमीन पर है, समुंदर में भी किले हैं। इन सभी किलों की सैर हम करना चाहेंगे।
2.)” हालांकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी ख्याल करना चाहिए था।” उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार – व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित? विचार व्यक्त करें।
अगर सामने वाला व्यक्ति गंदे कपड़े पहन कर आ जाए या उसके कपड़े पर दाग धब्बे लगे हो, मिट्टी से उसके कपड़े गंदे हो गए हो तो हमें लगता है कि उस व्यक्ति को कपड़े पहनने का या कपड़े धोने का तरीका नहीं आता। या फिर वह व्यक्ति की परिस्थिति ठीक नहीं होगी। लेकिन अगर कोई व्यक्ति साफ-सुथरे कपड़े पहन कर आ जाए तो हमें अच्छा लगता है। हमें ऐसा लगता है कि वह व्यक्ति अच्छे घर से है। उसके विचार भी अच्छे होंगे।
परंतु यह गलत बात है कपड़ों से किसी की पहचान नहीं हो सकती। कोई गरीब घर का हो और उसके कपड़े मैले हो फिर भी उसका आचरण अच्छा हो। तो वह व्यक्ति भी अच्छा होगा। लेकिन किसी के कपड़े बहुत अच्छे हैं, लेकिन उसका आचरण सही नहीं है तो, कितने भी अच्छे कपड़े वह व्यक्ति पहने वह हम गलत ही दिखेगा। इसकी वजह से कपड़ों से किसी की जांच करना ठीक नहीं है।
3.) क्या आपके किसी परिचित को घुमक्कड़ /यायावरी का शौक है उसके इस शौक का उसकी पढ़ाई /काम पर क्या प्रभाव पड़ता होगा चर्चा कीजिए।
मेरी नजर में एक व्यक्ति ऐसा है जो बहुत ज्यादा घुमक्कड़ हैl हर सप्ताह में वह अपने फैमिली को घूमने फिरने ले जाता हैl नई-नई जी की जगह दिखाता हैl नई-नई जगहों के बारे में उन्हें जानकारी देता हैl वह कभी भी अकेला नहीं जाताl अपने बच्चों के साथ अपने मां बाबा के साथ वहां घूमने जाता हैl लेकिन हर सप्ताह जाता हैl इसीलिए इसके बाकी सारे काम वही के वही धरे रह जाते हैं और बच्चों की पढ़ाई भी। घुमक्कड़ होना, नई जगह जाना उनके बारे में जानकारी लेना यह कोई गलत बात नहीं है। लेकिन हमें अपना काम भी करना चाहिए, बच्चों को उनके पढ़ाई पर भी ध्यान देना चाहिए यह भी जरूरी हैl
पढ़ना भाव समझना भाव विस्तार
क. पाठ में उत्तर ढूंढिए।
1.) इनसे संबंधित पंक्तियाँ पाठ में ढूंढकर लिखिए।
नेपाल तिब्बत मार्ग –
वह नेपाल से तिब्बत का मुख्य रास्ता है। फरी- कलिड्पोड् का रास्ता जब नहीं खुला था, तो नेपाली ही नहीं हिंदुस्तान की भी चीजे इसी रास्ते तिब्बत जाया करती थी। यह व्यापारिक ही नहीं सैनिक रास्ता भी था, इसीलिए जगह जगह फौजी चौकियाँ और किले बने हुए हैं, जिनमें कभी चीनी पलटन रहा करती थी। आजकल बहुत से फौजी मकान गिर चुके हैं।
डाँडाँ थोड्ला का वन-
अब हमें सबसे डाँडाँ थोड्ला विकट पार करना था। डाँडे तिब्बत में सबसे खतरे की जगह है। 16- 17 फीट की ऊंचाई होने के कारण उनके दोनों तरफ मिलो तक कोई गांव गिराव नहीं होती। नदियों के मोड और पहाड़ों के कोनों के कारण बहुत दूर तक आदमी को देखा नहीं जा सकता। डाकू के लिए यही सबसे अच्छी जगह है।
तिब्बत की तेज़ धूप-
तिब्बत की धूप भी बहुत कड़ी मालूम होती है। यद्यपि थोड़े से भी मोटे कपड़े से सिर ढक लो तो गर्मी खत्म हो जाती है। आप 2:00 बजे सूरज की ओर मुंह करके चल रहे हैं, ललाट धुप से जल रहा है और पीछे का कंधा बर्फ हो रहा है।
2.) लेखक लड़्कोंर के मार्ग में अपने साथियों से किस प्रकार पिछड़ गए?
लेखक का घोड़ा ऊंचाई के कारण बहुत धीरे-धीरे चल रहा था इसीलिए लेखक लड़्कोंर के मार्ग में अपने साथियों से पिछड़ गए।
3.) लेखक ने शेखर विहार में सुमति को उनके यजमान उनके पास जाने से रोका, परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
दूसरी बार लेखक मंदिर में जो पोथिया रखी हुई थी, हस्तलिखित पोथियां, उनका वह अध्ययन करना चाहते थे। इसीलिए दूसरी बार सुमति को उनके यजमान उनके पास जाने से नहीं रोका।
ख. पाठ समझकर उत्तर दीजिए।
1.) थोड्ला के पहले आखिरी गांव पहुंचने पर भीख मंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?
दूसरी यात्रा के समय लेखक भद्र वेश में थे। वहां के लोगों को ऐसा लगता था के भद्रे वेश मतलब जो लोग चोरी करते हैं वह ऐसे दिखते हैं। इसीलिए वहां के लोगों ने लेखक को अपने घर में जगह नहीं दी। इसलिए लेखक को वहां रहने के लिए उचित स्थान नहीं मिल सका।
2.) उस समय की तिब्बत मैं हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय रहता था?
तिब्बत में हथियार रखने के लिए कोई कानून नहीं है। वहां पर लोग खुलेआम बंदूक रख सकते हैं। क्योंकि पहाड़ी इलाका होने के कारण वहां पर चोरों का भय रहता है। वह चोर लोगों को मारकर उनका सामान चुरा लेते थे। इसलिए वहां के लोग अपने पास हथियार रखते थे। लेकिन इस हथियार से अब यात्रियों को मारे जाने का भय रहता है।
3.) अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
तिब्बत में पहाड़ी रास्ता होने के कारण वहां पर चोरों का भय अधिक रहता था। लेखक को हर वक्त अपनी वेशभूषा बदलनी पड़ती थी। ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता था, और इसने सबसे ज्यादा चोर, डाकुओं का भय भी रहता था। इन कठिनाइयों का सामना लेखक को करना पड़ता था।
ग. पढ़ने की योग्यता का विस्तार
प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रश्न
1.) कौन सी आपदा को सुनामी कहा जाता है?
ज्वालामुखी और भूकंप जब भी होता है तब समुद्र में हलचल मची है और बड़ी-बड़ी लहरें उठती है इसी को सुनामी कहा जाता है।
2.) ‘दुख जीवन को मानता है उसे आगे बढ़ने का हुनर सिखाता है।’आशय स्पष्ट कीजिए।
हमें हमेशा कठिनाइयों का मुश्किलों का सामना करके आगे बढ़ना होगा। ऐसी स्थिति में हमें निराश नहीं होना है बल्कि इन परिस्थितियों का सामना करना है और आने वाले मुश्किलों के लिए तैयार रहना है ।
3.) मैगी मेघना और अरुण ने सुनामी जैसे आपदा का सामना किस प्रकार किया?
मैगी, मेघना और अरुण इन तीनों ने सुनामी का डटकर सामना किया। उन्होंने हार नहीं मानी, वह अपने प्रयत्न करते रहे, अनेक कठिनाइयों का सामना किया। अपनी सूझबूझ से इस आपदा से बहुत दिनों बाहर निकले।
4.) प्रस्तुत अध्ययन में ‘दृढ़ निश्चय’ और ‘महत्व’ के लिए किन शब्दों का प्रयोग हुआ है?
दृढ़ निश्चय के लिए बुलंद इरादे और महत्व के लिए अहमियत इन शब्दों का प्रयोग प्रस्तुत अध्ययन में हुआ है।
5.) इस गद्यांश का एक शीर्षक नाराज समुद्र हो सकता है। आप अन्य कोई शीर्षक दीजिए।
सुनामी का सामना
अभिव्यक्ति सृजनात्मकता
स्वाभिव्यक्ति
क. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार पाँच वाक्यो में लिखिए।
1.) सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गांव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?
सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग लेखक को हर गांव में मिले। इससे पता चलता है, कि सुमति के यजमान हर एक की मदद करते थे। उनका स्वभाव अच्छा था, प्रामाणिक था उनके इसी स्वभाव के वजह से लोग उन्हें बहुत पसंद करते थे।
2.) पहाड़ी क्षेत्रों में यातायात के साधन कम होते हैं। होते भी है तो अनोखे। इस बारे में अपने विचार लिखिए।
पहाड़ी क्षेत्रों में आज भी चढ़ाई करने के लिए घोड़े जैसे पालतू पशुओं का उपयोग किया जाता है, उनकी मदद ली जाती है। वहां की प्रकृति देखकर वहा घोड़े पालना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्हें चढ़ाई करने के लिए इनकी जरूरत पर पड़ती होगी। यह समझ में आती है। ऐसे जगहों पर यातायात के साधन संपत्ति कितनी होगी यह भी एक प्रश्न है।
3.) लेखक ने यह यात्रा सन 1929-30 में की थी। वर्तमान समय में यदि तिब्बत की यात्रा की जाए तो राहुल जी की यात्रा कैसे भिन्न होगी?
लेखक की यात्रा 1929 की थी 1929 और आज की स्थिति में बहुत फर्क है। आज हम तकनीकी दृष्टि से सक्षम हो गए हैं। कहीं पर भी जाने के लिए हमें ज्यादा वक्त नहीं लगता। रेल, हवाई सेवा, बस इन साधनों का उपयोग करके हम कहीं पर भी जा सकते हैं। हम आर्थिक दृष्टि से भी अपने जीवन में सुधार कर चुके हैं। इसीलिए 1929 की यात्रा से आज की यात्रा बहुत भिन्न होगी।
ख. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ- दस वाक्यो में लिखिए।
1.) इस यात्रा वृतांत के आधार पर लेखक के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।
लेखक को घूमना फिरना पसंद था उन्हें किताबें पढ़ने का शौक था। किताबों से बहुत लगाव था। उनको अलग-अलग जगह पर जाना, यात्रा करना, वहां की जानकारी लेना पसंद था। वह बहुत शांत और सरल स्वभाव के थे। वह कभी भी लोगों में ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं करते थे। उन्हें वक्त के साथ चलना अच्छा लगता था, मतलब वह वक्त की पाबंदी थी।
2.) प्रस्तुत यात्रा वृतांत के आधार पर बताइए कि उस समय तिब्बती समाज कैसा था?
उस समय तिब्बती समाज अंधविश्वासी था, गंडो, धागों पर बहुत विश्वास रखता था। उनके समाज में स्त्रियों के लिए पर्दा प्रथा नहीं थी। छुआछूत जैसी गंदी प्रथाएं भी नहीं थी। कोई भी आपके घर में आए महिलाएं उनके सामने जा सकती थी। संध्या का समय होने पर पुरुष छक पीकर नशे में धुत हो जाते थे।
सृजनात्मक कार्य
आपने भी किसी स्थान की यात्रा अवश्य की होगी? यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को यात्रा वृतांत रूप में लिखकर प्रस्तुत करें।
रत्नागिरी पाठशाला से हमें घूमने के लिए सभी शिक्षकवृंद जाने वाले थे। तभी हम ने तय किया कि हम रत्नागिरी जाएंगे। रत्नागिरी में बहुत सारी देखने जैसी वास्तु है। जैसे कि जयगढ़ किला, विनायक मंदिर, जयगढ़ दीपगृह, रत्नदुर्गा किला, गणपति मंदिर, गणेशगुले बीच। पहले हम गणेशगूले बीच पर गए यहां पर सूर्यास्त होते वक्त बहुत अच्छा दृश्य दिखाई देता है। उसके बाद हम रत्नदुर्ग किले पर गए थे। यह दुर्ग अरबी समुद्र के किनारे हैं इसवी सन 16 में इस किले की स्थापना हुई थी। लेकिन आज भी यह अकेला बहुत मजबूत हैl यहां पर गणपति पुले यह एक स्थान है जहां पर गणपति बप्पा का मंदिर है। यह मंदिर बहुत प्राचीन हैl ऐसे ही हमने जयगढ़ किला भी देखाl रत्नागिरी में ऐसी हमने और भी जगह देखी। बहुत जगह घूमने गए है। अपने सभी दोस्तों के साथ बहुत मौज मस्ती की।
प्रशंसा
पर्यटन यात्राएँ जरूरी नहीं की सुखद ही हो। कुछ यात्राएं कष्टकारी भी होती है। लेकिन राहों की चुनौतियां यात्रा के रोमांच को बढ़ा देती है। अनुमान लगाइए कि लोक साहसिक यात्राएं क्यों करते होंगे?
सभी लोग कभी ना कभी यात्राओं पर जाते हैं, अपना मनोरंजन करते हैं। नयी-नयी जगह देखते हैं। उनकी जानकारी प्राप्त करते हैं। लेकिन कहीं लोग होते हैं जो घूमने तो जाना चाहते हैं लेकिन ऐसी जगह, जहां जाने पर खतरा हो। या फिर बहुत ज्यादा मुश्किलों से भरा हुआ हो। जैसे कि पर्वतों पर चढ़ना, गहरे समुद्र में जाना, हवाई जहाज से आकाश में उड़ते वक्त नीचे छलांग लगाना। ऐसी यात्राएं वह करते हैं। यह सब सुनकर ही हमें डर लगता है। लेकिन जिन्हें इस से प्रेम है, प्रकृति से प्रेम है वह लोग इन जगहों पर जाते हैं। ऐसी साहस से भरी यात्राएं करते हैं। कुछ नया सीखने की कोशिश करते हैं।
भाषा की बात
1.) ‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।’ नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा विकल्प इस वाक्य का अर्थ बतलाता है-
क. लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
ख. लेखक पुस्तकों की शैल्फ के भीतर चला गया।
ग. लेखक के चारों और पुस्तकें ही थी।
घ.पुस्तक में लेखक का परिचय व चित्र छपा था।
इन सारी बातों का अर्थ यही है कि लेखक पुस्तक पढ़ने में मग्न है।
2.) किसी भी बात को अनेक प्रकार से कहा जा सकता है जैसे-
– सुबह होने से पहले हम गांव में थे।
– पौ फटने वाली थी कि हम गांव में थे।
– तारों की छाँव रहते रहते हम गाँव पहुंच गए।
नीचे दिए गए वाक्य को अलग-अलग तरीके से लिखिए-
जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।
हमें पता नहीं चल रहा कि घोड़ा कहा जा रहा है?
हमें यह जानकारी नहीं है कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।
घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे जा रहा है इसके बारे में हमें मन में शंका थी।
3.) ऐसे शब्द जो किसी अचल यानी क्षेत्र विशेष में प्रयुक्त होते हैं उन्हें आंचलिक शब्द कहा जाता है। उदाहरण कूची- कूची प्रस्तुत पाठ में से आंचलिक शब्द ढूंढकर लिखिए।
खोटी
भरिया
कंजूर
भीटा
कंजूर
4.) पाठ में कागज अक्षर मैदान के आगे क्रमशः मोटे अच्छे और विशाल शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों से उनकी विशेषता उभर कर आती है। पाठ में से कुछ ऐसे शब्द छाँटिए जो किसी की विशेषता बता रहे हों।
ऊंचे पहाड़
टोटीदार बर्तन
गरीब झोपड़े
श्वेता शिखर
गरमा गरम थूक्पा
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