MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter वैद्यराज जीवक Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter वैद्यराज जीवक full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
बोध प्रश्न :-
1.) जीवक किस शास्त्र के विद्वान थे ?
आयुर्वेदिक चिकित्सा शास्त्र के विद्वान जीवक थे।
2.) जीवक के मन में किनके दर्शन की इच्छा थी ?
बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध इनके दर्शन की इच्छा जीवक के मन में थी।
3.) राजकुमार अभय के प्रति जीवक ने अपनी कृतज्ञता कैसे व्यक्त की ?
अयोध्या नगरी में एक सेठ की पत्नी बहुत बीमार थी। उसका इलाज जीवक ने किया था। इसके बदले उसे सेठ ने जीवक को सहस्त्र सुवर्णा मुद्राएं दी थी। जब जीवक राज ग्रह पहुंच गए तब उन्होंने वह स्वर्ण मुद्राएं प्रतिपालक राजकुमार अभय सेठ को दे दी। इस तरह जीवक ने राजकुमार अभय के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की
4.) अवंती नरेश से तेज चलने वाला हाथी माँगने के पीछे जीवक का क्या उद्देश्य था ?
जीवक को अवंती के राजा का उपचार करना था। अवंती नरेश को पीलिया यह रोग हो गया था। इस रोग का एक ही उपचार था वह था गाय के घी का सेवन करना। लेकिन अवंती नरेश जब भी गाय का घी खाते थे तब उन्हें उल्टी हो जाती थी। इस रोग का उपचार करने के लिए जीवक ने अवंती नरेश से तेज चलने वाला हाथी मांगा। हाथी मिल जाने पर जीवक ने अवंती नरेश को घी का सेवन करने का एक समय बताया। जब तक वह समय हो चुका था तब तक अवंती नरेश हाथी के साथ-साथ उसे राज्य की सीमा के दूसरी तरफ पहुंच चुके थे। अगर इस घी के सेवन का अच्छा प्रभाव जीवक के उपस्थिति में नहीं होता तो जीवक को दंड मिल जाता। इससे डर कर उन्होंने राजा के पास से एक तेज चलने वाला हाथी मांगा था।
5.) जीवक के खाली हाथ लौटने पर भी आचार्य ने उन्हें परीक्षा में उत्तीर्ण क्यों कहा ?
संसार में ऐसी कौन सी वनस्पति है जिसमें कोई भी औषधि गुण नहीं है यह प्रश्न तक्षशिला के आचार्य ने जीवक को पूछा था। तब जीवक ने बहुत परिश्रम किया सभी जगह पर उसे वनस्पति को ढूंढा। लेकिन उसे ऐसी वनस्पति नहीं मिली जिसमें कोई भी औषधि गुण ना हो। लेकिन आचार्य ने जो प्रश्न जीवक से किया था वह गलत था इस वजह से आचार्य ने जीवन को परीक्षा में उत्तीर्ण कर दिया।
6.) जीवक ने कौन सा संकल्प लिया था?
बहुत कठिन परिश्रम,तप करेंगे, किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे और हमसे जितना बन पड़े उतनी सहायता दूसरों की करेंगे जीवक ने ऐसा संकल्प लिया था।
7.) सम्राट बिम्बसार के पुत्र ने ‘जीवक’ नाम क्यों दिया ?
राजकुमार अभय यह महाराज बिंबिसार के पुत्र थे। उनको मिट्टी के देर में एक छोटा बच्चा मिला था। उसे बच्चों को लेकर वह महाराज बिंबिसार के पास गए। विपरीत परिस्थिति में भी वह बच्चा जीवित था इस वजह से उसका नाम जीवक रखा।
8.) आचार्य द्वारा जीवक को विदा करते समय कौन सी सीख दी गई थी? अपने शब्दों में लिखिए ।
तक्षशिला के आचार्य ने जीवक को एक प्रश्न दिया था उसे प्रश्न का उत्तर जीवक ने नहीं ढूंढा फिर भी आचार्य उसे पर प्रसन्न हुए थे। क्योंकि आचार्य का प्रश्न ही गलत था। इस परीक्षा में आचार्य ने जीवक को उत्तीर्ण कर दिया। उसे समय उन्होंने जीवक को यह भी कहा कि ऋग्वेद में जो रोग और उपचार बताए हैं उनको तुम्हें आगे बढ़ाना है। वनस्पति में भी प्राणी के समान ही जीवन होता है और इसे तुम्हें आगे बढ़ना होगा। आचार्य द्वारा जीवन को विदा करते समय यह सीख दी गई।
9.) जीवक द्वारा किन-किन रोगियों की चिकित्सा की गई। विवरण दीजिए।
जब जीवक की शिक्षा पूरी हो गई तब वह फिर से राजगृह लौट आए। इसके बाद उन्होंने बहुत सारे लोगों पर उपचार कर दिया। एक युवक के पेट की शल्य क्रिया की। उसके आतों में गांठे हो गई थी। उस गांठ को खोलकर उसकी फिर से सिलाई कर दी और उसे पर औषधीय का लेप लगाया था। एक सेठ के मस्तक पर उपचार करके उन्हें भी एक नया जीवन दे दिया। एक सेठ की पत्नी अपने मस्तक में बहुत दर्द होता है इस वजह से बहुत सालों तक तड़प रही थी इसका उपचार भी जीवक ने कर दिया।
10.) जीवक को ऐसा क्यों लगा कि वे भगवान बुद्ध के कृपा पात्र बन गए हैं ?
जब जीवक ने आयुर्वेद का पूरा ज्ञान प्राप्त कर लिया तब उनकी इच्छा यह हुई कि उन्हें भगवान बुद्ध की भेंट करनी थी एक दिन ऐसा योग आया कि भगवान बुद्ध का उपचार करने का अवसर जीवक को मिल गया। भगवान बुद्ध के पैर में चोट लगी थी और पर से बहुत खून निकल रहा था। जीवन ने औषधीयों का लेप तैयार किया और यह लेप चोट पर लगा दिया। उसके ऊपर पट्टी बांधते हुए उसे पट्टी को निश्चित सीमा पर खोलने का उनका ध्यान नहीं रहा इस वजह से वह बड़े दुखी हो गए।
11.) सेठ के मस्तिष्क की शल्य क्रिया करने के पूर्व जीवक ने क्या शर्त रखी ?
सेठ के मस्तिष्क की शल्य क्रिया करने के बाद जीवक ने उन्हें यह कहा कि आपको 21 महीने तक बिस्तर पर लेट कर रहना होगा। 7 महीने दी तरफ 7 महीने बाई तरफ और 7 महीने सीधा इस तरह से आपको आराम लेना होगा। पर सेट 7 दिन भी एक तरफ लेट नहीं पाए थे। जब जीवन ने उनकी हालत देखी तो उन्हें 21 दिन में ही स्वस्थ कर दिया। और उनसे कहा कि मैं तो आपको 21 दिन में ही ठीक करना चाहता था लेकिन आपके पास इसका धैर्य नहीं है इसीलिए मैंने 21 दिनों की बचाए आपको 21 महीने बताया था।
Also See: सुदामा चरित Class 9 Question Answer