MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter नया वर्ष नया विहान Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter नया वर्ष नया विहान full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
अभ्यास
बोध प्रश्न
1.) हमारी पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में कितने दिन लगते हैं ?
सूर्य की परिक्रमा करने के लिए हमारी पृथ्वी को 365 दिन लगते हैं।
2.) सौर पंचाग किसे कहते हैं ?
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 365 दिन में करती है। इस परिक्रमा के आधार पर तिथियां बनती है इन तिथियां के क्रमवार विवरण को हम सौर पंचांग कहते हैं।
3.) अधिकांश देशों में कौन-सा संवत् प्रचलित है ?
अधिकांश देशों में ई सवी यह संवत प्रचलित है।
4.) चन्द्रमा कितने दिनों में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करता है ?
27 1/२ इतने दिनों में चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करता है।
5.) हमारे देश में कौन-कौन से संवत् चलते हैं ?
शक संवत, विक्रम संवत, वीर निर्माण संवत, ईसवी संवत यह संवत हमारे देश में चलते हैं।
6.) लेखक ने स्वाद के संबंध में किस प्रकार की जिज्ञासा प्रकट की है ?
लेखक कहते हैं कि स्वाद केवल जीव में नहीं है या उसे वस्तु में नहीं है। जब जीप और वस्तुओं का मिलन होता है तब उन्हें स्वाद निर्माण होता है। उदाहरण अर्थ के तौर पर लेखक पूछते हैं कि स्वाद गुलाब जामुन में है या हमारी के में? अगर स्वाद हमारी जेब में है तो गुलाब जामुन खाने की हमें जरूरत नहीं है। और अगर स्वाद गुलाब जामुन में है तब तो वह हमें उसे पतीले में रखते ही स्वाद दे देगा।
7.) हमें निराश क्यों नहीं होना चाहिए ?
निराशा साहसी लोगों की निशानी नहीं है। हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए ऐसे लेखक कहते हैं। क्योंकि जंगली घास के समान है। अगर हमने उसे समय पर ही उखाड़ नहीं फेंका तो वह घास सारे खेत पर अपना वर्चस्व जमा देगी।
8.) संकल्प से होने वाले लाभों के बारे में बताइए।
जब हम किसी बात का संकल्प करते हैं तो हम असंभव कार्य को भी संभव कर देते हैं। इसी से हम खुद पर विश्वास रखना सीखते हैं।
9.) लेखक ने व्यायाम के क्या लाभ बताये हैं ?
व्यायाम करने से हमारी प्रकृति अच्छी रहती है। हमारे जीवन में उत्साह भरा हुआ रहता है। हमारा जीवन सुखमय होता है। अगर हमें हमारा स्वास्थ्य अच्छा रखना है तो हमें प्रतिदिन व्यायाम करना होगा।
10.) मानव ने समय कितने भागों में विभाजित किया है ?
मानव ने समय को वर्ष महीने सप्ताह दिन और घंटे इन भागों में विभाजित किया है।
11.) मिस्त्रवासियों ने वर्षों की गणना किस आधार पर की ?
मिस्त्रवासियों ने वर्षों की गणना का आधार नदी की बाढ़ यह रखा है। वे जब एक बार आती है उसके बाद जब दूसरी बार आती है इस बीच का जो समय होता है उसे 1 वर्ष मानते हैं।
12.) अतीत को भुला देने के लिए लेखक ने क्या तर्क दिए है ? लिखिए।
बीता हुआ वक्त कभी भी वापस नहीं आता। बीते हुए वक्त से कुछ सीखना चाहिए और उन घटनाओं को भूल देना चाहिए। क्योंकि उन घटनाओं को याद करने से हमें सिर्फ दुखी मिलता है। में इसीलिए उन घटनाओं को भूल जाने में ही मानव की भलाई है। बार-बार उन घटनाओं को याद करके उनके बारे में पश्चाताप करने से कोई फायदा नहीं होगा। हम उन बातों को बदल नहीं सकते। इस वजह से उनके बारे में सोचा हमारे लिए खतरनाक साबित होता है।
13.) आशय स्पष्ट कीजिए:
(i) “मनुष्य की मंगल यात्रा निरन्तर चलती रहेगी”
मनुष्य की मंगल यात्रा हमेशा चलती रहती है। मानव कभी भी रुकता नहीं है। उसका स्वाभाविक धर्म है आगे बढ़ाना। उसका स्वभाव गतिशील रहना है। इस वजह से वह अपने अतीत में घटी हुई घटनाओं को भूलकर आगे बढ़ता रहता है। कई दुख के पाल उसके मार्ग में रुकावट पैदा करते हैं लेकिन वह अपनी यात्रा रोकता नहीं।
(ii) “दुःख और पीड़ा हमारे जीवन को नया आयाम देते हैं ”
मनुष्य का जीवन कभी भी रुकता नहीं है उसके जीवन में सुख और दुख यह दोनों बातें आते ही रहती है। हमें यह जीवन मिला है तो हमें इस जीवन में कठिनाइयों का सामना भी करना होगा। यह बातें हमारे जीवन में बहुत आवश्यक है। दुख और पीड़ा हमें मजबूत बनाती है। हमें नया जीवन देती है।
(iii) “निराशा हमारी आत्मा के खेत में जंगली घास है।””
खेत में जो घास होती है जो हमारे खेत की फसल के लिए अच्छी नहीं होती। इसी तरह निराश भी हमारे लिए अच्छी नहीं होती। जैसे हम उसे घास को उखाड़ देते हैं वैसे ही हमें हमारे जीवन में जो निराशा है उसे उखाड़ कर फेंक देना चाहिए।
14.) स्वाद के विषय में लेखक का तर्क स्पष्ट कीजिए।
लेखक कहते हैं की स्वाद तो उसे वस्तु में है नहीं हमारे जीभ में। जब हम वस्तु को जीभ के ऊपर रखते हैं तब उन दोनों के मिलन से स्वाद का निर्माण होता है। उदाहरण के तौर पर लेखक जा गुलाब जामुन का उदाहरण देते हैं। वह कहते हैं कि अगर गुलाब जामुन में स्वाद है तो गुलाब जामुन पतीले में जब होता है तभी हमें उसका स्वाद मिलना चाहिए। और अगर स्वाद हमारी जीभ में है तो हमें गुलाब जामुन खाने की जरूरत भी नहीं होनी चाहिए।
15.) अमृतलाल बेगड़ मूलतः किस विधा के रचनाकार हैं ? उस विधा का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
अमृतलाल बेगड़ मूलतः चित्रकार है। लेकिन इसके साथ-साथ उनके पास शब्द संपत्ती भी बहुत है। उन्होंने नर्मदा के परिक्रमा पर बहुत यात्रा प्रसंग आधारित किया है।
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