Karnataka 2nd PUC Hindi Apathi Bhag Chapter 1 सुखी डाली Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 12 Hindi Solution Chapter 1.
There are 3 Parts in Karnataka Class 12 Textbook. Here You will find Apathi Bhag Chapter 1 Sukhi Dali.
Karnataka 2nd PUC Hindi Apathi Bhag Chapter 1 – सुखी डाली Solution
- State – Karnataka.
- Class – 2nd PUC / Class 12
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 1
- Chapter Name – सुखी डाली.
- I) एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1.) मिश्रानी को किसने काम से हटा दिया ?
छोटी बहु बेला ने मिश्रानी को काम से हटा दिया।
2.) मिश्रानी कितने वर्षों से मूलराज के परिवार में काम कर रही थी ?
दस साल से मिश्रानी मूलराज के परिवार में काम कर रही थी ।
3.) नौकरों से काम लेने के लिए क्या होनी चाहिए ?
नौकरों से काम लेने के लिए ढंग, तमीज होनी चाहिए।
4.) हँसी के मारे मर जाने की बात कौन कहती है ?
हँसी के मारे मर जाने की बात मंझली बहु करती है।
5.) हर बात पर अपने मायके की तारीफ कौन करती रहती है ?
छोटी बहू बेला हर बात पर अपने मायके की तारीफ करती रहती है।
6.) दादा जी का छोटा पोता परेश किस पद पर था ?
दादाजी का छोटा पोता परेश नायब तहसीलदार पद पर था।
7.) मलमल के धान और अवरों को परेश किसके पास नहीं ले कर जाते ?
मलमल के धान और अवरों को परेश दादाजी के पास नहीं ले कर जाते।
8.) मूलराज के मँझले बेटे का नाम लिखिए।
मूलराज के मँझले बेटे का नाम करमचन्द है।
9.) दादा जी के अनुसार उनका परिवार किस पेड़ के समान है ?
दादा जी के अनुसार उनका परिवार बरगद के पेड़ के समान है।
10.) हल्की सी खरोंच भी दवा न लगने पर क्या बन जाती है ?
हल्की सी खरोंच भी दवा न लगने पर वह घाव बढ़ा बन जाता हैं।
11.) छोटी बहू के मन में किसकी मात्रा जरूरत से ज्यादा है ?
छोटी बहू के मन में दर्प की मात्रा जरूरत से ज्यादा है।
12.) घृणा को किससे नहीं मिटाया जा सकता ?
घृणा को घृणा से नहीं मिटाया जा सकता।
13.) बरगद का पेड़ किन लोगों ने उखाड़ दिया ?
बरगद का पेड़ मल्लू और जगदीश इन लोगों ने उखाड़ दिया।
14.) दादा जी ने परेश से छोटी बहू को कहाँ ले जाने के लिए कहा ?
दादा जी ने परेश से छोटी बहू को बाज़ार ले जाने के लिए कहा।
15.) किसे दूसरों का हस्तक्षेप और आलोचना पसंद नहीं है ?
बेला को ( परेश की पत्नी) को दूसरों का हस्तक्षेप और आलोचना पसंद नहीं है।
16.) व्यक्ति किन गुणों से बड़ा होता है ?
बुद्धि और योग्यता इन गुणों से व्यक्ति बड़ा होता हैं।
17.) पेड़ की छाया को बढ़ाने का काम कौन करती है ?
पेड़ की छाया को बढ़ाने का काम पेड़ को छोटी बड़ी डालियां करती हैं।
18.) दादा जी को किस कल्पना से सिहरन होने लगती है ?
पेड़ से जो डालियां अलग होने वाली थी इस कल्पना से दादाजी को सिरहन होने लगती है।
19.) बरगद के पेड़ की कहानी किनका निर्माण करती हैं ?
बरगद के पेड़ की कहानी एक कुटुंब का, समाज का और राष्ट्र का निर्माण करती है।
20.) दादा जी किसके हक में हैं ?
पूराने नौकरों के हक में दादाजी है।
21.) किसने सारी की सारी छत फावड़े से खोद डाली ?
मालवी ने सारी की सारी छत फावड़े से खोद डाली।
22.) बंसीलाल का लड़का गली के सिरे पर क्या कर रहा था ?
बंसीलाल का लड़का गली के सिरे पर खड़ा खम ठोक रहा था।
23.) बेला के अनुसार परिवार की सदस्या उससे किस प्रकार डरती हैं ?
बेला के अनुसार परिवार की सदस्या उससे इस तरह डरते हैं जिस तरह मुर्गी के बच्चे बाज से डरते है।
24.) दादा जी ने सबको क्या समझाया था ?
सबको आपका आदर करना चाहिए यह दादा जी ने सबको समझाया था।
25.) सूखी डाली के एकांकीकार का नाम लिखिए ।
सूखी डाली के एकांकीकार का नाम है – उपेंद्रधर अश्क
॥) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1.) इन्दु को अपनी भाभी बेला पर क्यों क्रोध आया ?
इंदु को अपनी भाभी बेला पर क्रोध आया। क्योंकि बेला छोटी बहू है। वह नई-नई इस घर में शादी करके आई है। उसका मायका बहुत बड़ा है। वह इकलौती बेटी है। वह बहुत पढ़ी-लिखी भी है। सब काम उसे अपने तरीके से ही करने हैं। अपने ससुराल की कई बातें उसे पुरानी लगती है। अभी तक इस घर में इंदु सबसे पढ़े-लिखी समझी जाती थी और ससुराल में इंदु की बहुत चलती थी। लेकिन आप छोटी बहू बेला इस घर में शादी करके आई है। वह पढ़ी-लिखी होने के कारण अपनी ही बात आगे आगे चलती है। इस कारण घर में तनाव बढ़ता जा रहा है। घर के अन्य महिलाएं सादे से रहना पसंद करती है। घर में मिश्रानी नाम की एक नौकरानी है जो 10 साल से वहां पर काम कर रही है। उसे कम करने का सलीका नहीं आता यह कहकर बेलने उसे कम से निकाल दिया। मेरे मायके में ऐसा होता है मेरे मायके में वैसा होता है यह कहकर वह अपनी ही चलाते रहती है। उसे लगता है कि अपने ससुराल के सारे लोग गंवार है। इंदु और बेला में झगड़ा हुआ है।
2.) रजवा ने छोटी भाभी से क्या कहा ?
रजवा मिश्रानी इस घर में दस सालों से काम करती आई है। उसके घर वाले भी इसी घर में काम करते थे। रजवा इस घर में झाड़ू बर्तन पूछा साफ सफाई यह सब काम करती है। छोटी बहू बेल ने रजवा को डांट दिया। उसका कहना था कि राजवा मिश्रानी को कोई काम नहीं आता। सिर्फ झाड़ू मारने से कमरा साफ नहीं होता है। इतना कहकर छोटी बहू ने रजवा को कम से निकाल दिया।
3.) बेला ने सारा फर्नीचर और सामान कहाँ रख दिया और क्यों ?
बेला ने सारा फर्नीचर और सामान अपने कमरे से बाहर निकाल दिया। उसने अपने पति से कहा कि मैं इन टूटे-फूटे सामानों को कमरे में नहीं रखूंगी। परेश ने बहुत मिन्नते की लेकिन बेल ने उसकी एक न सुनी। बेला बहुत पढ़ी-लिखी और आधुनिक विचारों की है। वह सिर्फ अपने मायके की ही तारीफ करते रहती है। ससुराल की चीज उसे पुरानी लगती है। उसे नीचे बैठना लेटना मंजूर है, लेकिन पुराने फर्नीचर को अपने कमरे में रखना मंजूर नहीं।
4.) कर्मचन्द ने पेड़ से एक डाली टूटकर अलग होने की बात क्यों कही ?
करमचंद उसे घर का मनचला लड़का था। वह अपने दादाजी के पास बैठा था और दादा जी के पांव दबा रहा था। घर के बच्चे आंगन में बरगद के डाल लगा रहे थे और उसे डाल को पानी भी दे रहे थे। तभी दादाजी ने कहा कि, बच्चों को यह नहीं पता की टूटी हुई डाल को कितना भी पानी दो वह बढ़ती नहीं है। हमारा परिवार भी इसी पेड़ की तरह है। यह सब बातें करमचंद सुन लेता है और कहता है कि शायद अब एक दल इस पेड़ से अलग होना चाहती है। दादा जी उससे पूछते हैं तब वह बताता है की छोटी बहू को इस परिवार से अलग होना है। आप उसे जो मलमल के थन और रजाई के अबरे ला कर दिए थे वह उसे पसंद भी नहीं आए। उसे अपना मायका ससुराल से बड़ा लगता है।
5.) दादा जी के बड़प्पन’ के संबंध में क्या विचार थे ?
दादाजी बड़प्पन के संबंध में रहते हैं कि बड़प्पन यह कोई वस्तु नहीं है जो खरीद कर लाई जा सके। बड़प्पन अपने मन में होना चाहिए। अगर सामने वाला घृणा करता है तो हमें उससे प्यार से बात करनी चाहिए। घृणा को घृणा से नहीं मिटाया जा सकता। छोटी बहू अलग होना चाहती है। ऐसा तभी होगा जब हम उसे घृणा के बदले घृणा देंगे। अगर हम उसके घृणा के बदले प्यार से बात करेंगे तो कभी ना कभी वह हमारे साथ घुल मिल जाएगी। सामने वाला कितना भी महान हो हम उसकी महानता का अनुभव करा सकते है।
6.) बेला की मानसिक दशा का वर्णन कीजिए।
बेला एक सुखी संपन्न घर से आई हुई लड़की है। वह आधुनिक विचारों की लड़की है। वह ज्यादा पढ़ी लिखी हुई है। उसके विचार बाकी लोगों के विचारों से अलग है। ससुराल लाने के बाद भी वह अपने आप को उनके विचारों के अनुसार ढाल नहीं सकती। उसे लगता है कि परिवार के सारे लोग उसे डरते हैं। निंदा करते हैं। इस बात की शिकायत वह अपने पति से करती है। उसे हर वक्त ऐसा लगता रहता है कि वह ससुराल नहीं किसी पर आए घर में आई हो। अपने बसाए संसार में उसे किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं है। उसे अपनी अलग गृहस्थी बासनी है जहां उसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं हो।
7.) दादा जी ने परेश को किस प्रकार मनाया ?
परिचय दादाजी से कहता है कि उनकी छोटी बहू बेला को उसकी अलग गृहस्थी से बसानी है। वह इस घर में नहीं रहना चाहती उसका इस घर में मन नहीं लगता। आप मुझे बाग वाला मकान दे दो वहां पर मैं रह लूंगा। इस बात पर दादाजी परेश से कहते हैं की मैं जब तक जिंदा हूं तब तक इस घर को टूटने नहीं दूंगा। तुम किसी भी बात की चिंता मत करो। मैं सबको समझा दूंगा। घर में कोई भी तुम्हारी पत्नी का तिरस्कार नहीं करेगा, अपमान नहीं करेगा। बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी है हम अपनी मूर्खता से उसे परेशान नहीं कर सकते। तुम किसी भी प्रकार की चिंता मत करो। में कोई ना कोई उपाय ढूंढ लूंगा। वह अब इस घर में परायापन महसूस नहीं करेगी। उसे वही आदर मिलेगा जो उसके मायके में मिलता था।
8.) दादा जी ने किस अभिप्राय से सभी को बुलाया और क्या कहा ?
परेश ने दादरी से कहा कि बेला अब इस घर से अलग होना चाहती है उसे इस घर में प्राय पर महसूस होता है। तब दादा जी ने सबको बुलाया और कहा के यह घर एक बरगद के पेड़ के समान है। में किसी भी कीमत पर इस घर को टूटने नहीं दे सकता। छोटी बहू अभी-अभी इस घर में आई है उसे वही आदर सत्कार मिलना चाहिए जो उसे उसके मायके में मिलता था। उसे इस घर में परायापन महसूस नहीं होना चाहिए। वह बहुत पढ़ी लिखी है उसकी बुद्धि का उपयोग आप अपने कामों में कर सकते हो। चाहे तो उसके हिस्से में जो काम है वह भी बांट लो। उसे पढ़ ले लिखने के लिए अधिक अवसर दो। उसे इस बात का ऐसा मत होने दो वह किसी पराए घर में आई है। उसे ऐसा लगना चाहिए कि वह अपने ही घर में है। उसका निरादर मत करो।
9.) दादा जी की क्या आकांक्षा थी ?
दादा जी अपने परिवार को बरगद के पेड़ के समान मानते हैं। वह कहते हैं कि उसकी टूटी हुई डाली को कितना भी पानी दो वह पढ़ नहीं सकती। ऐसे ही परिवार का भी है अगर परिवार का कोई भी सदस्य परिवार से अलग होता है तो वह बाढ़ नहीं सकता। जब उन्हें पता चला कि परेश और उसकी बीवी बेला इस घर से अलग होना चाहते हैं तब उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों को बुलाया और उनसे कहा कि छोटी बहू का अनादर न करें। वह पढ़ी-लिखी है उसके ज्ञान का उपयोग अपने कामों में करें। चाहे तो पढ़ने लिखने के लिए उसे ज्यादा समय दे। दादा जी यह कहना चाहते थे कि वृक्ष की छोटी हो या बड़ी सभी डालियां एक साथ बढ़ाने चाहिए तभी वृक्ष फैलता है। वह अपने परिवार को वाटर वृक्ष के सामान देखना चाहते थे।
10.) घर के लोगों के व्यवहार में बदलाव देखकर बेला की क्या प्रतिक्रिया थी ?
घर के लोगों में बदलाव देखकर बेला यह सोचने लगी थी यह सब पहले तो ऐसे नहीं थे मुझे देखकर चुप हो जाते थे। अब यह सब ऐसे कैसे बदल गए। मुझे पुकारते वक्त भी जी कहकर पुकारते हैं। मुझे कोई भी काम नहीं करने देते। मेरा इतना आदर सत्कार करते हैं। अब बेला को भी लगने लगा था कि मुझे इसी परिवार के साथ रहना चाहिए।
11.) मालवी ने सारी की सारी छत क्यों और कैसे खोद डाली ?
मालवीय ने सारी की सारी छत को डाली क्योंकि उसे लगाकर अभी इस घर में कोई तो आने वाला है। इस बात को विरोध दर्शाने के लिए 2 घंटे पहले मजदूरों ने काफी मेहनत करके वहां पर छत डाली थी। वह उसने सारी की सारी उखाड़ डाली। जब बंसीलाल आए तब वह देखते रह गए। उनके आने तक सारी की सारी ईट खोद डाली थी।
12.) बेला अपने मायके क्यों जाना चाहती थी ?
बेला इस घर में नई-नई शादी करके आई थी। लेकिन उसे इस घर में अपनापन महसूस नहीं होता था। उसे ऐसा लगता था कि वह किसी पराई जगह आ गई है। वह जब घर में होती है किसी से मिलती तब बड़ी भाभी मछली भाभी और मां की वह सभी खड़ी हो जाती थी। उसके सामने सभी चुप हो जाते थे कोई हंसता नहीं था कोई बात नहीं करता था। बेला इस वजह से अपने मायके जाना चाहती थी। वह चाहती थी कि उसे आदर, सत्कार, सुख और आराम भी मिले।
13.) इन्दु के मुँह से दादा जी की बात सुनकर बेला ने क्या कहा ?
दादाजी ने जो कहा वह इंदु ने बेला से कहा तब बेल ने उससे कहा कि उन्होंने यह सब क्यों कहा? मैं तो कभी उनसे इस बारे में बात भी नहीं की। मैं शिकायत भी नहीं की किसी की। मैं यहां आदर नहीं चाहती। मैं सबके साथ घुल मिल जाना चाहती हूं। मैंने आप सबको गलत समझा और आप सब ने मुझे भी गलत समझा। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा मैं सबके साथ मिलजुल कर काम करूंगी।
14.) बेला ने भावावेश में रूधे हुए कंठ से दादा जी से क्या कहा ?
दादाजी जब देखते हैं की बेला कपड़े धोने जा रही है तब दादा जी इंदु को बुलाकर डांटना वाले थे, कि उन्होंने बेला को पढ़ने लिखने का समय क्यों नहीं दिया? उन्होंने बेल को यह काम करने के लिए क्यों कहा? तब बेला दादा जी से भावावेश में रूंधे कंठ से कहती है कि उसे पेड़ की किसी डाली की तरह टूट कर अलग होना पसंद नहीं है। लेकिन क्या वे चाहेंगे कि पेड़ से लगी लगी वह डाल टूटकर मुरझा जाए।
15.) दादा जी का चरित्र चित्रण कीजिए ।
दादा जी अपने परिवार के प्रमुख व्यक्ति है। उन्हें लगता है कि उनके परिवार बरगद के पेड़ की तरह ही फलना फूलना चाहिए। घर का हर एक व्यक्ति दादाजी का आदर करता है। वह अपने परिवार को एक बरगद के पेड़ की तरह मानते हैं, और घर के सदस्यों को उसे वट वृक्ष की डालियां मानते हैं। उनको यह बात पसंद नहीं है कि कोई भी डाली मतलब कोई भी सदस्य घर से अलग होकर रहे।
16.) बेला की चारित्रिक विशेषताओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
बेला एक पढ़ी-लिखी लड़की है। वह एक सुखी संपन्न परिवार से अपने ससुराल आई है अब वह खुद को उसे परिवार के रीति रिवाज के अनुसार ढाल नहीं पाती। उसे लगता है कि इससे बेहतर मेरा मायका है। उसके विचार इस परिवार से अलग है आधुनिक है। उसे लगता है कि उसे इस घर में कोई समझ नहीं पता। वह सबको नीच, हीन दृष्टि से देखती है। वह परेश के साथ अपनी नई गृहस्थी बासनी चाहती है। उसे अपने ग्रह से में किसी का भी हस्तक्षेप पसंद नहीं है। जब परेश यह बात अपने दादाजी से कहता है तो दादाजी घर के सब के सदस्यों को बुलाते हैं और बेला के साथ किस तरह का व्यवहार करना चाहिए यह बात बताते हैं। तब घर के लोगों में बेला को बदलाव नजर आता है और जब उसे इस बात का पता चलता है कि यह बदलाव दादाजी की वजह से आया है तो वह दादाजी से कहती है कि आप पेड़ से किसी डाली का टूट कर अलग होना पसंद नहीं करते पर क्या आप यह चाहेंगे कि पेड़ से लगी लगी वह डाली सूखकर मुरझा जाए।
17.) टिप्पणी लिखिए:
1.) परेश
परेश उसे घर का सबसे छोटा बेटा है। वह नायक तहसीलदार के पद पर कार्यरत है। उसकी अभी-अभी नई शादी हुई है। लेकिन उसकी बीवी ज्यादा पढ़ी-लिखी होने की वजह से इस घर में रच बस नहीं जाती। वह सबके सामने अपने ही बात चलाना चाहती है। वह परेश से कहती है कि उसे इस घर में नहीं रहना है, उसे अपनी अलग गृहस्ती बासनी है। परेश की उसके सामने एक नहीं चलती।
2.) इन्दु
इंदु हमेशा बेला से नाराज रहती है क्योंकि बेला हमेशा ही अपने मायके का गुणगान करते रहती है और ससुराल के लोगों को अपने मायके के सामने छोटा दिखती है। इसी बात पर वह मिश्रानी को भी कम से निकलती है इस बात से इंदु बेला पर नाराज होती है। वह समझता है कि नौकरों से भी काम कर लेने का एक ढंग होता है। इंदु ज्यादा समय बेला की शिकायत करती रहती है। वह कहती है कि सिर्फ जबान चलाने से कुछ नहीं होता काम भी आना चाहिए।
3.) बड़ी बहू
बड़ी बहू को एक जिम्मेदार बहू की नजर इस सब लोग देखते हैं। उसका दर्जा सास के समान होता है। यही बड़ी बहू घर के सभी सदस्यों को बेला के बारे में कहती है कि छोटी बहू को हमारा खाना-पीना, रहन-सहन पसंद नहीं है। वह हमारी हर बात पर घृणा करती है। वह बला से कहती है कि हम आपसे हर बात में छोटे हैं बड़ी बहू सबके काम में हाथ बटाती है।
4.) मँझली भाभी
मनचली बहू सगाई आनंद से रहती है। वह स्वयं हर बात पर हंसते रहती है। उसे दूसरों की हंसी उड़ाने में भी आनंद आता है। वह परेश के बारे में रहती है कि आज परेश का हाल-चाल कुछ ठीक नहीं लगता। जाने कैसे वह तहसीलदार बन गया। वह बेचारा अपना छोटा सा मुंह लेकर दादाजी के पास भाग गया। बेला जब अंग्रेजी बोलने लगती है तब कुछ समझ में नहीं आता। परेश बेचारा इतना सा मुंह लेकर बैठा रहता है।।