JCERT Class 7 Hindi Chapter 10 Ek Pati Bacchon Ke Naam (एक पाती बच्चों के नाम) Solution
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पाठ से।
१) चाचा नेहरू ने यह पत्र कब और किसे लिखा है?
उत्तर:- चाचा नेहरू ने यह पत्र नवंबर 1958 में बच्चों के नाम लिखा है।
२) बच्चों से मिलकर चाचा नेहरू क्या-क्या बातें करना चाहते थे?
उत्तर:- बच्चों से मिलकर चाचा नेहरू बातें करना चाहते थे, इस सुन्दर संसार की बात करना चाहते थे। वह फूलों, पेड़, पौधे, चिड़िया और जानवरों की बातें, आसमान के तारों की, पर्वत, पहाड़ों, झरनों, हिमनदी और उन सब आचार्य जनक चीजों के जिन्होंने हमें चारों ओर से घर के रखा है। उनकी बातें करना चाहते थे।
३) इस पत्र के माध्यम से चाचा नेहरू ने बच्चों को क्या-क्या करने को कहा है?
उत्तर:- इस पत्र के माध्यम से चाचा नेहरू ने बच्चों को कहा कि संसार की सुंदरता को महसूस करो।आप किसी के पास भी जाना है तो उनके पास प्यार और दोस्ती का विश्वास लेकर जाना।
४) बताइए इस पत्र की कौन सी बात आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर :-इस पत्र की सबसे अच्छी बात की सलाह हमें अच्छी लगी कि आप जब भी कहीं जाना मित्र की तरह जाना तभी आप वहां हजारों मित्रों को स्वागत करते पाओगे।
५) दुनिया के बच्चों के बारे में नेहरू जी के विचार को लिखिए।
उत्तर:- दुनिया के बच्चों के बारे में नेहरू जी का विचार था, कि दुनिया के सभी बच्चे एक जैसे है दुनिया के सभी बच्चे स्कूल जाने, खेलने और झगड़ने वाले लेकिन जल्द ही दोस्त बन जाने वाले बच्चे हैं। संसार के सभी बच्चे बाहर से देखने में कई तरह से अलग है। उनकी वेश-भूषा अलग आचार व्यवहार अलग है। लेकिन उन्हें एक साथ कर दिया जाए तो लड़ेंगे, झगडेंगे लेकिन बाद में दोस्त भी बन जाएंगे। ए बड़े लोग की तरह अंतर को नहीं।
पाठ से आगे।
१) कुछ उपाय सुनाइए जिससे प्रकृति की सुंदरता बनी रही।
उत्तर:- प्रकृति की सुंदरता को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं।
१) वृक्षारोपण करके
२) जल संरक्षण द्वारा
३) वन्यजीवों के संरक्षण
४) आसपास के वातावरण के कचरे को साफ कर जा रहा है।
२) पंडित नेहरू को चाचा नेहरू क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:-पंडित नेहरू बच्चों से बहुत ज्यादा प्रेम करते थे और उनसे ज्यादा लगाव था। इस कारण पंडित नेहरू को चाचा नेहरू कहा जाता है।
३) हम प्रकृति का आनंद कैसे ले सकते हैं ?
उत्तर:- हम प्रकृति का आनंद तभी ले सकते हैं,जब हमारे पास देखने सुनने और समझने के लिए आंख,कान, नाक ,दिल और दिमाग हो तभी हम प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
अनुमान और संदर्भ।
१) अगर हम संसार के हर प्राणियों के साथ मित्रता व्यवहार करने लगे तो हमें क्या-क्या लाभ होगा?
उत्तर :-हमें अपनापन मिलेगा ,प्यार के बदले दुगना प्यार मिलेगा ,जब भी हमें मदद की बदले वह हमें भी परोपकार का महत्व बताएंगे, अपने तरीके से मदद करके वह हमारे मदद कर सकते हैं। अगर हम संसार के हर प्राणियों के साथ मित्रता से व्यवहार करने लगे तो हमें कई लाभ होंगे।
२)’ मैं चाहूंगा कि बच्चे खुद और खुद के लिए खोज’ बताइए चाचा नेहरू ने ऐसा क्यों कहा था?
उत्तर:- मैं चाहूंगा कि बच्चे खुद और खुद के लिए खोजे चाचा नेहरू ने ऐसा कहा था क्योंकि वह भारत के एक भाग में जाकर बर्फ से खेल फिर कर्क और मकर रेखा के बीच तीखी में गर्मी में पान पटेल जंगलों का को आंखों से महसूस करें, जंगल दर, खस्ता, पहाड़ियों और फूलों की खोज से भारी, यात्रा बदलते मौसम में, जीवन और रंगों की दस्तक होगी, इस कारण चाचा नेहरू ने कहा था।
३) अगर दुनिया के सभी बच्चों को एक जगह कर दिया जाए तो वह क्या-क्या कर सकते हैं।
उत्तर :-अगर दुनिया के सभी बच्चों को एक जगह कर दिया जाए, तो निश्चित रुपए से वह खेलेंगे और झगड़ेंगे, लड़ेंगे मगर यह लड़ाई , झगड़ा भी तो उनके खेल है। वह बड़े लोगों की तरह अंतर के बारे में नहीं सोचते।
भाषा संदर्भ।
१) दिए गए निम्नलिखित शब्दों पर पत्र लिखें।
१) पत्र
पूज्य पिताजी ,
सादर प्रणाम ,
आशा करती हूं कि आप सभी घर में खुश है। मैं भी यहां ठीक हु,और मैं कल ही अपनी वार्षिक परीक्षा सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस बार सभी विषय के प्रश्न आसान थे। और मैं सभी उत्तर सही तरीके से लिखे हैं ।
इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं इस बार अच्छे अंकों के साथ उत्तर ने वाली हु, मां को भी यह खबर दीजिएगा। इस पत्र में बस इतना ही। मां को मेरा प्रणाम और छोटे भाई को मेरा प्यार देना
आपकी लाडली बेटी,
साधना।
२) पत्र
प्रिय अमित,
आयुष्मान,
कल तुम्हारे कक्षा अध्यापक का पत्र मिला।यह जानकर मुझे अत्यधिक दुख हुआ, कि पिछले दिनों तुम कक्षा में नियमित रूप में उपस्थित नहीं रहे थे। यह भी पता चला है, कि तुम स्कूल में हर दिन दूसरे, तीसरे दिन अनुपस्थित रहते थे।यदि तुम अपना भविष्य संवारना चाहते हो, तो मन लगाकर पढ़ाई करो। सफलता हमेशा वही ही कदम भूम्मती है।
मुझे विश्वास है कि तुम मेरी बातों पर और गंभीरता से ध्यान देते कुछ नियमित रूप से विद्यालय जाओगे तो और परीक्षा की तैयारी करोगी।
तुम्हारा बड़ा भाई,
रंजीत
३) पत्र
प्रिय सहेली
नीलू,
सप्रेम नमस्कार,
जैसा कि आपको पता है आज दसवीं का वार्षिक परीक्षा का निकाल घोषित हुआ है। मैंनैं तुम्हारी निकाल का परिणाम दिखा। निकाल देखकर मैं इतनी खुश हो गई ,कि मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।मैंने देखा कि तुम्हारा प्रथम स्थान आया है।
मैं तुम्हें इस पत्र के द्वारा बहुत-बहुत बधाई देती हूं और तुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामना करती हूं। मेरी शुभकामना तुम्हारे साथ हमेशा रहेगी।
तुम्हारी सहेली
आराधना।
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