Himalay ki Betiyan Extra Questions and Answers Class 7 Hindi Chapter 3 Vasant Prepared by Hindi Expert Teacher.
Himalay ki Betiyan Extra Questions and Answers Class 7 Hindi Vasant
Class |
7 |
Book Title |
Vasant |
Chapter |
3 |
Chapter Name |
Himalay ki Betiyan |
Topic |
Extra Questions and Answers |
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हिमालय की बेटियां
अ.) दिया गया परिच्छेद पढ़े और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
कहाँ ये भागी जा रही हैं? वह कौन लक्ष्य है जिसने इन्हें बेचैन कर रखा है? अपने महान पिता का विराट प्रेम पाकर भी अगर इनका हृदय अतृप्त ही है तो वह कौन होगा जो इनकी प्यास मिटा सकेगा ! बरफ़ जली नंगी पहाड़ियाँ, छोटे-छोटे पौधों से भरी घाटियाँ, बंधुर अधित्यकाएँ, सरसब्ज़ उपत्यकाएँ ऐसा है इनका लीला निकेतन! खेलते-खेलते जब ये जरा दूर निकल जाती हैं तो देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर शायद इन्हें बीती बातें याद करने का मौका मिल जाता होगा। कौन जाने, बुड्डा हिमालय अपनी इन नटखट बेटियों के लिए कितना सिर धुनता होगा! बड़ी-बड़ी चोटियों से जाकर पूछिए तो उत्तर में विराट मौन के सिवाय उनके पास और रखा ही क्या है?
1.) नदियों का पिता किसे कहा गया है?
नदियों का पिता हिमालय को कहा गया है।
2.) कहां जाकर नदियों को बीती बातें याद करने का मौका है?
देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर शायद नदियों को बीती बातें याद करने का मौका मिलता है।
3.) बुड्ढा हिमालय किन के लिए अपना सिर धुनता है?
बुड्ढा हिमालय नदियों के लिए अपना सिर धुनता है।
4.) उपयुक्त परिच्छेद में किन की प्यास बुझाने की बात की गई है?
उपयुक्त परिच्छेद में नदियों की प्यास बुझाने की बात की गई है।
आ.) दिया गया परिच्छेद पढ़े और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। किंतु माता बनने से पहले यदि हम इन्हें बेटियों के रूप में देख लें तो क्या हर्ज है? और थोड़ा आगे चलिए….. इन्हीं में अगर हम प्रेयसी की भावना करें तो कैसे रहेगा? ममता का एक और भी धागा है, जिसे हम इनके साथ जोड़ सकते हैं। बहन का स्थान कितने कवियों ने इन नदियों को दिया है। एक दिन मेरी भी ऐसी भावना हुई थी। थो-लिङ् (तिब्बत) की बात है। मन उचट गया था, तबीयत ढीली थी। सतलज के किनारे जाकर बैठ गया। दोपहर का समय था। पैर लटका दिए पानी में। थोड़ी ही देर में उस प्रगतिशील जल ने असर डाला। तन और मन ताजा हो गया तो लगा मैं गुनगुनाने।
1.) काका कालेलकर इन्होंने नदियों को क्या कहा है?
काका कालेलकर नदियों को लोकमाता कहते हैं।
2.) माता बनाने से पहले हमें नदियों को किस रूप में देखना चाहिए?
माता बनाने से पहले हमें नदियों को बेटियों के रूप में देखना चाहिए।
3.) कौन से धागे के साथ हम नदियों को जोड़ सकते हैं?
ममता के धागे के साथ हम नदियों को जोड़ सकते हैं।
4.) लेखक का तन मन ताजा कब हो गया?
दोपहर के समय में जब लेखक ने अपने पर पानी में डाल दिया तब उनका तन मन ताजा हो गया।
5.) लेखक किस नदी के किनारे जाकर बैठ गए?
लेखक सतलज नदी के किनारे जाकर बैठ गए।
प्र.) दिए गए प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखो।
1.) लेखक को नदिया किसके भांति प्रतीत होती थी?
लेखक को नदिया संभ्रांत महिला के भांति प्रतीत होती थी।
2.) सिंधु और ब्रह्मपुत्र यह दो नाम सुनते ही लेखक के आंखों के सामने कौन नाचने लगता है?
सिंधु और ब्रह्मपुत्र यह दो नाम सुनते ही रवि, व्यास, चनाब, कपिशा, गंगा, शरयु, गंडक, सतलज, काबुल, झेलम यह हिमालय की बेटियां लेखक के आंखों के सामने नाचने लगती है।
3.) नदिया बूढ़े हिमालय की गोद में किस तरह से खेलता है?
नदिया बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियां बनाकर खिला करती है।
4.) कालिदास के विरही यक्ष ने अपने मेघदूत से क्या कहा था?
कालिदास के विरही यक्ष ने अपने मेघदूत से कहा था कि वेत्रवती नदी को प्रेम का प्रतिदान देते जाना तुम्हारी वह प्रेयसी तुम्हें पाकर अवश्य ही प्रसन्न होगी।।
5.) समुद्र को सौभाग्यशाली क्यों कहा गया है?
समुद्र जिस पर्वत रांची में लेकर इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला है इस वजह से समुद्र को सौभाग्यशाली कहा गया है।
6.) नदियों के बाल लीला को देखकर लेखक के मन में कौन से भाव उत्पन्न होते हैं?
नदियों के इन बालालिलाओं को देखकर लेखक के मन में कौतूहल और विस्मय जागृत होता है।
प्र.) 2 कारण लिखें।
1.) लेखक जब किसी लड़की को देखते हैं या फिर किसी कली पर उनका ध्यान अटक जाता है तब भी उन्हें इतना कौतूहल और विस्मय नहीं होता जितना नदियों की बाल लीला देखकर होता है।
लेखक जब हिमालय के कंधे पर चढ़े तो वह हैरान रह गए कि यह दुबली पतली गंगा, जमुना, सतलज मैदाने में जब उतरती है तो इतनी विशाल कैसे हो जाती है! इनका उछलना कूदना खिलखिला कर हंसना इनका उल्लास मैदान में जाते वक्त कहां गायब हो जाता है लेखक जब किसी लड़की को देखते हैं या फिर किसी कली पर उनका ध्यान अटक जाता है तब भी उन्हें इतना कौतूहल और विस्मय नहीं होता जितना नदियों की बाल लीला देखकर होता है।
2.) वास्तव में सिंधु और ब्रह्मपुत्र स्वयं कुछ नहीं है।
जब सिंधु और ब्रह्मपुत्र इन नदियों का नाम लेते हैं तब हिमालय की छोटी बड़ी सभी बेटियों मिलकर लेखक की आंखों के सामने नाचने लगती है। उसे वक्त लेखक कहते हैं कि सिंधु और ब्रह्मपुत्र स्वयं कुछ नहीं है। दयालु हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक बूंद ना जाने कब से इकट्ठा होकर हिंदू महानंदों के रूप में समुद्र की ओर प्रवाहित हो रही है।
3.) हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद खाने में कुछ भी झिझक नहीं होती है।
जिन्होंने मैदाने में ही इन नदियों को देखा होगा उनके ख्याल में शायद ही यह बात आ सके कि बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियों बंद करिए कैसा खेल करती है। मां-बाप की गोद में नंग-धड़क होकर खेलने वाली इन बालिकाओं का रूप पहाड़ी आदमियों के लिए आकर्षक भले ना हो लेकिन लेखक को तो ऐसा अनुभव न प्रतीत हुआ वह रूप की हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद खाने में उन्हें कुछ भी झिझक नहीं होती है।
4.) उसे वहां कई को भी नदियों का सचेतन रूपक पसंद था।
कालिदास के विरही यक्ष ने अपने मेघदूत से कहा था वेत्रवती नदी को प्रेम का प्रतिदान देते जाना तुम्हारी वह प्रेयसी से तुम्हें पाकर अवश्य ही प्रसन्न होगी। यह बातें चंचल नदियों को देखकर मुझे अचानक याद आ गई और सोचा कि शायद उसे महाकवि को भी नदियों का सचेतन रूपक पसंद था।
5.) तन मन ताजा हो गया तो लगा मैं गुनगुनाने
एक दिन लेखक की तबीयत कुछ ढीली थी मन उचट गया था। इस वजह से वह सतलज के किनारे जाकर बैठ गए। समय दोपहर का था। उन्होंने अपने पर पानी में छोड़ दिए। थोड़ी देर में उसे जलने लेखक के ऊपर अच्छा असर डाला और लेखक का तन मन ताजा हो गया और वह गुनगुनाने लगा।
प्र.) 3 रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
1.) उनके प्रति मेरे दिल में आदर और ………… के भाव थे।
उनके प्रति मेरे दिल में आदर और श्रद्धा के भाव थे।
2.) कौन जाने बुड्ढा ………… अपनी इन नटखट बेटियों के लिए कितना सिर धुनता होगा!
कौन जाने बुड्ढा हिमालय अपनी इन नटखट बेटियों के लिए कितना सिर धुनता होगा!
3.) कितना सौभाग्यशाली हैं वह समुद्र जिस पर्वत राज लेकर इन दो ………… का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला!
कितना सौभाग्यशाली हैं वह समुद्र जिस पर्वतराज लेकर इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला!
4.) यह बात इन चंचल नदियों को देखकर मुझे अचानक याद आ गई और सोचा कि शायद उसे ……. …… को भी नदियों का सचेतन रूपक पसंद था।
यह बात इन चंचल नदियों को देखकर मुझे अचानक याद आ गई और सोचा कि शायद उसे महाकवि को भी नदियों का सचेतन रूपक पसंद था।
5.) काका कालेलकर ने नदियों को …………… कहां है।
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहां है।
6.) बहन का स्थान कितने कवियों ने इन ………… को दिया है।
बहन का स्थान कितने कवियों ने इन नदियों को दिया है।
पाठ से आगे
प्र.) 1 महाराष्ट्र में से बहने वाले पांच नदियों का नाम लिखो।
महाराष्ट्र में से बहने वाली पांच नदियां
1.) कृष्णा नदी
2.) कोयना नदी
3.) नर्मदा नदी
4.) तापी नदी
5.) इंद्रायणी नदी
प्र.) 2 नीचे कुछ शहरों के नाम दिए हैं उन शहरो में से बहने वाली नदियों के नाम लिखो।
1.) कोल्हापुर – पंचगंगा
2.) काशी – गंगा, सरस्वती
3.) पुणे – मुला, मुठा
4.) नाशिक – गोदावरी
5.) सांगली – कृष्णा, वारणा
प्र.) 3 दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखो।
1.) नदियों को हम माता क्यों कहते हैं?
नदियों को हम माता कहते हैं क्योंकि यही नदिया हमारे प्यास बुझती है। नदिया कहीं गांव में से बहती है। और सब लोगों की ही नहीं पशु पक्षियों की भी प्यास बुझती है। इसी नदियों के पानी की वजह से हमारा जीवन चलता है। पेड़ पौधों को भी पानी की जरूरत होती है। साथ-साथ किसान जब खेती करता है तभी उसके खेत को पानी की जरूरत होती है। यह जरूरत है नदिया पूरी करती है। इस वजह से नदियों को हम माता कहते हैं।
2.) आजकल नदियों का प्रदूषण बढ़ गया है। इस प्रदूषण को रोकने के लिए हम कौन-कौन से उपाय कर सकते हैं कोई पांच उपाय लिखिए।
1.) नदियों पर जाकर महिलाएं कपड़े और बर्तन स्वच्छ करती है हमें नदियों पर जाकर बर्तन और कपड़े स्वच्छ नहीं करने चाहिए क्योंकि हम जो साबुन का इस्तेमाल करते हैं उसमें बहुत केमिकल होते हैं उसे वजह से जो यह पानी पीते के लिए इस्तेमाल करते हैं वह बीमार हो सकते हैं।
2.) नदियों में कूड़ा कचरा नहीं फेंकना चाहिए।
3.) कारखाने और उद्योगों में जो केमिकल रहित पानी होता है उसे पानी को नदियों में नहीं बहाना चाहिए।
4.) नदियों के किनारे जाकर शौच नहीं करना चाहिए।
5.) नदियों में जाकर नहीं नहाना चाहिए और अपने पशु जो होते हैं उन्हें भी नहीं नहलाना चाहिए।
3.) नदियों को स्वच्छ करने के लिए आप अपने गांव में कौन-कौन से उपक्रम तैयार करेंगे और उन्हें लोगों तक कैसे पहुंचाएंगे?
हम पहले गांव में जाकर पंचायत की बैठक बुलाएंगे और पंचायत के जो सदस्य होते हैं उन्हें नदियां स्वच्छ रहने के लिए क्या करना चाहिए उसका महत्व क्या होता है यह बताएंगे। इसके साथ-साथ गांव में जो लोग रहते हैं उनके पास भी जाकर उन्हें नदिया स्वच्छ क्यों रहने चाहिए नदियों का पानी हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह बात समझाएंगे।
प्र.) 4 भारत में नदियों का महत्व इस विषय पर निबंध लिखो।
भारत में नदियों का बहुत महत्व है। यहाँ पर नदियों को सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक महत्व भी दिया जाता हैं। प्राचीन काल से नदियों के किनारे ही भारत में सभ्यताएं बसी हुई है। हर एक सभ्यता की शुरुआत नदियों के किनारे ही हुई हैं।
नदिया लोगों की प्यास बुझती है। पानी की उपलब्धियों को वजह से नदियों के किनारे ही अपने गांव लोगों ने नदियों के किनारे गांव की निर्मिति की गई है। इसके वजह से लोगो ने जो खेती की है उन्हें पानी की कमी महसूस नहीं हुई है। वे हमारी प्यास बुझाती है। इसके साथ साथी नदिया हमारा भरण पोषण भी करती है। नदियों में जो पानी होता है उसकी वजह से लोगों के अनेक समस्याएं सॉल्यूशन जाती है। जब हमें प्यास लगती है तो अभी हम नदियों के पास ही जाते हैं। इसके साथ-साथ जब हमारा मन कभी विचलित होता है तो भी हम नदियों के किनारे जाकर बैठते हैं। ऐसा कहा जाता है कि नदिया सभी जगह पर सकारात्मकता फैलाता है। इस वजह से हम हमारे कई त्योहारों में उत्सवों में नदियों के पानी का समावेश करते हैं। हम नदियों को धनुष संपदा के रूप में पूछते हैं। हम नदी उनका जीवन दाहिनी मानते हैं।
नदिया हमारी माता होती है इस वजह से उनके भारत में पूजा भी की जाती है। या हमारे लिए अनमोल खजाना है। हमारे हिंदू ग्रंथो में भी नदियों का महत्व लिखा गया है। बहुत सारी नदियों का वर्णन भी किया गया है। नदियों के किनारे जिन लोगों ने अपने गांव बसाए हैं उन्हें खेती के लिए पानी उपलब्ध हुआ है। मतलब हमारी कृषि व्यवस्था नदियों के पानियों की वजह से बलशाली बनी है। नदियों में जो मछलियां होती है उन पर भी कई उद्योग निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ-साथ ही भारत में सभी जगह पर प्राकृतिक सौंदर्य अतुलनीय है। इस वजह से यहां पर पर्यटन स्थल भी निर्माण किए गए हैं।
प्र.) 5 बचपन में पाठशाला में सिखाई गई नदियों के ऊपर एक कविता लिखो।
मैं हूं नदी जो बहती रहती है
कभी न रुकती
कभी न थकती
हर वक्त अपनी धुन में चलती जाती है।
भाषा की बात
प्र.) 1 दिए गए शब्दों के अर्थ लिखो।
1.) संभ्रांत – संभ्रम
2.) हैरान – परेशान
3.) विस्मय – आश्चर्य
4.) विराट – विशाल
5.) लुभावना – अच्छा लगना
6.) नतीजा – तात्पर्य
प्र.) 2 दिए गए शब्दों को प्रत्यय लगाकर लिखो
1.) भावना – भावनात्मक
2.) सौभाग्य – सौभाग्यशाली
3.) पर्वत – पर्वतराज
4.) पहुंच – पहुंचकर
5.) प्रगति – प्रगतिशील
प्र.) 3 दिए गए शब्दों का प्रयोग वाक्य में करे।
1.) उछलना –
छोटे बच्चे हमेशा उछल – कुद करते रहते हैं।
2.) कौतूहल –
रंग बिरंगी फूल देखकर उनके बारे में कौतूहल जागृत होता हैं।
3.) नटखट –
नटखट कृष्ण सबको पसंद आता है।
4.) प्रवाहित –
नदिया हिमालय से प्रवाहित होती है।
5.) ममता – मां के दिल में बच्चों के लिए ममता रहती हैं।
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