10 Anuched Lekhan for Class 10th Students
Development of writing skills is very important for students. This can only be developed properly by rigorous practice. In this page we have provided anuched lekhan for the students of class 10th. Read these paragraphs thoroughly and try to write them on your own.
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अनुच्छेद लेखन
1) खेल का महत्व
सभी के जीवन में खेल का बहुत महत्व है। जितनी हम पढ़ाई करते है उतनी ही देर हमे खेलना भी चाहिए। खेल हमारे शरीर को तंदुरुस्त बनाते है। इसके साथ साथ हमारा मानसिक स्वाथ्य भी बेहतर बनता है। हमारी कसरत होती है। इस वजह से हमारा शरीर स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इसकी वजह से रोग भी हमसे दूर भागते है। हम हमेशा प्रफुल्लित रहते हैं। पढ़ाई में भी हमारा मन लगा रहता है। हमे भूख भी लगती है। खेल की वजह से हम तनाव से दूर रहते हैं। यह हमे अनुशासन का महत्व सिखाते है। सभी के साथ आगे बढ़ना, सभी की बात शांतिपूर्वक सुनना, समूह में कार्य करना, सभी कार्य समय से पूर्ण करना ये बाते हम खेल से ही सीखते है। आज कल पाठशाला में भी खेलों को महत्व दिया जाने लगा है। सरकार भी खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन देता है। बच्चों के साथ साथ आज बड़े लोग भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तंदुरस्त रखने के लिए खेल खेलने लगे हैं।
शरीर और मन स्वस्थ रहता है इस वजह से हम हमेशा सकारात्मक रहते है। हमारा कौशल विकास होता है। इस वजह से हमारे अनुशासन, नेतृत्व, संयम इन गुणों का विकास होता है। यह गुण हमे सफल जीवन जीने में मदद करते है। इस वजह से हमें खेल खेलते रहना चाहिए।
2) समय का महत्व
समय हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमे अपने सारे काम समय से करने की कोशिश करनी चाहिए। इस वजह से हम समय का महत्व जान जाते है। अपने सारे कार्य समय से करना यह एक अच्छी बात होती है। जब हमारे पास एक साथ कई सारे कार्य करने के लिए होते है तब अगर हम अपने कार्य का नियोजन करते है तो हमारे सारे कार्य अच्छी तरीके से हो जाते है। जब हम समय का पालन करते है तब इसका परिणाम हमारे शरीर और मन पर भी होता है। जब हमारे कार्य नियोजित समय पर होते है तब हम मन शांत रहता है और इसका परिणाम हमारे शरीर पर भी होता है। अगर हम हमारे कार्य समय से नही करेंगे तो हम हमेशा ही पीछे रह जायेंगे। हमे समय का महत्व जान लेना जरूरी होता है। जब हम समय को महत्व देंगे तभी हम जीवन में सफल हो पाएंगे। अगर हम समय को महत्व नहीं देंगे तो समय भी हमे महत्व नहीं देगा।
समय कभी रुकता नहीं है। इस वजह से हमें भी हमेशा कार्य करते रहना चाहिए। कभी भी रुकना नहीं चाहिए। अगर हम रुक गए तो हम पीछे रह जायेंगे। हमे आगे बढ़ने के लिए हमेशा अपने कार्य समय पर पूरे करने चाहिए। जब हम समय की बरबादी करते हैं तो हम अपने भविष्य को बर्बाद करते है। अगर हमें अपने जीवन में आगे बढ़ाना है तो हमें हमेशा ही समय का पालन करना होगा।
3) मातृभाषा
मातृभाषा अर्थात हमारी मां की भाषा। हम जब जन्म लेते है तब से मां जिस भाषा में हमसे बात करती है वह भाषा हम सबसे पहले सीखते हैं। यह भाषा हम कभी नही भूलते। इसी भाषा में हम अच्छी तरह से व्यक्त हो सकते है। हमारी मातृभाषा हमारी पहचान होती है। हमारी मातृभाषा की वजह से हम हमारी संस्कृति और खुद की पहचान और अच्छी तरह से कर सकते हैं। जब हम अपनी मातृभाषा में सीखते है तब उस समय हम आकलन भी अच्छी तरह से कर पाते हैं। जिन लोगों को अपने मातृभाषा अच्छी तरह से आते हैं उन्हें नई भाषा सीखने में कोई अड़चन नहीं आती। हम हमारी मातृभाषा कभी भी नहीं भूलते। लेकिन हम जब अपनी मातृभाषा में बोलते जाते हैं तो हमें लज्जा जाती है। मातृभाषा का प्रयोग सभी जगह की जाना चाहिए ऐसी कई लोगों की मांग है। क्योंकि मातृभाषा ही सभी लोगों को सुचारू रूप से समझ आती है। मातृभाषा का हमे हमेशा ही सम्मान करना चाहिए।
जो लोग अपने व्यवहार या फिर बातचीत मातृभाषा में करते हैं उन्हें हम कम आंकने लगे हैं और जो अंग्रेजी में बातचीत करते हैं वह लोग पड़े हैं यह हमारा मानना हो गया है। जिस तरह हमारा अपनी मां से नाता होता है इस तरह हमारी मातृभाषा से भी हमारा नाता होता है। मतलब जिस तरह हम अपनी मां से भावनाएं भावनात्मक रूप से जुड़े हुए होते हैं इस तरह हम अपने मातृभाषा से भी भावनात्मक रूप से जुड़े हुए होते हैं।
4) शहरीकरण
आज कल सारे लोग शहर की ओर बढ़ रहे हैं। इस वजह से शहरीकरण बढ़ रहा है। नई नई इमारतों का निर्माण हो रहा है। इस वजह से पेड़, पौधे नष्ट होते जा रहे है। कारखानों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके साथ साथ प्रदूषण की मात्रा भी बढ़ रही है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण की मात्रा में बढ़ोतरी हो रही है। इस वजह से पर्यावरण और मानवी जीवन भी खतरे में आ रहा है। आजकल शहरीकरण यह एक समस्या समझी जा रही है। इसकी वजह से मध्यम वर्गीय लोगों को घर लेना भी मुश्किल हो रहा है, पीने के पानी की समस्याएं उत्पन्न हो रही है, सभी जगह पर अस्वच्छता दिखाई दे रही है। लाखों लोग नौकरियों के लिए शहर में आते हैं लेकिन उन शहरों की क्षमता उतनी नहीं होती इस वजह से कई लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। शहर में नौकरियों की उपलब्धियां है इस वजह से सारे युवा शहर की ओर बढ़ रहे है लेकिन शहरीकरण की वजह से गांव की संस्कृति और छोटे छोटे उद्योग समाप्त होते जा रहे हैं।
जिस तरह से शहरीकरण बढ़ रहा है इस तरह से अनेक समस्याएं भी निर्माण होती जा रही है। जैसे कि गृह निर्माण, आरोग्य, सार्वजनिक परिवहन, अपराध। इसके साथ-साथ शहरीकरण का सबसे बड़ा परिणाम मनुष्य के जीवन पर हो रहा है। हर रोज उसका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है।
5) संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार मतलब एक ही परिवार में दो या तीन पीढियां एक साथ रह रही हो। जैसे कि दादा-दादी, चाचा चाची, बच्चे, भाई बहन। हमारी भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार की परंपरा है। यह लोग कई सालों से कभी-कभी तो जन्म से लेकर उनके मृत्यु तक एक दूसरे के साथ रहते हैं। हम सब संयुक्त परिवार में रहते हैं तो इसके बहुत सारे लाभ होते हैं। सभी लोग एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। सिर्फ आर्थिक रूप से ही नहीं मानसिक रूप से भी यह लोग एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। बुजुर्गों का आशीर्वाद और उनके अनुभव इस वजह से छोटों का जीवन हमेशा ही प्रगति की ओर चलता रहता है। इस वजह से छोटे बच्चों का भविष्य भी उज्जवल रहता है। सब लोग एक दूसरे का काम हल्का करने में प्रयत्नशील रहते हैं। सभी लोग मिलजुल कर खुशी-खुशी रहते हैं। एक दूसरे की कठिनाइयों को कम करने की कोशिश करते हैं। एक दूसरे की मदद करते हैं।
संयुक्त परिवार में सभी लोग एक दूसरे से बंधे हुए होते हैं। सभी लोग एक दूसरे का दुख हल्का करने का प्रयत्न करते हैं। दूसरोंकी परेशानियां कम करना और हंसी-खुशी से रहना यह हमारी ही जिम्मेदारी है ऐसा संयुक्त परिवार में रहने वाले लोग मानते हैं। इस वजह से वह सबसे पहले अपने घर में रहने वाले लोगों का विचार करते हैं। यह लोग खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।
6) वनसंपदा
मनुष्य के लिए वन संपदा बहुत जरूरी है। वनसंपदा का सजीवों के जीवन में बहुत महत्व है। वन संपदा के बिना धरती पर कोई जीवित नहीं रह सकता। वन संपदा हमें ऑक्सीजन, कई प्रकार की औषधि, फल, फूल, लकड़िया प्रदान करती है। इस वजह से यह अमूल्य है। हम इसका मूल्य नहीं लगा सकते। लेकिन इसका उपयोग हमें संभलकर करना चाहिए। क्योंकि इसकी मात्रा पर्याप्त है। पशु, पक्षी वनों में ही आश्रय करते हैं। पशु, पक्षियों का रक्षण यही वन संपदा करती है, उन्हें संरक्षण प्रदान करती है। मतलब वन संपदा के कारण ही वन्य जीवन का अस्तित्व है। वन में रहने वाले पशु वन संपदा पर निर्भर रहते हैं। इन्हीं वनों के कारण प्रकृति में संतुलन रहता है। पर्यावरण में जो ऑक्सीजन होता है उसकी मात्रा कम करके वह ऑक्सीजन की निर्मित करती है और सभी सजिवों को ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।
इसके साथ-साथ जब पर्यावरणीय आपत्ति आती है जैसे तूफान बाढ़ ऐसी स्थिति में वन संपदा ढाल बनती करती है और ऐसे आपत्ती से सबका रक्षण करती है। जब हम वनों की कटाई करते हैं तब हम हमारा ही नुकसान करते हैं। वनों का नष्ट होना मतलब मानव जाती का नष्ट होना। इस वजह से हमें पेड़ों की कटाई पर रोक लगनी चाहिए। हमेशा पेड़ लगाने चाहिए।
7) अनुशासन का महत्व
हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। जब हम नियमों में बंधे रहते हैं तो ही हमारा जीवन सुचारु रूप से चल सकता है। आगे बढ़ सकता है। इसकी वजह से हम स्वतंत्र रहते हैं लेकिन स्वैराचाई नहीं बनते। अनुशासन ही है जो हमें हमारे जीवन में आगे बढ़ाने में मदद करता है। हम इसकी वजह से हमेशा ही प्रगति की ओर बढ़ते हैं। अनुशासन ही है जो हमें हमारे लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। अनुशासन का पालन करते-करते हम हमारे दिमाग को और शरीर को भी शिक्षित करते है। इसकी वजह से हम हमारे भावनाओं को भी नियंत्रण में ला सकते है। जब हमारी प्रगति होती है तो साथ-साथ में देश की भी प्रगति होती है। मतलब जब हम अनुशासन का पालन करते हैं तो हम हमारे साथ-साथ समाज और देश की उन्नति भी करते हैं। जब हम अनुशासन से बंधे रहते हैं तो हमारे जीवन को एक दिशा प्रदान होती है। अनुशासन एक आदत की तरह है। जब हमें अनुशासन की आदत लगती है तो हम उसे तोड़ने का विचार भी नहीं करते।
जब हमें अनुशासन में रहने की आदत हो जाती है तब यही अनुशासन हमारे जीवन की नींव बन जाता है। अनुशासन यह एक ऐसी तकनीक है जो हमें हमारे जीवन में सफलता के ओर ले जा सकते हैं।
8) अंग्रेजी भाषा
आजकल सभी जगह पर हम अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते जा रहे हैं। घर, पाठशाला, सरकारी कार्यालय सभी जगह पर अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल हम कर रहे हैं। लेकिन अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करते हुए हम अपने मातृभाषा या फिर स्थानीय भाषा को भूलते जा रहे हैं। इस वजह से भारत से कई भाषाएं नष्ट हो रही है। भारत में अनेक भाषाएं बोली जाती है। ऐसा कहा जाता है कि भारत में 121 प्रमुख भाषाएं हैं इसके साथ-साथ 270 मातृभाषाए है लेकिन आज हम सिर्फ उनमें से 12 भाषा बोलते हैं। इस वजह से आज कई भाषाओं का अस्तित्व वही नष्ट होता जा रहा है। सभी युवाओं पर अंग्रेजी भाषा का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। सभी जगह पर अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल हम करते जा रहे हैं। अपनी स्थानीय भाषा या फिर मातृभाषा का प्रयोग करना मतलब अपनी कीमत कम कर लेना ऐसा आज के युवा पीढ़ी मानती है। इस वजह से जहां पर जरूरत नहीं है वहां पर भी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग हम कर रहे हैं।
अगर हम अंग्रेजी भाषा का उपयोग सिर्फ ज्ञान के तौर पर करते हैं तो यह गलत नहीं है। लेकिन हम इस भाषा के अधीन होते जा रहे हैं। हमें हमारी भाषा पर हमेशा ही गर्व होना चाहिए। हमें हमारी भाषा कभी भी नहीं भूलनी चाहिए। उस भाषा को हमें आगे ले जाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए।
9) छोटे बच्चों को पाठशाला की जरूरत
आजकल माता-पिता अपने ढाई साल के बच्चे को भी स्कूल में भेज देते हैं। उसका दाखिला करवा देते हैं। इतने कम उम्र के बच्चों को क्या पाठशाला की जरूरत है? इसका विचार हमें आज ही करना है। यह उनके खेलने कूदने की उम्र है इस उम्र में क्या हमें उन्हें पाठशाला भेजना चाहिए? सरकार भी कहते हैं कि बच्चों को छह साल से पहले पाठशाला मत भेजो। लेकिन आजकल माता-पिता दो से ढाई साल के बच्चे को भी पाठशाला भेज देते हैं। इस जगह पर उन्हें सिर्फ पुस्तक का ज्ञान मिलता है। यहां पर उनका लिखना पढ़ना शुरू हो जाता है। दो ढाई साल के बच्चों पर पढ़ाई का बोझ दिया जाता है। इतनी छोटी उम्र में उन्हें ऐसा दौड़ी जाता है जैसे कि वह रेस के घोड़े हो। जो उम्र में खेलने कूदने की है उसे उम्र में उसे ग्रहपाठ करने के लिए कहते हैं। इतने कम उम्र के बच्चों पर पढ़ने लिखने का बोझ नहीं डालना चाहिए। यह उनके हसने खिलखिलाने के दिन होते है।
इसके साथ साधु ने अलग-अलग ट्यूशन में भी भेजा जाता है। इस वजह से उन मे मानसिक तनाव बढ़ जाता हैं। शिशुओं के लिए इस उम्र में उनकी मां और उनके घर ही पाठशाला होता है। वहीं पर वे नई-नई चीज़ सीखते हैं।
10) हमारी भारतीय संस्कृति
भारतीय संस्कृति बहुत महान है। यह हमें आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देती है। हमारे भारत में कई धर्म के लोग रहते हैं उनकी भाषाएं भी अलग-अलग है। लेकिन यहां पर सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं। सभी लोग एक दूसरे की संस्कृति परंपराओं का सम्मान करते हैं। हमारी संस्कृति का निर्माण कई हजारों साल पहले हुआ है। हमारी संस्कृति विज्ञान के आधार पर बनी हुई है। यह हमारे शहरी और मन पर संस्कार और उनका विकास करती है। हम सारे एक ही है, जो अच्छा है उसे आगे लेकर जाओ यह बात हमें हमारी संस्कृति सिखाती है। हमेशा ही नई बातों को वह अपनाती है। लेकिन आजकल हम विदेशी संस्कृति अपनाते जा रहे हैं। इतना ही नहीं हम हमारी संस्कृति भी भूलते जा रहे हैं। भारतीय संस्कृति हमें त्याग, संयम, प्रेम सिखाती है और यह संस्कृति हमें अंधेरे में से उजाले की तरफ लेकर जाती है।
हमें हमारी संस्कृति एक पड़ी से दूसरी पीढ़ी की ओर ले जानी चाहिए। इस संस्कृति को प्रवाहित करना चाहिए। तभी हमारी संस्कृति अबाधित रहेगी। हमारी जो संस्कृति है उसे बचाना हमारा ही कार्य है। पाश्चात्य परंपराएं है अगर वह अच्छी है तो हमें उसे जरूर अपनाना चाहिए। लेकिन उन्हें अपनाते समय हमें हमारी संस्कृति नहीं भूलनी चाहिए।