मैं कौन हूं? | Who am I? in Hindi | Hindi Essay | Who am I? Essay in Hindi
मैं वह व्यक्ति हूं जो अपने आप को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। कई लोग मुझे अलग-अलग नाम से बुलाते हैं जैसी मेरी मां मुझे अपना राजा बेटा बुलाती है, तो पिताजी गुड्डू नाम से बुलाते हैं। बहन खडूस कहकर पुकारती है। कई लोग मुझे स्वभाव के हिसाब से पुकारते हैं। जैसे कुछ लोगों का कहना है कि मैं बहुत ही प्यारा हूं। कुछ लोगों का कहना है कि मैं बहुत गुस्सेला हूं जबकि कुछ लोगों का कहना है कि मैं शांत स्वाभाव का हूं और अपने आप में ही रहता हूं। पर मेरा कहना है कि मैं एक साधारण व्यक्ति हूं जो हर किसी को मदद करना चाहता हूं, छोटे बच्चों को प्यार करना चाहता हूं, मुझसे बड़ों का आदर करना चाहता हूं, अपने माता-पिता को हर सुख देना चाहता हूं।
मैं अपने आप को एक समझदार व्यक्ति मानता हूं जो अपने जीवन में हर एक पल का आनंद लेना चाहता है। मेरा स्वभाव ऐसा है कि मैं अपने रिश्तेदारों का या पड़ोसियों के, या अन्य लोगों के जीवन में घटित होने वाली घटना में हस्तक्षेप करना पसंद नहीं करता हूं और उन सभी से भी यही उम्मीद करता हूं की वह भी मेरे जीवन में हस्तक्षेप ना करें। मेरा अपने रिश्तेदारों से और पड़ोसियों से यह कहना है कि मेरे कामों में टांग अड़ा ने की बजाए अपने स्वयं के कामों में व्यस्त रहें। मेरा स्वभाव काफी शांत है जिसका काफी लोग गलत अर्थ लेते हैं कई लोग समझते हैं कि मैं अभिमानी और बिगड़ेल हूं। मेरे व्यवहार में बचपन से अनुशासन है जिस वजह से हर सुबह जल्दी उठकर मैं सूची तैयार करता हूं कि मुझे क्या-क्या करना है? और किस समय पर करना है। सूची करते समय ही मैं अपने काम के हिसाब के समय का नियोजन भी करता हूं। मैं अपना हर काम निर्धारित समय के भीतर करना चाहता हूं।
मै मेरा काम समय के पहले ही कर देता हूं इसलिए मेरे दोस्त हमेशा मुझे शांत , चिंता मुक्त और अनुशासित का एक अनोखा संयोजन कहते हैं। कई लोग मुझे समझ नहीं पाते इस वजह से वह लोग मुझे कई नाम देते हैं। इन नामों को सुनकर मेरा मन अशांत रहता है , मुझे छोटे बच्चों की तरह सभी चीज पसंद है जैसे खेलना, कूदना, टीवी देखना, मोबाइल देखना है, किताबें पढ़ना आदि।
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