घाघरा का युद्ध | Battle of Ghaghra in Hindi | Hindi Essay | Battle of Ghaghra Essay in Hindi.
घाघरा का युद्ध 1529 में लड़ा गया था। यह युद्ध बाबर और मोहम्मद लोधी के बीच लड़ा गया था। यह युद्ध घागरा नामक नदी के तट पर लड़ा गया था जिस वजह से इस युद्ध को घाघरा का युद्ध के नाम से जाना जाता है। घाघरा नदी वर्तमान के बिहार राज्य में गोरखपुर जिले में है। घाघरा का युद्ध मध्यकालीन इतिहास का प्रथम युद्ध था। यह युद्ध जल और थल दोनों जगह पर लड़ा गया था। यह युद्ध बाबर द्वारा लड़ा गया आखरी युद्ध था इस युद्ध के बाद लगभग डेढ वर्ष बाद ही एक बीमारी की वजह से 16 दिसंबर 1530 को बाबर की मृत्यु हो गई थी।
यह युद्ध भारत के कई महत्वपूर्ण युद्ध में से एक युद्ध माना जाता है। यह युद्ध मुगलों के महत्वपूर्ण युद्ध में से एक युद्ध है। इस युद्ध का मुख्य कारण अफगानों की बेचैनी थी। अफगानों को यह डर था कि उनके कई सालों का भारत पर राज्य करने का सपना मुगल तोड़ ना दे। क्योंकि बाबर के भारत में आने के बाद कई हालात बदल गए थे l इस युद्ध में बाबर के सेना का सेनानायक बाबर था। मोहम्मद लोदी के सेना का सेनानायक नुसरत शाह और महमूद लोदी था। इस युद्ध में बाबर के सैनिक 50,000 थे और मोहम्मद लोदी के सैनिक 100000 थे।
यह युद्ध बाबर विजई हुआ था उसने अफगानों को पराजित किया था जिस वजह से पूर्व में एक अफगान सरकार को फिर से स्थापित करने की अफगान आशा खो चुके थे। इस युद्ध को हारने की वजह से अफगानों को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यह युद्ध अपने परिणामों की वजह से एक निर्णायक युद्ध रहा है। इस युद्ध को जीतने के बाद बाबर काफी शक्तिशाली हो गया था। बाबर ने अपने पूरे जीवन काल में सिर्फ चार युद्ध लड़े और वह चारों युद्ध में बाबर ने जीते थे। यह युद्ध उन चार युद्ध में से एक युद्ध था।
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