On this page we have given a article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या भारत में चालक रहित कारों की अनुमति दी जानी चाहिए?
Debate – क्या भारत में चालक रहित कारों की अनुमति दी जानी चाहिए?
भारत में परिवहन उद्योग बड़ी मात्रा में चलता है। किसी वस्तु को एक जगह से दूसरे जगह हम पर ले जाना इसे ही परिवहन कहते हैं। अलग-अलग स्थान से अलग-अलग वस्तुओं को एकत्रित करके उन स्थानों से वह दूसरी जगह पर ले जाते हैं इससे वस्तुओं की आयात निर्यात की जा सकती है। इस वजह से उद्योगों में भी सहायता मिलती है। परिवहन के लिए बहुत सारे वाहनों का उपयोग किया जाता है। आर्थिक गतिविधियों में परिवहन एक महत्वपूर्ण बाब हैं। परिवहन के माध्यम से हमारे बाजारों का विस्तार होता है। दूसरे स्थान से लाई गई वस्तुओं के जरिए लोगों के जरूरतों की पूर्तता होती है।
परिवहन के माध्यम से बहुत सारे लोगों को रोजगार प्राप्त होते हैं। हमारे भारत में रास्तों की स्थिति अच्छी नहीं है। रास्तों की वजह से हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं। रास्तों की स्थिति अच्छी न होने के कारण हमारे भारत में वाहन चलाने के लिए बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई ड्राइवर जो होते हैं उनकी गाड़ी चलाने का तरीका सही नहीं होता बहुत बार रास्ते खराब होते हैं कई ठिकानों पर भीड़ भी बहुत ज्यादा होती है। बहुत बार रास्तों पर दिशा दर्शक फलक लगाए ही नहीं जाते हैं। इस वजह से बहुत सारे अपघात हो जाते हैं। कई लोग गाड़ी चलाते वक्त उसके नियमों का पालन ही नहीं करते हैं। सिटबेल्ट का न लगाना सही तरीके से गाड़ी ना चलाना, जरूरत होने पर हॉर्न ना बजाना, अगर दाएं या बाई तरफ मुड़ना हो तो इंडिकेटर ना देना इस वजह से भी अपघात हो जाते हैं।
आज चालक रहित वाहनों की निर्मित की जा रही है भारत में भी चालक रहितकर अगर आ जाती है तो यहां पर बेरोजगारी की संख्या बढ़ जाएगी। क्योंकि कई लोग परिवहन के उद्योगों पर अपना जीवन गुजारा करते हैं। भारत में आबादी भरपूर है। इस वजह से यहां पर मनुष्य का सही तरीके से उपयोग करके रोजगार निर्मिती करना आवश्यक है। अगर रोजगार काम हो गए तो भारत में गरीबी और भी बढ़ जाएगी। दूसरी बात यह है कि भारत के रसों की स्थिति अच्छी नहीं है इस वजह से चालक रहित कर आ गई तो रास्तों पर दुर्घटना की मात्रा बढ़ जाएगी। जिनके पास मनुष्यबल की कमी है उन देशों में ऐसी कारों का उपयोग अच्छी तरह से किया जा सकता है।
जो चालक रहितकर है ऐसी कारों को कंप्यूटर ऑपरेट करेगा। उसे कारों में ऐसी प्रणाली है जिसकी वजह से ईंधन की बचत भी हो सकती है। कई वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अगर चालक रहित वाहन ने उपयोग में आने लगी तो उनकी वजह से दुर्घटना की संख्या बहुत कम हो जाएगी। इसीलिए वहां चलाने का जो ड्राइवर को तनाव रहता है वह भी काम हो जाएगा। यह कार्य पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगी। वैज्ञानिकों का यह कहना है कि चालक रहित कार हमारे दैनंदिन जीवन को बेहतर बनाने के लिए उपयोग में लाई जा सकती है।
लेकिन ऐसी कारों की वजह से भारत में बहुत नुकसान हो जाएगा। क्योंकि भारत की आबादी बहुत है। यहां पर बेरोजगारों की संख्या भी बहुत है। अगर चालक रहित कर भारत में चलने फिरने लगेंगे तो बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी। हमें बेरोजगारों की संख्या कम करनी है तो रोजगारों का निर्माण करना होगा ना की रोजगारों को कम करना होगा। भारत में कई लोग टैक्सी चलाकर या फिर छोटी-छोटी गाड़ियां चलाते अपना पेट भरते हैं अपने परिवार का गुजारा करते हैं। लेकिन अगर ड्राइवरलेस गाड़ियां बाजार में आने लगेंगे तो उनकी नौकरियां खतरे में आ जाएंगे। इसी के साथ-साथ यह हो कर कंप्यूटर पर आधारित होगी इस वजह से हम यह नहीं कह सकते कि जब हम इन कारों में बैठेंगे तो हम सुरक्षित है या नहीं।
भारत को चालक रहित करो के लिए अनुमति नहीं देनी चाहिए क्योंकि यहां पर सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं है इस वजह से दुर्घटनाओं की घटना में बढ़ोतरी हो जाएगी इसके साथ-साथ कई लोगों की नौकरियां भी चली जाएगी बहुत सारे लोग बेरोजगार हो जाएंगे। कई बार जब हमारी आंखों के सामने दुर्घटना होती हुई दिखाई देती है तो कई बार हम अपनी जान के साथ साथ सामने वाले की जान बचाने का प्रयास करते है। लेकिन कंप्यूटर की माध्यम से नियंत्रित की जाने वाली कारों के सामने अगर ऐसी परिस्थितियों आ जाएगी तो कंप्यूटर को कुछ क्षण में निर्णय लेना सहज होगा क्या? यह सारे प्रश्न भारतीयों के सामने है इस वजह से भारत में चालक रहित कारों को अनुमति नहीं देनी चाहिए।
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