On this page we have given a article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is बढ़ती कीमतों को सरकार ही नियंत्रित कर सकती है
Debate – बढ़ती कीमतों को सरकार ही नियंत्रित कर सकती है
आज के जमाने में महंगाई यह भी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण घटक बन गया है। दिनभर दिन यह महंगाई कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। हमारे जीवन की यह एक समस्या बन गई है और यह समस्या हमारे जीवन से जाने का नाम भी नहीं ले रही। मनुष्य की कुछ जरुरते होती है जैसे कि अन्न, वस्त्र, निवारा, स्वास्थ्य, शिक्षा। मनुष्य इन जरूरत को पूरा करने के लिए हमेशा कार्यरत रहता है। अगर उसके आमदनी से यह सब जरूरत है वह पूर्ण कर सकता है तो वह महंगाई के बारे में सोचता भी नहीं लेकिन अगर इन जरूरत को पूरी करने वाले वस्तुओं की कीमती हमेशा बढ़ती रहे और उसके अंदर से यह जरूर अगर वह पूरी नहीं कर सके तो उसका जीना मुश्किल हो जाता है। इसे ही महंगाई कहते हैं
कभी-कभी अति वृष्टि की वजह से या फिर बारिश न होने की वजह से खेती का बहुत नुकसान होता है तब हमें खाने की चीजों की कमी खलने लगती है। जो खाने की चीज होती है जैसे की दाल गेहूं चावल सब्जियां फल धान्य इनकी कीमत हमेशा बढ़ती रहती है। कभी-कभी व्यापारी दलाल यह वस्तुओं का संचय करके रखते हैं इस वजह से भी महंगाई बहुत बढ़ने लगती है।
महंगाई बढ़ने का और एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि हमारे लोक संख्या में हमेशा बढ़ोतरी हो रही है। इस वजह से भी हमें धान्य की कमतरता दिखने लगी है। जिस तरह से लोग संख्या बढ़ रही है उसकी तुलना में भारत में धान्य का उत्पादन नहीं हो रहा। जिस तरह से लोक संख्या बढ़ रही है उसी तरह से जरूरत की चीजों की मांग भी बढ़ रही है। लेकिन मांग की तुलना में उत्पादन नहीं हो रहा इस वजह से चीजों का मूल्य बढ़ रहा है।
जान जैसे-जैसे महंगाई बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे लोगों की बचत करने की शक्ति कम होती जाएगी। क्योंकि जरूर की चीज महंगी हो जाएगी और आमदनी जितनी है उतनी ही रहेगी। लोगों को जरूरत की चीज खरीदने के लिए पैसा तो खर्च करना ही पड़ता है इसलिए बचत कम हो जाती है। जब वस्तु की कीमत बढ़ने लगती है तो मनुष्य अपनी जरूरतों को कम करने लगता है। इस वजह से बाजार में भी मंदिर आने लगती है।
अगर महंगाई कम करनी है तो लोकसंख्या की तुलना में चीजों की मांग पूरी करनी होगी। युवा पीढ़ी को व्यवसाय करने की तरफ आकर्षित करना होगा उन्हें व्यवसाय करने के लिए प्रति करना होगा। जो लोग वस्तुओं का संचय करते हैं उसे पर रोक लगानी होगी। कहीं जरूरत की वस्तुओं पर सरकार टैक्स लगाती है यह टेक्स भी सरकार को कम करना होगा। अन्न धान्य का उत्पादन बढ़ाना होगा। इसके लिए किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए प्रारूपीटी करना होगा। आधुनिक खेती करने के फायदे उन्हें समझाने होंगे।
सरकार को वस्तुओं की कीमत कम कर देनी चाहिए और मुफ्त में धान्य नहीं बांटना चाहिए। क्योंकि जिनको मुफ्त में धान्य बांटा जाता है उनके घर में पैसे की आयत बहुत कम होती है। जब धान्य खरीदना पड़ेगा तो घर में से कोई ना कोई रोजगार के लिए जाएगा और इससे अर्थव्यवस्था में भी सुधारना हो जाएगी। युवाओं को व्यवसाय करने के लिए प्रेरणा देनी होगी। खेती करने के लिए युवा और किसानों को प्रोत्साहित करना होगा। पंचवर्षिक योजनाओं में खेती को महत्व देना होगा। खेती का विकास करना होगा। युवाओं को खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। उनके लिए अनेक योजनाएं तैयार करनी होगी। जब खेती का विकास होगा तो महंगाई दर कम हो जाएगा वैसे ही महंगाई कम हो सकती है।
जिस तरह महंगाई कम करना सरकार की जिम्मेदारी है वैसे ही यह जिम्मेदारी हम आम नागरिकों की भी होती है। हमे भी अपनी जरूरत के अनुसार ही चीजों का इस्तमाल करना चाहिए। जहा पर जरूरत हो वही खर्च करना चाहिए। सार्वजनिक वाहनों का इस्तमाल करना चाहीए। घर में रहने वाले योग्य व्यक्तियों को काम करने के लिए प्रवृत्त करना चाहिए। रोजगार कैसे बढ़ाया जा सकता है इसका विचार करना चाहिए। क्योंकि जब रोजगार बढ़ेगा तभी उत्पन बढ़ेगा। भविष्य के लिए बचत करनी होगी। हमे जो वस्तुएं मिलती है उसका दुरुपयोग नही करना चाहिए। इस तरह से महंगाई कम करने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं है। जितने हम महंगाई के लिए सरकार के जिम्मेदार ठहराते हैं उतना ही जिम्मेदार हम भी है।
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