On this page we have given an article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता है ?
Debate – क्या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता है ?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यह एक ऐसी परिषद है जो पूरी दुनिया पर शांता प्रस्तावित करने के लिए और उनके सुरक्षा करने के लिए तत्पर रहती है। इसके साथ-साथ जो देश के आंतरराष्ट्रीय प्रश्न होते हैं उन पर सोच विचार करना, अंतरराष्ट्रीय झगड़ों को सुलझाना, अगर जरूरत पड़े तो जो आक्रमक देश होते हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई करना, लश्करी कार्रवाई करना, दुनिया पर शांति प्रस्तावित करना यह सारे कार्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पूर्ण करती है। सुरक्षा परिषद इसके पांच स्थाई सभासद होते हैं इसमें चीन, फ्रांस, अमेरिका, रूस, इंग्लैंड यह राष्ट्रीय समाविष्ट है।
1945 में जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था तब सुरक्षा परिषद का संगठन किया गया था। इसके पांच स्थाई सदस्य होते हैं और 10 अस्थाई सदस्य के रूप में कार्यरत रहते हैं। इन के अध्यक्ष जो होते हैं वह एक-एक महीने के लिए होते हैं। हर एक महीने के बाद वह अध्यक्ष बदल जाते हैं। इनके लिए हर महीने चुनाव लिया जाता है जो सदस्य देशों में होता है।
सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य यही है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांता रखना। इस यह करने के लिए वे शांति अभियान पर कार्य करते हैं अनेक प्रतिबंध लागू करते हैं। जो आक्रमक देश होते हैं उनके विरुद्ध यह समिति कार्यरत रहती है। हर वक्त शांता योजनाओं का निर्माण करना और उन पर कार्य करना उनकी जिम्मेदारी होती है। जब इन के चार्टर में दुरुस्ती करनी होती है तो सिर्फ यूएनएससी के द्वारा ही की जाती हैं।
जब हमारे देश में या देश के आसपास वाद विवाद की परिस्थितियों निर्माण हो जाती है और तब उन देशों में शांता प्रस्तावित करना यह कार्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इनका होता है। क्योंकि अगर वह परेशान तथा प्रस्तावित नहीं की गई तो वहां की सूरज से तथा को हनी पहुंच सकती है। इस संघर्ष बढ़ सकता है और बहुत सारी बात विवादों का निर्माण हो सकता है। इस वजह से रोकना शांत का प्रस्तावित करना और जिन देशों में शत्रुत्व निर्माण हुआ है वह शत्रुत्व किस वजह से निर्माण हुआ उन कर्म का अभ्यास करके उसे पर चर्चा करना और उन पर पर्याय निकलना यह भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इनका कार्य होता है। किसी भी कर्म से दो देशों में अगर वाद निर्माण होते हैं तो वह भी बात जल्द से जल्द मिटाना यह कार्य इस परिषद का होता है।
जब से इस परिषद की स्थापना हुई है तब से इसमें बहुत सारे बदले वक़्त वक़्त पर किए गए हैं। लेकिन जो परिषद है उसमें बहुत कम बदलाव किए गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था उसमें जो राष्ट्र जीत गए थे उदय राष्ट्रों ने अपने हित के लिए आए अनेक नियम बनाए। खुद के लिए उसे परिषद में हमेशा के लिए जगह बनाई। अगर सुरक्षा परिषद में कोई भी सुधारना करनी हो तो जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य होते हैं उनकी जो महासभा होती है उनमें से दो तृतीय सदस्य अगर बहुत सुधारना स्वीकारना चाहे तो ही उसे सुधारना को मान्यता मिलती है। जो पांच स्थाई सदस्य हैं उनके पास वीटो का अधिकार है मतलब अगर इनमें से एक भी सदस्य को स्थाई सदस्यों का निर्णय सामान्य है तो वह अपना यह अधिकार वहां पर दिखा सकते हैं और उसे निर्णय को रोक सकते हैं।
आज ऐसा कहा जाता है कि जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद है उसमें सुधार की आवश्यकता है क्योंकि 1945 से जब वित्तीय विश्व युद्ध हुआ था तब से जो भू राजनीतिक संरचना है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज भी वही भू राजनीतिक संरचना दिखती है। जो 5 स्थाई सदस्य है वह उसे वक्त जीत गए थे इसी आधार पर उन्हें स्थाई सदस्यों का अधिकार मिला था इसके साथ-साथ उनके पास इसी के वजह से ही वीटो का अधिकार भी है। इसके साथ-साथ अफ्रीका का कोई भी देश आज भी सुरक्षा परिषद में सदस्य नहीं है। इसके बावजूद भी 50% से अधिक कार्य इन्होंने अफ्रीका इस देश के लिए ही किए हैं।
जब दूसरा विश्व युद्ध हुआ था तब परिस्थितिया अलग थी लेकिन आज सारे देशों की परिस्थिति अलग है इस वजह से सुरक्षा परिषद को भी अपने नियमों में बदलाव लाने की जरूरत है । आज बहुत सारे देश आर्थिक दृष्टि से संपन्न हो चुके हैं इसके साथ-साथ उन्होंने परमाणु शक्तियों अभी हासिल की है। इस वजह से स्थाई समिति के जो मापदंड है उनमें बदलाव लाने की जरूरत है। इसकी वजह से स्थाई सुरक्षा परिषद में सुधार आ सकता है।
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