On this page we have given a article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या भारत विश्वगुरू बनने के पथ पर अग्रसर है?
Debate – क्या भारत विश्वगुरू बनने के पथ पर अग्रसर है?
भारत को संस्कृति और सभ्यता के मामले में बहुत प्राचीन देश कहा गया है। भारत ने सभी देशों को ज्ञान दिया है। भारत सभी विषयों में अग्रेसर माना गया हैं। आज जो बाते विज्ञान से हमें अवगत होती है वही बातों का ज्ञान भारत में कई हजार साल पहले दिया जाता था। नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय यहां पर थे। जहा पर अलग अलग देशों से विद्यार्थी आकार अपनी पढ़ाई पूरी करते थे। हमारे भारत में कई ग्रंथो का निर्माण किया गया है। जिन मे दुनिया के बारे में जानकारी दी गई थी। जैसे की – चरत एव सुश्रुत, वेद और उपनिषद, कला और संगीत, अर्थशास्त्र, वायुयान, शून्य की खोज, पायथगोरस प्रमेय इन सबका अविष्कार भारत में हुआ था। नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला, पुष्पगिरी, शरदापीठ जैसे बड़े बड़े विश्वविद्यालय भारत में हुए हैं। जहां पर विदेश से आए विद्यार्थी पढ़ते थे। भारत एक समृद्ध संस्कृति पूर्ण देश था। यहां का ज्ञान चाहे वह प्राचीन अर्थव्यवस्था का हो राजनीति का हो समाज कारण का हो विज्ञान हो सभी को समृद्ध करता था। भारत को एक सोने की चिड़िया कहा जाता था। भारत की संस्कृति सभी देशों से अलग है यहां पर विविधता है और विविधता में भी एक कथा है। इसी वजह से सब ठीक हो यहां की संस्कृति अच्छी लगती है। यही सीखने के लिए कई लोग पश्चिमत्य देश से भारत में आते थे। भारत की संस्कृति को नजदीक से देखते थे। यहां पर आकर शिक्षा लेते थे।
आज भी भारत में बहुत प्रगति कर ली है। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, मंगलयान की यात्रा ऐसे अनेक प्रयोग भारत में यशस्वी किए हैं। इसके साथ-साथ विज्ञान में और प्रौद्योगिकी का विकास भी किया है। अनेक मिसाइल, लड़ाकू विमान रॉकेट प्रणाली इसमें भी भारत अग्रेसर है। आज भारत की आबादी बढ़ रही है। इस बढ़ती हुई आबादी का उपयोग भारत में किया जा सकता है। अनेक उद्योग व्यवसाय निर्माण करने के लिए इनका उपयोग किया जा सकता है। इससे भारत देश का विकास होगा। इसके साथ-साथ अगर भारत में बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रणाली दी जाए उनके बौद्धिक विकास अगर सही तरीके से किया जाए तो भारत सबसे आगे होगा। भारत के पास यही एक ताकत है जिसका उसे सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। अगर भारत इसका सही तरीके से उपयोग करता है तो वह एक वैश्विक शक्ति बन जाएगा और उसका प्रभाव सारी दुनिया पर पढ़ सकता है।
भारत के लिए भारत के संस्कृति इसकी सभ्यता ही भारत की पहचान है लेकिन आज हमारे लोग अपनी सभ्यता अपने संस्कृति छोड़कर दूसरे देश की सभ्यता उनकी संस्कृति को अपनाने लगे हुए हैं वह उनके संस्कृति के पीछे भाग रहे हैं। यह हमारे लिए धोखादायक है। क्योंकि यहां की संस्कृति यहां के पर्यावरण के अनुसार बनाई गई है। यह अकेली त्रिवास परंपरा इस निसर्ग से जुड़ी हुई है। अगर हम बाहर के लोगों की संस्कृति अपनाते हैं तो हमारे यहां की संस्कृति हम भूलने लगेंगे। और यही बाद भारत को पीछे ले जाएगी। हमें हमेशा ही अपनी संस्कृति के बारे में हमारी सभ्यता के बारे में जागरूक रहना चाहिए। जब हम हमारे भारत में रहने वाले लोगों को महत्व देंगे, उन्हें आगे ले जाने के लिए प्रयत्न करेंगे, अपनी सभ्यता संस्कृति को महत्व देंगे तब हम पहले की तरह विश्व गुरु बनने के लिए तैयार हो जायेंगे। क्योंकि दूसरे लोग जो है वह भारतीय संस्कृति मानते हैं, उसे अपनाते हैं। वह कहते हैं कि भारतीय संस्कृति सभी संस्कृतियों से श्रेष्ठ है क्योंकि वह सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचती, उसमें अपने आसपास के लोग, पर्यावरण उसमें रहने वाले घटक, इन सब के विचार होते हैं।
भारत में रहने वाले लोग ही भारत की ताकत है यहां के युवा इस देश की ताकत है हमारी संस्कृति हमारी ताकत है हमारे देश में अलग-अलग जाति धर्म के लोग रहते हैं लेकिन वह एक होकर यहां पर रहते हैं यह इस देश की ताकत है। यहां के छात्र जब आगे आएंगे इस देश को मजबूत बनाने के लिए प्रयत्न करेंगे तभी यह देश विश्व गुरु बन सकता है।
आज की प्रगति जिस तरह से हो रही है उसे तरह से भारत को विश्व गुरु बनने में बहुत समय लगेगा। अगर भारत को विश्व गुरु बनाना है तो हमें बहुत सारे प्रयत्न करने होंगे। हमारे साथ-साथ हमारे आसपास के लोगों की भी प्रगति करनी होगी। ऐसा कोई कार्य नहीं करना होगा जिस देश की हानि हो। भारत के युवा अगर प्रयत्न करेंगे तो कम समय में ही भारत विश्व गुरु बन सकता है।
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