Chhattisgarh State Class 6 Hindi Chapter 19 हार कि जीत Solution
Chhattisgarh State Board Class 6 Hindi Chapter 19 हार कि जीत Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
हार कि जीत
1.) सुल्तान कौन था?
सुल्तान नाम का एक घोड़ा था। यह घोड़ा बाबा भारती का था।
2.) खड्ग सिंह कौन था? लोग उससे क्यों डरते थे?
खड्ग सिंह उस इलाके का कुख्यात डाकू था। लोग उसका नाम सुनकर कांपते थे। क्योंकि वह डाकू सारे काम गलत करता था। लोगों को डरना यही उसका एकमात्र काम था। लोग उसके कारनामों से डरते थे।
3.) बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर किस प्रकार का आनन्द आता था?
बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर बहुत आनंद आता था। जैसा एक मां को अपने पुत्र को देखकर आनंद आता है। अपने लहराती फसलों को देखकर जितना आनंद किसान को आता है, उतना ही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था।
4.) बाबा भारती का सुल्तान के प्रति किस प्रकार का प्रेम था ?
अपने बेटी को जितना हम प्यार करते हैं उतना ही प्रेम बाबा भर्ती सुल्तान से करते थे।
5.) खड्ग सिंह सुल्तान को क्यों देखना चाहता था?
सुल्तान की करती खड्ग सिंह ने सुनी थी। इसीलिए वह सुल्तान को देखना चाहता था।
6.) बाबा भारती ने खड्ग सिंह से सुल्तान के किन गुणों का बखान किया?
बाबा भारती ने खड्ग सिंह से कहा के सुल्तान एक विचित्र जानवर है। तुम उसे देखना है तो देखो, तुम उसे देखकर प्रसन्न हो जाओगे। उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी। उसे जो एक बार देख लेता है उसके ह्रदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है। इस तरह की प्रशंसा बाबा भारती ने सुल्तान के बारे में कि।
7.) ‘बाबा, इसकी चाल न देखी तो क्या देखा? खड्ग सिंह ने ऐसा क्यों कहा?
बाबा भारती ने खड्ग सिंह के सामने सुल्तान की भरपूर प्रशंसा की। इसीलिए खड्ग सिंह को सुल्तान देखना चाहता थ। उसे चलते हुए दौड़ते हुए देखना चाहता था। इसलिए उसने बाबा भारती से यह कहा कि खड्ग सिंह की चाल न देखी तो क्या देखा।
8.) सुल्तान को प्राप्त करने के लिए डाकू खड्ग सिंह ने क्या चाल चली?
बाबा भारती को सुल्तान सबसे प्रिय था डाकू खड्ग सिंह सुल्तान को प्राप्त करने के लिए अपाहिज होने का नाटक किया।
9.) बाबा भारती के किस कथन को सुनकर डाकू खड्ग सिंह का हृदय परिवर्तन हुआ?
खड्ग सिंह घोड़े को चलाकी से ले जा रहा था। तब बाबा भारती ने उसे रोक दिया और उसे कहा कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। अगर लोगों को इस घटना का पता चल गया तो वह किसी गरीब पर विश्वास न कर सकेंगे। इस कथन को सुनकर डाकू खड़क सिंह का ह्रदय परिवर्तन हो गया।
10.) “अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।” बाबा भारती ने ऐसा कब और क्यों कहा?
खड्ग सिंह ने बाबा भारती से उनका घोड़ा चालाकी से लिया था। लेकिन उसका पछतावा उसे बाद में हुआ। इसीलिए उसने सुल्तान को बाबा भारती के मंदिर में जाकर उसी के स्थान पर बांध दिया और वह वहां से निकल गया। जब बाबा भारती ने देखा के सुल्तान उसी की जगह बंधा हुआ है तो उन्हें बहुत आनंद हुआ और वह संतोष से बोले के “अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।”
11.) निम्नांकित कथन किसने किससे कब कहे ?
क.) “सुल्तान की चाह खींच लाई ।”
डाकू खड्ग सिंह ने बाबा भारती से
ख.) “उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी।”
बाबा भारती ने डाकू खड्ग सिंह से
ग.) “बाबा, मैं दुखिया हैं, मुझ पर दया कीजिए।”
एक अपाहिज मतलब डाकू खड्ग सिंह ने बाबा भारती से
घ.) “इसके बिना में रह न सकूँगा।”
बाबा भारती ने डाकू खड्ग सिंह से
पाठ से आगे
1.) बाबा भारती ने खड्ग सिंह से घटना के बारे में किसी से न कहने को क्यों कहा होगा? विचार कर लिखिए।
बाबा भारती ने खड्ग सिंह से घटना के बारे में किसी से न कहने के लिए इसीलिए कहा, कि अगर यह घटना किसी को पता चलती तो कोई भी गरीब लोगों की मदद करने से पहले सौ बार सोचता। कई लोगों को मदद नही मिल पाती। इसीलिए बाबा भारती ने डाकू खड्ग सिंह से घटना के बारे में किसी से न कहने के लिए कहा।
2.) बाबा भारती का सुल्तान के साथ पिता-पुत्र की तरह रिश्ता था वैसे ही माँ-बेटे का भी रिश्ता होता है। अगर पुत्र माँ से अलग हो जाये तो माँ की मनः स्थिति कैसी होती होगी। अपनी माँ से चर्चा कर लिखिए।
अगर मां अपने बेटे से अलग हो जाए तो वह बहुत दुखी हो जाएगी। उसे कहीं पर भी चैन नहीं मिलेगा। वह खाना पीना छोड़ देगी। दिन रात बस उसी के ख्यालों में लगी रहेगी। उसे अपने बेटे के अलावा कुछ भी नहीं सुझेगा।
3.) “हार की जीत” कहानी को पढ़ने के बाद क्या आप किसी गरीब की सहायता करेंगे? कक्षा में चर्चा कर लिखिए।
हार की जीत कहानी को पढ़ने के बाद भी हम गरीब लोगों की मदद करेंगे, क्योंकि सभी लोग एक जैसे नहीं होते। कई जरूरतमंद लोग ऐसे होते हैं जिनको सहायता की आवश्यकता होती है। सभी लोग चालाकी नहीं करते। कई लोगों को सच में मदद की जरूरत होती है।
4.) इस कहानी में हार कर भी कौन जीता और जीतकर भी कौन हारा और क्यों कारण सहित लिखिए।
इस कहानी में ना कोई जीता है ना कोई हारा है। जैसे बाबा भारती सुल्तान के बिना नहीं रह सकते थे वैसे ही सुल्तान भी बाबा भारती के बिना नहीं रह सकते था। डाकू खड़क सिंह ने सुल्तान को बाबा के पास छोड़कर उन्हें उनके पुत्र से मिलवा दिया है। इसमें डाकू खड़क सिंह की हार नहीं है।
भाषा से
1.) हार की जीत पाठ मे अस्तबल आस्तिक आदि शब्दों का प्रयोग हुआ है। घोड़ा बाँधने का स्थान ‘अस्तबल तथा जो ईश्वर पर विश्वास करता हो, आस्तिक कहलाता है। ठीक इसी तरह अब आप निम्न वाक्यांशो के लिए एक-एक शब्द बनाइये
1.) घोड़े पर सवारी करने वाला।
घुड़सवार
2.) प्रशंसा करने वाला।
प्रशंसक
3.) पहरा देने वाला।
पहरेदार
2.) इन्हें भी समझिए
क.) योजक चिह्न (-) का प्रयोग दो शब्दों को जोड़ने के लिए होता है। उदा भजन-पूजन
(दोनों शब्द योजक चिह्न से मिलकर पूर्ण पद बनाते है।
विपरीतार्थ शब्दों के बीच जैसे- बुराई भलाई, भले-बुरे, ऊँच-नीच
ग.) जब दो शब्दों में एक सार्थक और दूसरा निरर्थक हो, जैसे रोटी-मोटी, अनाप-शनाप ।
घ.) दो क्रियाओं के बीच जैसे-मिलना-जुलना, पढ़ना-लिखना।
ड.) एक ही संज्ञा दो बार प्रयोग हो जसे द्वार-द्वार, नगर-नगर, बात-बात आदि ।
ऐसे ही पाठ में आए योजक चिह्न लगे शब्दों को छाँटकर लिखिए।
देख – देख
जाते – जाते
धीरे – धीरे
कहते – कहते
बार – बार
3.) ‘अग्र का पश्च’, ‘आकाश का पाताल विलोम है जिसका अर्थ है विपरीत अर्थ वाला या उल्टे क्रम से उत्पन्न किसी शब्द का विपरीत अर्थ वाला शब्द विलोम शब्द कहलाता है। जैसे (पाठ में आए शब्दों के विलोम शब्द लिखिये।
सुंदर- बदसूरत
पसंद- नापसंद
मिथ्या- सत्य
भला- बुरा
विश्वास- अविश्वास
सावधानी-असावधान
रोना – हंसना
4.) पाठ में प्रसन्नता शब्द आया है जो कि भाव वाचक संज्ञा है यह शब्द प्रसन्न विशेषण में ता प्रत्यय लगाने से बना है अर्थात् खुश होने का भाव इस प्रकार ता प्रत्यय का प्रयोग करते हुए दस भाववाचक संज्ञा बनाइये ।
मानव – मानवता
सफल – सफलता
सुंदर – सुंदरता
मधुर – मधुरता
महान – महानता
वीर – वीरता
प्रसन्न – प्रसन्नता
शीतल – शीतलता
पशु – पशुता
देव – देवता
5.) निम्नांकित वाक्यों को निर्देशानुसार बदलिए ।
क.) घोड़ा सुंदर था । ( वर्तमान काल )
घोड़ा सुंदर है ।
ख.) खड्ग सिंह इस इलाके का कुख्यात डाकू था। (वर्तमान काल )
खड्ग सिंह इस इलाके का कुख्यात डाकू है।
ग.) वहाँ तुम्हारा कौन है ? (भूत काल)
वहाँ तुम्हारा कौन था ?
घ घोड़ा हिनहिना रहा होगा। (वर्तमान काल )
घोड़ा हिनहिना रहा है।
ङ.) मैंने भी प्रशंसा सुनी है। (भूत काल )
मैंने भी प्रशंसा सुनी थी।
6.) निम्नलिखित वाक्यों में उचित स्थान पर विराम चिह्न लगाइए।
क.) कामायनी की कथा, संक्षेप में लिखिए
कामायनी की कथा, संक्षेप में लिखिए।
ख.) किशोर भारती का प्रकाशन हर महीने होता है
किशोर भारती का प्रकाशन, हर महीने होता है।
ग.) आप कहाँ से आ रहे हैं
आप कहाँ से आ रहे हैं?
घ.) आपकी शक्ल आपके बड़े भाई से मिलती जुलती है
आपकी शक्ल, आपके बड़े भाई से मिलती – जुलती है।
ङ.) जीवन में हारना जीतना तो लगा ही रहता है
जीवन में हारना, जीतना तो लगा ही रहता है।
निम्नलिखित अवतरण को पढिए और रिक्त स्थानों की पूर्ति नीचे दिए गए शब्दों की सहायता से कीजिए-
बाबा भारती एक छोटेसे मंदिर में रहते थे। सुल्तान नामक घोड़े को वे बहुत चाहते थे। उसी क्षेत्र में खड्गसिंह डाकू रहता था। वह घोड़ा देखने के लिए बाबा भारती के पास पहुँचा। उसने बाबा भारती से कहा -“मैं यह घोड़ा आपके पास नहीं रहने दूँगा।” बाबा भारती इस धमकी से चिंतित रहने लगे। छह महीने बीत गए डाकू खड्गसिंह नहीं आया। एक दिन बाबा घोड़े पर सवार होके जा रहे थे। रास्ते में एक पेड़ के नीचे एक अपाहिज पड़ा था। उसने बाबा से विनती की, “मैं अपाहिज हूं । मुझे रामवाला गाँव जाना है। कृपया मुझे घोड़े पर चढ़ा लें।” उन्होंने अपाहिज को घोड़े पर चढ़ा दिया और स्वयं उसकी लगाम पकड़कर चलने लगे। अचानक उन्हें झटका लगा। सवार घोड़े को भगाए लिए जा रहा था। वह खड्ग सिंह था। उन्होंने उसे रोककर कहा, “घोड़ा तुम्हारा हो गया। लेकिन इस बात की चर्चा किसी से नहीं करना।” बाबा भारती उनके मंदिर पर वापस आ गए। खड्गसिंह उनके कथन पर विचार करता रहा। उसका हृदय परिवर्तन हो गया। रात्रि के अंधकार में वह घोड़े को अस्तबल में लाकर बाँध दिया । सुबह बाबा भारती स्नान करने उनके कदम स्वतः अस्तबल की ओर बढ़े। अस्तबल पर पहुँचकर उन्हें अपनी गलती महसूस हुई। घोडे ने अपने स्वामी की पदचाप पहचान ली। घोड़ा हिनहिनाया। बाबा भारती दौड़कर अस्तबल में पहुंचे और जाकर घोड़े से लिपट गए।उनके मुँह से निकल पड़ा, “अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा ।” (चर्चा / बाबा जी / चले / उनके / महसूस / लेकिन / में / डाकू / होकर / पेड/ मुझे / गरीबों / हृदय / गया / वह / में / को / चिंतित / उसने / हूँ / तुम्हारा / खड्गसिंह / लिया / लगे / गए / कहा / रहने /ने / मे / को / भारती / अपने / बढ़े।)