Bihar Board Class 7 Social Science History Chapter 7 सामाजिक – सांस्कृतिक विकास all Question and Answers complete Solution by Neha Mam. Here you will get Bihar Board Class 7 Social Science History Solution all chapters.
Bihar Board Class 7 Social Science History Chapter 7 सामाजिक – सांस्कृतिक विकास
Board |
Bihar State Board (BSEB) |
Class |
7 |
Subject |
Social Science History |
Book Name |
Atit Se Vartman |
सामाजिक – सांस्कृतिक विकास
अ.) रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
1.) भारत में प्राचीन काल से ही ……………………………मेल-जोल की समृद्ध परंपरा रही है।
भारत में प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक मेल-जोल की समृद्ध परंपरा रही है।
2.) मध्यकाल में भारत में आकर बसने वाला सबसे महत्वपूर्ण वर्ग ……………………का था।
मध्यकाल में भारत में आकर बसने वाला सबसे महत्वपूर्ण वर्ग मुसलमानाे का था।
3.) बिहार में तुर्कों की सत्ता के पहले ही ………………………… का आगमन हो चुका था।
बिहार में तुर्कों की सत्ता के पहले ही सूफियों का आगमन हो चुका था।
4.) मुसलमान के आगमन के कारण भारत में …………………………. और …………………….. भाषा का महत्व बढ़ा।
मुसलमान के आगमन के कारण भारत में फारसी और अरबी भाषा का महत्व बढ़ा।
5.) भारत में भक्ति या ईश्वर की प्रति ……………………… की परंपरा प्राचीन काल से ही चलती आ रही है।
भारत में भक्ति या ईश्वर की प्रति अनुराग की परंपरा प्राचीन काल से ही चलती आ रही है।
6.) 12वीं सदी के मध्य में वासवन्ना के नेतृत्व में दक्षिण भारत में ………………….. आंदोलन शुरू हुआ।
12वीं सदी के मध्य में वासवन्ना के नेतृत्व में दक्षिण भारत में वीरशैव आंदोलन शुरू हुआ।
7.) धार्मिक बाह्याडम्बरो को भी त्यागने का विचार ……………………….. विचारधारा की ही देन है।
धार्मिक बाह्याडम्बरो को भी त्यागने का विचार ऊपनिषेदिय विचारधारा की ही देन है।
आ.) दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखें।
1.) गजनी के शासक मुहम्मद पश्चिमोत्तर सीमांत के रास्ते से भारत आए इनका मुख्य उद्देश्य क्या था?
गजनी के शासक मुहम्मद पश्चिमोत्तर सीमांत के रास्ते से भारत आए इनका उद्देश्य यह था कि भारत का धन लूटना।
2.) पृथ्वीराज चौहान को पराजित करने वाला तुर्की शासक कौन था?
मुहम्मद गौरी इस तुर्की शासक ने पृथ्वीराज चौहान को पराजित किया।
3.) भारत में मुसलमान के आगमन से पूर्व लेखन कार्य किन चीजों पर किया जाता था?
भारत में मुसलमान के आगमन से पूर्व लेखन कार्य पत्तों, पेड़ों के छालों, रेशमी कपड़ों, पत्थरों और धातु की चादरों पर किया जाता था।
4.) कपड़ों के निर्माण हेतु मुसलमान अपने साथ कौन सा यंत्र लेकर आए?
कपड़ों के निर्माण हेतु मुसलमान अपने साथ चरखा लेकर आए।
5.) शंकराचार्य का जन्म कब और कहां हुआ?
शंकराचार्य का जन्म केरल में आठवीं सदी के उत्तरार्थ में हुआ।
6.) नयनार और अलवार घुमक्कड़ संतों ने कौनसा कार्य किया?
नयनार और अलवार घुमक्कड़ संता गांव गांव जाकर देवी देवताओं की प्रशंसा में भजन कीर्तन करते थे।
इ.) तीन से चार उत्तर वाक्य में लिखो।
1.) मुसलमान और हिंदुओं ने अपने रीति रिवाज के साथ मेल-जोल कैसे बिठाया?
रीति रिवाज धर्म इस बात को अपनाया। जन्म मृत्यु शादी विवाह इस अवसर पर मनाए जाने वाले उत्सव एक दूसरे से प्रभावित थे। मुसलमान ने अपने साथ फारसी और अरबी भाषा लाई हिंदू जनता ने इस भाषा को सिखाना प्रारंभ किया। जिस तरह हिंदू अपने देवी देवताओं की पूजा करते थे उसी तरह मुसलमान लोग मजारों पर चादर चढ़ाने लगे। बड़े-बड़े मंदिरों के साथ मस्जिद बनना प्रारंभ हुआ। पूजा, अर्चना करने वालों के साथ-साथ नमाज पढ़ने और रोजा रखने वालों की भी संख्या बढ़ी।
2.) भक्ति आंदोलन के कारण समाज में कौन से बदलाव आए?
भक्ति आंदोलन के कारण वैदिक रीति रिवाज, पूजा – पाठ धार्मिक कर्मकांड यह सब महंगे और काफी खर्चीले हो गए। इन परिस्थितियों में सर्वसाधारण धार्मिक कार्यों में बढ़ते हुए खर्च का बोझ उठाने में असमर्थ था। पुरोहित वर्ग अपने लाभ के लिए वैदिक कर्मकांड को काफी खर्चीला बन चुके थे।
3.) भक्ति आंदोलन का जन्म किस वजह से हुआ?
दिल्ली सल्तनत की स्थापना के बाद इस्लाम धर्म के एकेश्वरवादी और समानता आदि सिद्धांतों के प्रचार प्रसार से भी सर्वसाधारण मनुष्य का इस धर्म के प्रति आदर बढ़ा। इन परिस्थितियों में भक्ति संतों द्वारा हिंदू धर्म में आत्म सुधार के प्रयास शुरू हुई इसी क्रम में भक्ति आंदोलन का जन्म हुआ।
4.) रामानुज इन्होंने समाज को कौन सा संदेश दिया?
शंकराचार्य के दर्शन में कुछ विशेषताओं को जोड़ते हुए रामानुज ने ईश्वर को दया और अनुकंपा का स्रोत माना। इन्होंने समाज के दलित वर्ग को भी ऐश्वर्या आराधना के द्वारा भक्ति का संदेश दिया। इन्होंने मोक्ष प्राप्त करने के उपाय विष्णु के प्रति अनन्य भक्ति में देखा। रामानुज ने भक्ति की जो नई धारा प्रभावित कि उसने आगे चलकर उत्तर भारत में व्यापक रूप प्राप्त किया।
5.) शंकराचार्य जी ने ईश्वर के प्रति कौन से सिद्धांतों का प्रतिपादन किया और उसका अर्थ क्या है?
शंकराचार्य ने ईश्वर के प्रति भक्ति के लिए अद्वैतवाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इन के दर्शन का मूल है सिर्फ ब्रह्म ही सत्य है बाकी सारा संसार झूठ है। इसका कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने ईश्वर को सर्वशक्तिमान बताया तथा जीव में ईश्वर के वास को बताया। बिना ईश्वर के जीव का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
ई.) जोड़ियां लगाओ।
1.) इस्लाम धर्म का अभ्युदय – वस्त्र निर्माण का यंत्र
2.) 1206 – सातवी सदी
3.) 13वीं सदी – भारतीय और इस्लामी संस्कृति के समन्वय का प्रतीक
4.) महान दार्शनिक – ईश्वर दया और अनुकंपा का स्रोत
5.) रामानुज – शंकराचार्य
6.) उर्दू भाषा- दिल्ली सल्तनत की स्थापना
7.) चरखा – तुर्क शासन की स्थापना
उत्तर –
1.) इस्लाम धर्म का अभ्युदय – सातवी सदी
2.) 1206 – दिल्ली सल्तनत की स्थापना
3.) 13वीं सदी – तुर्क शासन की स्थापना
4.) महान दार्शनिक – शंकराचार्य
5.) रामानुज – ईश्वर दया और अनुकंपा का स्रोत
6.) उर्दू भाषा- भारतीय और इस्लामी संस्कृति के समन्वय का प्रतीक
7.) चरखा – वस्त्र निर्माण का यंत्र