Short Story for Class 3 in Hindi: Story for Class 3 Standard in Hindi Language with Moral line in this page. These Hindi short stories for Class 3 will help Students in their studies.
This Hindi Short Story for Class 3 Standard will help students in a new kinds of way. And also The moral for each story will give students Inspiration in their own lives.
Short Story in Hindi for Class 3:
Topic |
Short Story |
Class |
3 |
Language |
Hindi |
Short Story 01:
एक समय की बात है। एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। अपने खेत में दिन रात मेहनत मजदूरी करता और अनाज उगाता था। उस किसान के चार लड़के थे। किसान के लड़के निकम्मे और कामचोर थे। वह कभी किसान की खेतों के कामों में मदद नहीं करते। ना ही घर में अपने मां की मदद करते हैं।दिन-रात गांव भर में घूम कर आवारागर्दी करते थे। उनके इसी बर्ताव के कारण किसान तथा उसकी पत्नी चिंतित थी। सब कुछ ठीक चल रहा था। पर 1 दिन किसान बीमार हो गया। उसे ऐसा लगने लगा कि उसका समय अब करीब आ गया है। उसे यह चिंता सताने लगी कि उसके ,बाद उसके चारों संतानों का क्या होगा? इसलिए उसने अपने चारों बेटों को अपने पास बुलाया कहा कि मेरी जिंदगी की चंद सांसे बाकी है इसलिए मैं तुम्हें कुछ बताना चाहता हूं। मैंने जिंदगी भर जितना धन कमाया है वह सारा मैंने अपने खेत में किसी जगह पर छुपा दिया है। यह सुनकर किसान के चारों लड़के यह सोच कर खुश हो गए कि उन्हें जिंदगी भर के लिए धन मिल जाएगा। सारी जिंदगी उन्हें मेहनत ना करनी पड़ेगी। किसान ने आगे कहा कि मुझे अभी उम्र बढ़ने के कारण वह जगह निश्चित रूप से याद नहीं।धन प्राप्त करने की लालसा में किसान के लड़के खेत में गए और उन्होंने खेत की खुदाई शुरू कर दी। धीरे धीरे कर उन्होंने सारा खेत खोद दिया । पर उन्हें कहीं कोई धन ना मिला। इस पर किसान के चारों लड़के हताश और निराश होकर। क्यों नहीं जोते हुए खेत पर हम बीज बोदे यह सोचकर उन्होंने जूते हुए खेत पर बीज को और उसकी देखभाल की। कुछ समय बाद फसल तैयार हो गई। लहराती हुई फसल को देख किसान ने उन्हें समझाया कि जमीन में गड़ा हुआ धन वह फसल ही है। यह सुनकर किसान के लड़कों को अपनी गलती का एहसास हुआ। और उन्होंने निश्चय किया कि अब से मेहनत करेंगे। कlम अपना जी ना चुराएंगे।
सीख – मेहनत से हम सब कुछ पा सकते हैं मेहनत के बिना कुछ नहीं।
Short Story 02:
एक समय की बात है। एक गांव के पास एक घना जंगल था। सारे गांववासी अपने पशु पक्षी उसे जंगल में चराने के लिए ले जाते थे। उस जंगल में कई जंगली जानवर मौजूद थे। एक दिन एक गाय चारा खा रही थी। तभी अचानक उसके सामने एक खूंखार शेर आ गया। शेर गाय का शिकार करने ही वाला था कि गाय ने कहा ,यदि तुम मुझे मारना चाहते हो तो मार डालो किंतु मुझे बस एक बार मेरे बछड़े के पास जाने दो। मैं उसे दूध पिला कर उससे मिलकर जल्दी लौट आऊंगी। वह मेरा इंतजार कर रहा होगा। यदि मैं ना कहीं तो वह दुखी हो जाएगा। उसकी ममता देखते शेर में जाने की इजाजत दे दी। और कहा कि यदि तुम ना आइ तो मैं तुम और तुम्हारे बच्चे दोनों को खा जाऊंगा। अपने बछड़े से मिलने के बाद उसने अपने बछड़े को दूध पिलाया और खूब जी भर के प्यार किया।उसे समझाया कि मैं रहूं या ना रहूं तुम हमेशा दूसरों की बातें मानना कभी किसी का दिल मत दुखा। और हर हालत में खुश रहना। मां की यह बात सुनकर बछड़े को थोड़ा अजीब लगा।मां की आंखों में छुपे दर्द का एहसास हुआ। मां शेर पास जाने के लिए निकली तब वह भी मां के पीछे पीछे छुपके से मां के पीछे चल दिया। उसने देखा कि उसकी मां एक शेर के सामने जा खड़ी हो गई। शेर उसकी मां पर हमला करने ही वाला था तब वह बछड़ा सामने आया। उसने शेर से कहा कि आप मुझे खा लीजिए पर मेरी माता को छोड़ दीजिए। इस पर उसकी माता सामने आकर कहने लगी आप मुझे खा लीजिए पर मेरे बच्चे को छोड़ दीजिए। बछड़े की मां बछड़े को घर जाने के लिए समझने लगी। पर वह बछड़ा समझने के लिए तैयार ना था। माता और बछड़े का यह प्रेम देखकर शेर भवुक हो गया। उसने उस बछड़े और मां को छोड़ दिया।
सीख – इमानदारी का परिणाम हमेशा अच्छा ही होता है।
Short Story 03:
एक समय की बात है l एक नमक बेचने वाले व्यापारी के पास एक गधा था। रोज अपने गधे पर सामान रखकर नदी पार करता। सामान बाजार में बेचकर आता। वह अपने गधे का बहुत ख्याल रखता। उसे समय पर खाना पीना देता। पर वह गधl बहुत ज्यादा कामचोर था। उसे सारे दिन सुस्त पड़े रहने तथा सोने के अलावा और कुछ अच्छा नl लगताl 1 दिन व्यापारी ने गधे पर सामान रखा। वह बाहर की ओर चल पड़ा। व्यापारी के पीछे गधl धीरे धीरे चल रहा था। रास्ते में नदी पार करते समय गधl नदी में गिर पड़ा। जिसे उसके ऊपर रखा भlर कुछ कम हो गया। क्योंकि उसके ऊपर नमक की बोरी रखी थी? पानी में गिरने से वह पानी में घुल गई। पीठ का भार कम होने का अहसास होते ही गधा खुश हुआ। अब तो यह उसका रोज का काम था वह। रोज जानबूझकर पानी में गिर जाता। और अपने पीठ के ऊपर का भार कम कर लेता। चालाकी पर व्यापारी का ध्यान था। एक दिन उसने गधे को सबक सिखाने की सोची । बाजार के लिए निकले तो अपनी आदत की तरह गधा उस दिन भी पानी में गिरा। पर उस दिन उसका भार कम होने के बदले वह और बढ़ गया।क्योंकि उस दिन उसकी पीठ पर नमक के जगह का कपस रखा हुआ था।
सिख जैसे को तैसा।
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