Sandhi- Parivasha, Ved aur Udaharan (संधि – परिभाषा, भेद और उदाहरण) hindi worksheet in 40 marks
Sandhi- Parivasha, Ved aur Udaharan (संधि – परिभाषा, भेद और उदाहरण) hindi worksheet in 40 marks for Indian students of English Medium and Hindi Medium. If you want to download this worksheet please contact us or drop a comment. We will generate PDF of this worksheet and share You.
संधि – परिभाषा, भेद और उदाहरण
प्र.) 1 तीन से चार वाक्य में उत्तर लिखो। Marks: 15
1.) संधि को पढ़ना क्यों जरूरी है?
हमारी हिंदी भाषा में संधि के द्वारा शब्दों को लिखने की परंपरा काम है। लेकिन संस्कृत में संधि के बिना कोई काम नहीं होता। संस्कृत व्याकरण की परंपरा बहुत पुरानी है। भाषा को अगर अच्छी तरह से जानना हो तो हमें व्याकरण का उपयोग करना होगा। व्याकरण में संधि को भी पढ़ना होगा। संधि जरूरी है। हिंदी शब्दों के निर्माण में संधि भी योगदान देती है। इसलिए संधि को पढ़ना जरूरी है।
2.) संधि की परिभाषाएं लिखें।
संधि की परिभाषाएं-
1.) पास पास स्थित पदों के समीप विज्ञमान वर्णों के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं।
2.) जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्दों की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती है उसे संधि कहते हैं।
3.) जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनता है और मूल शब्द में परिवर्तन होता है। उसे संधि कहा जाता है
3.) स्वर संधि किसे कहा जाता है?
जब स्वर के साथ स्वर्ण का मेल होता है तब शब्द में परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहा जाता है। हिंदी में स्वर 11 है। बाकी के सारे व्यंजन है। जब दो सवार आपस में मिल जाते हैं तब तीसरा स्वर तैयार होता है इसे ही स्वर संधि कहा जाता है।
4.) विसर्ग संधि की परिभाषा लिखकर दो उदाहरण लिखो।
विसर्ग के बाद जब स्वर आया व्यंजन आ जाए तब जो परिवर्तन होता है उसे विसर्ग कहते हैं।
उदाहरण –
नि:+ अक्षर – निरक्षर
अधः+ गति – अधोगति
5.) यण संधि किसे कहते हैं उसके प्रकार के संधि युक्त पद लिखो।
यण स्वर संधि में एक शर्थ दी गई है कि य और त्र में स्वर होना चाहिए और उसी से बने हुए शुद्ध व सार्थक स्वर को + के बाद लिखे। उसे यण संधि कहते हैं।
यण संधि के तीन प्रकार के संधि युक्त पद होते हैं –
1.) य से पूर्व आधा व्यंजन
2.) व् से पूर्व आधा व्यंजन
3.) त्र से पूर्व आधा व्यंजन
प्र.) 2 व्याख्या लिखे। Marks:6
1.) दीर्घ संधि
यदि दो सजातीय स्वर आसपास आए तो दोनों के मेल से सजातीय दीर्घ स्वर हो जाता है। जिसे दीर्घ संधि कहते हैं। दीर्घ संधि को रसव संधि भी कहा जाता है।
2.) गुण संधि –
जब अ, आ के साथ इ, ई आता है तो ए बन जाता हैं। जब अ, आ के साथ उ, ऊ आता है तो ओ बन जाता हैं। जब अ, आ के साथ ऋ हो तो अर बन जाता हैं। इसे ही गुण संधि कहते हैं।
3.) व्यंजन संधि –
जब व्यंजन को व्यंजन या स्वर के साथ मिलने से जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
प्र.) 3 सही मिलान करे। Marks:8
1.) विद्या + आलय- विद्यालय विसर्ग संधि
2.) उत्तम + अंग – उत्तमांग दीर्घ स्वर
3.) शुभ+ इच्छा – शुभेच्छा दीर्घ संधि
4.) एक+ एक – एकैक स्वर संधि
5.) अति + उत्तम – अत्युत्तम अयादि संधि
6.) पौ+ इत्र – पवित्र वृद्धि संधि
7.) उत् + नति – उन्नति गुण संधि
8.) तपः+ चर्या – तपश्चर्या यण संधि
उत्तर –
1.) विद्या + आलय- विद्यालय स्वर संधि
2.) उत्तम + अंग – उत्तमांग दीर्घ स्वर
3.) शुभ+ इच्छा – शुभेच्छा गुण संधि
4.) एक+ एक – एकैक वृद्धि संधि
5.) अति + उत्तम – अत्युत्तम यण संधि
6.) पौ+ इत्र – पवित्र अयादि संधि
7.) उत् + नति – उन्नति दीर्घ संधि
8.) तपः+ चर्या – तपश्चर्या विसर्ग संधि
प्र.) 4 विग्रह करें और संधि लिखे। Marks:7
1.) दुश्शासन
दु:+ शासन , विसर्ग संधि
2.) उत् + हार
उद्धार, व्यंजन संधि
3.) नयन
ने+ अन,
अयादी संधि
4.) अन्वय
अनु+ अय, यण संधि
5.) जलौघ
जल + ओघ, वृद्धि संधि
6.) महेंद्र
महा + इंद्र, गुण संधि
7.) शिवालय
शिव + आलय, दीर्घ संधि
प्र.) 4 दिए गए वाक्य सही है या गलत पहचानो। Marks:4
1.) जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता हैं तब कोई परिवर्तन नहीं होता
गलत
2.) जब अ आ के साथ ए ऐ हो तो ऐ बनता है।
सही
3.) जब ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो क बन जाता हैं।
गलत
4.) सु+ अच्छ – स्वच्छ यह यण संधि का उदाहरण है।
सही
Also See: विशेषण – परिभाषा, भेद और उदाहरण