PSEB Punjab Board Class 8 Hindi Textbook Solution Chapter 9 पथ की पहचान Exercise Questions and Answers
PSEB Punjab Board Class 8 Hindi Textbook Solution Chapter 9 पथ की पहचान Exercise Questions and Answers, Grammar, Writing.
क) भाषा बोध
1) शब्दार्थ
पूर्व = पहले
पथ = रास्ता
राही = मुसाफिर
अवधान = ध्यान, किसी विषय में मन की एकाग्रता
चित्त = मन
गिरि = पर्वत
बटोही = यात्री
बाट = राह, रास्ता
अनगिनत = जिसकी गिनती ना हो
सरित = नदी
गहवर = गुफा
शर = तीर
2) इन शब्दों का अनुभव रुक के अर्थ बताकर वाक्य में प्रयोग करें।
पथ
अर्थ = रास्ता
वाक्य- हमें हमेशा सही पथ पर चलना चाहिए।
सुमन
अर्थ- फूल
वाक्य- मेरे बगीचे में बहुत अच्छे सुमन हैं।
अनगिनत
अर्थ- जिसकी गिनती ना हो, असंख्य
वाक्य- गुरु जी के कार्यक्रम में अनगिनत लोग आए थे।
सहसा
अर्थ- अचानक
वाक्य- बारिश के दिनों में सहरसा बारिश होती ही है।
बटोही
अर्थ – यात्री
वाक्य – स्कूल के बच्चे थके हारे बटोही मे वट वृक्ष के नीचे आराम करते थे।
पैरों की निशानी छोड़ना
अर्थ- संकेत छोड़ना
वाक्य- चोर ने चोरी करते समय पैरों की निशानी छोड़ दी थी।
मन में बिठाना
अर्थ- याद रखना
मॉ ने सूरज के मन बिठा लिया कि, उसे डॉक्टर ही बनना है।
ख) विषय बोध
1) कवि ने कविता के किस पथ की पहचान कर लेने का भाव प्रस्तुत किया।
उत्तर- कवि ने इस कविता से यह प्रस्तुत किया है कि व्यक्ति को जीवन पथ की पहचान कर लेनी चाहिए।
2) ‘अनगिनत रहियो‘ से कवि ने किस ओर जाने का संकेत दिया है।
उत्तर- कवि ने ‘अनगिनत रहियो ‘ से यह संकेत दिए हैं कि व्यक्ति के जीवन पथ में अनेक साथ ही मिलते हैं, परंतु जो अपने पांव के निशान छोड़ गए हैं उनके ही निशान पर आगे बढ़ना चाहिए।
3) राही पथ पर अपनी निशानी कैसे छोड़ जाती है?
उत्तर- राही पथ पर आपने अच्छे कारनामों से निशानियां छोड़ जाते हैं, जो सभी के लिए अनुकरणीय होते हैं, इस तरह से राही पथ पर अपनी निशानी छोड़ जाते हैं।
4) सफर यात्री राह पर कैसे बढ़ता है ?
उत्तर – एक सफल यात्री राह में विघ्न, बाधाओं की परवाह न करते हुए आगे बढ़ते हैं, जिस वजह से वह अपने मार्ग को पूरे पूरी तरह पहचान लेते हैं, इस तरह बढ़ता है एक सफल यात्री .
5) राही को कब नहीं रुकना चाहिए?
उत्तर- राही को अपने पथ पर चलते समय साथियों के छोड़ जाने पर और बाधाएं आने पर रुकना नहीं चाहिए।
6) इन पंक्तियों की व्याख्या करो।
है अनिश्चित किस जगह पर सरित, गिरी, गहर मिलेंगे।
है अनिश्चित किस जगह पर बाग – वन सुंदर मिलेंगे।
उत्तर- कविता के इन पंक्तियों में कवि ने यह कहा है की, यह पहले से निश्चित नहीं है कि आपके राह में कब क्या आएगा, आपको यह नहीं पता होगा कि आप के पथ पर कहा नदी, पर्वत और खाई मिलेंगे. आप यह पहले से नहीं जान सकते कि आप को आगे कठिनाई आएगी। किसी विषय के लिए आप अनुमान नहीं लगा सकते। कवी कहते हैं कि हे यात्री तुम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि कब आप की राह में सुंदर बाग आएगा, या घनी वन आएंगे या आपको कब सुख का अनुभव होगा, कवी कहते हैं कि यात्री तू चलने से पूर्व अपने मार्ग की पहचान कर ले। कभी किसी भी बात का अनुमान पहले से ही लगाया नहीं जा सकता कि तुम्हें सुख मिलेंगे या दुख।
ग) व्यावहारिक व्याकरण
1) इन शब्दों के दो दो पर्यायवाची शब्द लिखें।
आंख =——-
उत्तर- नयन , नेत्र
पहाड़ =——-
उत्तर- गिरी , पर्वत
नदी =——-
उत्तर- तटीनी, सरिता
मुसाफिर =——-
उत्तर- यात्री, बटोही
वन =——-
उत्तर- अरण्य, कानन
2) इन शब्दों के आगे ‘अ‘ लगाकर विलोम शब्द बनाएं।
ज्ञात =————
निश्चित =————
संभव =————
सफल =————
सत्य =————
उत्तर–
ज्ञात – अज्ञात
निश्चित – अनिश्चित
संभव – असंभव
सफल – असफल
सत्य – असत्य
3) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें।
1) जो गिना न जा सके =————
2) जो निश्चित ना हो =————
3) पथ पर चलने वाला =————
उत्तर–
1) जो गिना न जा सके = अनगिनत
2) जो निश्चित ना हो = अनिश्चित
3) पथ पर चलने वाला = पथिक
4) ‘अनगिनत‘ ‘अनुमान‘ शब्दों में ‘अन‘ और ‘अनु‘ उपसर्ग है इसी प्रकार के ‘अन‘ और ‘अनु‘ उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाए।
अन + होनी =————
उत्तर- अनहोनी
अन + जान =————
उत्तर- अनजान
अन + मोल =————
उत्तर- अनमोल
अन + अन्य =————
उत्तर- अनन्य
अनु + शासन =————
उत्तर- अनुशासन
अनु + मति =————
उत्तर- अनुमति
अनु + करण =————
उत्तर- अनुकरण
अनु + सार =————
उत्तर- अनुसार
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