PSEB Punjab Board Class 8 Hindi Textbook Solution Chapter 23 फलों की चौपाल Exercise Questions and Answers
PSEB Punjab Board Class 8 Hindi Textbook Solution Chapter 23 फलों की चौपाल Exercise Questions and Answers, Grammar, Writing.
क) भाषा बोध
शब्दार्थ
चौपाल = खुली मंडपाकार बैठक जहाँ गाँव के लोग बैठकर पंचायत आदि करते हों, छायादार बड़ा चबूतरा
खाँसी की दवा = कफ सिरप
नेत्र ज्योति = आँखों की देखने की शक्ति
इज़ाजत = आज्ञा
अवशेष = बचा हुआ
विसर्जित = विसर्जन (अंत, समाप्ति) किया गया
ख) विचार बोध
1) इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें
क) अमरूद को कब खाना चाहिए?
उत्तर- अमरुद को दोपहर के समय अच्छी तरह से धोकर खाना चाहिए।
ख) गाजर ने खाने से पहले अपने बारे में क्या हिदायत दी ?
उत्तर- मुझे खाने से पहले अच्छी तरह से मलमल कर धोना चाहिए और साफ करना चाहिए यही हिदायत दी गाजर ने खाने से पहले।
ग) उन दो सब्जियों के नाम लिखें जिन पर रोएँ होते हैं।
उत्तर- मूली और गाजर
घ) अंगूर ने अपने क्या फायदे बताये ?
उत्तर – अंगूर ने अपने यह फायदे बताएं कि उसे खाने से खून बढ़ता है और साफ भी होता है। अंगूर खाने से पाचन क्रिया ठीक होती है और नेत्र ज्योति बढ़ती है। अंगूर कहता है मुझे खाने से कमजोर लोग भी स्वस्थ हो जाते हैं।
ङ) फलों को खाने से पहले धोना क्यों जरूरी है ?
उत्तर- फलों को खाने से पहले धोना जरूरी है जो कि उन में धूल मिट्टी और हानिकारक बैक्टीरिया लगे हुए होते हैं उन्हें दूर करने के लिए फल को खाने से पूर्व धोना चाहिए।
च) उन दो फलों के नाम लिखें जिन्हें खाने से पहले कुछ देर तक पानी में भिगोना चाहिये।
उत्तर- गाजर और अंगूर
छ) सेव के छिलके क्यों नहीं उतारने चाहिए ?
उत्तर- सेव के छिलकों के ठीक नीचे विटामिन सी और ए होता है। अगर सेब के छिलके उतारे गए तो वह विटामिन नष्ट हो जाते हैं इसलिए सेब का छिलका नहीं उतारना चाहिए।
2) इन प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्यों में लिखें:-
क) फलों को खाने से पहले क्या–क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर- फलों को खाने से पहले स्वच्छ पानी से अच्छे से मलमल कर धोना चाहिए। कुछ फल ऐसे होते हैं कि उनको धोने के बाद भी कुछ समय तक पानी में रखना चाहिए। कुछ फलों के छिलके नहीं उतारने चाहिए क्योंकि उन छिलकों के नीचे विटामिंस होते हैं, छिलकों को उतारने से विटामिन नष्ट हो जाते हैं, यह सावधानियां बरतनी चाहिए फलों को खाने से पहले।
ख) फलों को पकाने के लिए रसायनों का प्रयोग घातक है, क्यों ?
उत्तर- फलों को पकाने के लिए व्यापारी रसायनों का इस्तेमाल करते हैं। कुछ व्यापारी फलों को रसायनों में डूबा कर रखते हैं। या फिर फलों पर रसायनों का छिड़काव करते हैं। आम जैसे फलों को पकाने के लिए आम की पेटी में कैल्शियम कार्बाईड का टुकड़ा रखते हैं। जो नमी के अवस्था में एसिटिलीन गैस उत्पन्न करते हैं, इस वजह से आम तो पक जाते हैं पर आम खाने से मनुष्य के शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान होता है। कई प्रकार की बीमारियां मनुष्य को हो सकती है।
ग) पीले रंग के फलों के नाम लिखें। जिनमें विटामिन ‘ए‘ की मात्रा अधिक होती है।
उत्तर- पीले रंग की बहुत सारे फल है जिनमें विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है। पर कुछ पीले रंग के फल ऐसे भी होते हैं जिनमें विटामिन ए नहीं होता। आम में विटामिन ए की मात्रा काफी है।
घ) खट्टे रस वाले फलों के नाम लिखें इनमें विटामिन ‘सी‘ को मात्रा अधिक होती हैं।
उत्तर- खट्टे रस वाले फल सिट्रिक परिवार से होते हैं। उनमें विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। विटामिन सी रोगों से लड़ने की क्षमता शरीर को देता है। नींबू , मालटा, संतरा, किन, ग्रेफ्रूट, चकोतरा यह सारे फल खट्टे रस वाले फल है।
ङ) कौन–से ऐसे फल हैं जो यदि काटकर थोड़ी देर पड़े रहें तो काले हो जाते हैं ? उनमें भोजन का कौन–सा खनिज लवण होता है ?
उत्तर- कई फल ऐसे हैं जिनको काटने के बाद थोड़ी देर पड़े रहने से काले हो जाते हैं , क्योंकि उनमें लोहा नामक तत्व की मात्रा अन्य फलों की अपेक्षा से अधिक होती है, जब उन फलों को काटा जाता है तो उनमें उपस्थित लोहा वायु ऑक्सीजन से क्रिया करता है जिस वजह से लोहा ऑक्साइड बनता है और वह फल गहरे भूरे या काले रंग के दिखने लगते हैं। इस वर्ग के फल है सेव, आम, नाशपाती , अमरूद।
च) फलों और सब्जियों पर प्रचलित मुहावरे लोकोक्ति इकट्ठी करें। जैसे आम के आम गुठलियों के दाम ।
उत्तर- नमक- मिर्च लगाना, गाजर मूली के भाव बेचना, बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद, एक अनार सौ बीमार, किस खेत की मूली, यह है कुछ निम्नलिखित मुहावरों के फलों और सब्जियों पर प्रचलित है।
छ) उन फलों के नाम लिखें जिन्हें छिलका सहित छिलका रहित खाया जाता है।
उत्तर-
छिलका सहित खाये जाने वाले फल = स्ट्रौबरी, अंगूर, चेरी, जामुन, सेब, अमृद, नाशपाती, खुमानी, रसभरी
छिलका रहित खाये जाने वाले फल = आम, अनानास, संतरा, अनार, पपाया , केला, श्रीफल, खरबूजा, मोसंबी, लीची, कीनू, खरबूजा।
ग) व्यावहारिक व्याकरण
1) इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करें प्रतिनिधि
प्रतिनिधित्व =- – — – – – – —
उत्तर- प्रतिनिधी
फायदेमंद =- – — – – – – —
उत्तर- फायदा
लापरवाही =- – — – – – – —
उत्तर- परवाह
स्पष्टीकरण =- – — – – – – —
उत्तर- स्पष्ट
महत्त्वपूर्ण =- – — – – – – —
उत्तर- महत्व
गुणवान =- – — – – – – —
उत्तर- गुण
अधिकांश =- – — – – – – —
उत्तर- अधिक
विसर्जित =- – — – – – – —
उत्तर- सर्जित
2) इन शब्दों के विपरीत शब्द लिखें:-
फायदा =- – — – – – – —
उत्तर- घाटा
आवश्यक =- – — – – – – —
उत्तर- अनावश्यक
कमजोर =- – — – – – – —
उत्तर- शक्तिशाली
रोगी =- – — – – – – —
उत्तर- निरोगी
जरूरी =- – — – – – – —
उत्तर- गैर- जरुरी
गुण =- – — – – – – —
उत्तर- दोष
महत्त्वपूर्ण =- – — – – – – —
उत्तर- महत्त्वहीन
विश्वास =- – — – – – – —
उत्तर- अविश्वास
Also See: Previous Chapter उम्मीद का अंतिम पत्ता Question Answer Solution
उपयोगी =- – — – – – – —
उत्तर- अनुपयोगी
गुणवान =- – — – – – – —
उत्तर- गुणहीन
विसर्जन =- – — – – – – —
उत्तर- सृजन
3) उचित योजक शब्द लगाकर वाक्य पूरे करें
1)- — – – – – –लोगों को ऐसे ही परेशान करोगे तुम्हें भला कौन पूछेगा।
उत्तर- अगर लोगों को ऐसे ही परेशान करोगे तो तुम्हें भला कौन पूछेगा।
2) ——-यह बात सच है कि बंटी को खाँसी मेरी वजह से ही हुई हैं——– इसमें मेरा रत्ती भर भी दोष नहीं।
उत्तर- यद्यपि यह बात सच है कि बंटी को खाँसी मेरी वजह से ही हुई हैं तथापि इसमें मेरा रत्ती भर भी दोष नहीं।
3) दाँतों ——-मसूड़ों के लिए भी मैं फायदेमंद हैं।
उत्तर- दाँतों और मसूड़ों के लिए भी मैं फायदेमंद हैं।
4) इसको कई बार समझाया गया ——— यह अपनी आदत से बाज नहीं आ रही है।
उत्तर- इसको कई बार समझाया गया लेकिन यह अपनी आदत से बाज नहीं आ रही है।
5) मेरे शरीर के रोओं में घातक जीवाणु होते हैं —— मुझे खाने से पहले खूब अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
उत्तर- मेरे शरीर के रोओं में घातक जीवाणु होते हैं अतः मुझे खाने से पहले खूब अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
6) आप ऐसा कोई उपाय बतायें—– लोग बीमार न पड़ें।
उत्तर- आप ऐसा कोई उपाय बतायें ताकि लोग बीमार न पड़ें।
7) लोग हमें खाने का सही तरीका नहीं जानते ——– हम लोग चाहते हुए भी पूरा फायदा नहीं पहुँचा पाते हैं।
उत्तर- लोग हमें खाने का सही तरीका नहीं जानते इसलिए हम लोग चाहते हुए भी पूरा फायदा नहीं पहुँचा पाते हैं।