MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter ताई Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter ताई full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) “ताजी हमें रेलगाड़ी ला दोगे” यह वाक्य किसने और किससे कहा ?
“ताजी हमें रेलगाड़ी ला दोगे” यह वाक्य मनोहर ने ताऊ रामजीदास से कहा।
2.) मनोहर और रामेश्वरी का क्या रिश्ता था ?
रामेश्वरी देवी के देवर के बेटे का नाम मनोहर था। मतलब रामेश्वरी उसकी ताइजी थी।
3.) रामेश्वरी के मन में किस चीज की कामना थी ?
निजी संतान की कामना रामेश्वरी के मन में थी।
4.) ताई कहानी का प्रमुख उद्देश्य एक वाक्य में लिखिए।
प्रेम के माध्यम से क्रोध और अहंकार को जितना यह ताई इस कहानी का प्रमुख उद्देश्य है।
5.) कहानी से उन प्रमुख दो स्थलों को लिखिए जिसमें नायिका में मार्मिक भाव जागता है ?
कहानी का पहला स्थान यह है कि रामेश्वरी छत पर बैठकर खुली हवा का आनंद ले रही थी। शाम का समय था। वहां पर मनोहर और उसकी बहन एक दूसरे के साथ खेल खेल रहे थे। खेल खेल में मनोहर की बहन रामेश्वरी की गोद में आकर बैठी है उसके पीछे-पीछे मनोहर भी दौड़ता आता है और रामेश्वरी की गोद में गिरता है। उसे समय रामेश्वरी अपने मन में जो द्वेष पाले हुए थे उसको भूल कर दोनों बच्चों को अपने हृदय से लगा लेती है।
दूसरा प्रसंग यह है कि रामेश्वरी छत पर खड़ी थी। तभी छत पर खेलने के लिए मनोहर आता है। आकाश में बहुत शास्त्री पतंग को देखकर मनोहर ताई से भी पतंग लाने के लिए जिद करता है। लेकिन रामेश्वरी इस बात को अनसुना कर देती है। तभी एक पतंग कट कर छत पर ए गिरती है। मनोहर इसी पतंग को उठाने के लिए दौड़ता है और उसका पैर फिसल जाता है। तब वह अपने ताई जी को पुकारता है। लेकिन रामेश्वरी सुनकर भी अनसुना कर देती है। पैर फिसलने पर वह मुंडेर को पकड़ लेता है। दूसरी बार मनोहर फिर ताई को पुकारता है। तब मनोहर को देखकर रामेश्वरी दौड़ती चली आती है। लेकिन तभी मनोहर का हाथ छूट जाता है और वह नीचे गिर जाता है। इसी प्रसंग को देखकर रामेश्वरी बेहोश हो जाती है। लेकिन जब वह होश में आती है तब अपनी दशा को भूलकर मनोहर का हाल-चाल पूछने लगती है।
6.) विश्वंभरनाथ शर्मा कौशिक की दो प्रमुख कहानियों के नाम लिखिए।
विश्वंभर नाथ कौशिक अशिक्षित का हृदय और इक वाला यह कहानी प्रसिद्ध है।
लघु उत्तरीय प्रश्न:
1.) ‘रामेश्वरी’ ममता और त्याग की प्रतिमूर्ति है कहानी के आधार पर लिखिए।
रामेश्वरी को सबसे बड़ा दुख यह है कि उसे संतान नहीं है। लेकिन उसके हृदय में ममता और प्रेम भरा हुआ है। जब वह एक दिन छत पर बैठकर खुली हवा का आनंद ले रही थी तभी मनोहारी और उसकी बहन छत पर खेलने के लिए आते हैं। रामेश्वरी बच्चों को देख रही थी। उनके नेत्र उनकी आंखें उनके तोतले बोलने का ढंग नंदा सा बदन प्यारा सा मुख उनका दौड़ना चिल्लाना यह सब उसके हृदय को शीतलता प्रदान कर रहा था। जब मनोहर अपने बहन के पीछे दौड़ा तब उसकी बहन रामेश्वरी के गोद में जाकर बैठ गई। उसके पीछे-पीछे मनोहर भी रामेश्वरी की गोद में आकर बैठ गया। तब रामेश्वरी के हृदय मैं जो गुस्सा था वह जाकर उसकी जगह प्रेम ने ले ली और दोनों बच्चों को उसने गले लगाया।
दूसरी घटना यह है कि जब मनोहर छज्जे पर से गिर जाता है तब वह रामेश्वरी को दो बार पुकारता है। जब दूसरी बार रामेश्वरी मनोहर को देखते हैं तब वह डर जाती है। वह मनोहर को पकड़ने के लिए दौड़ती है। लेकिन उसका हाथ मनोहर तक पहुंचने से पहले ही मनोहर वहां से गिर जाता है। तब रामेश्वरी वहां पर ही गिर जाती है।
2.) पूर्ण स्वस्थ होने के बाद ताई के हृदय में क्या परिवर्तन हुआ?
मनोहर छज्जे पर से गिर जाता है। आकाश में जो पतंग उड़ रही थी मनोहर को इन पतंग की चाहत थी। एक पतंग जब कट कर नीचे आ जाती है तब वह पतंग लेने के लिए मनोहर दौड़ता है लेकिन मनोहर का पैर फिसल जाता है। मनोहर मुंडे रे को अपने हाथ से पकड़ लेता है और रामेश्वरी को पुकारता है लेकिन रामेश्वरी पहली बार इस चीज को अनसुना कर देती है। दूसरी बार भी मनोहर रामेश्वरी को पुकारता है तब रामेश्वरी देखी है और डर जाती है। उसकी आंखों में आंसू छा जाते हैं। लेकिन रामेश्वरी जब तक मनोहर को पकड़ने जाए तब तक मनोहर ऊपर से गिर जाता है। इस वक्त रामेश्वरी भी दरकार गिर जाती है। उसे जब होश आता है तब वह मनोहर की तबीयत कैसी है उसकी बात करने लगती है। इस घटना के बाद रामेश्वरी ने कभी भी मनोहर और उसकी बहन का आदेश नहीं किया।
3.)’ताई हमें प्याल नहीं करती’ वाक्य में मनोहर में किस बात की ओर संकेत किया है।
ताई जी का जो मनोहर और उसकी बहन के प्रति व्यवहार था इसके प्रति मनोहर ने इस वाक्य से संकेत किया है।
4.) मनोहर की बाल सुलभ चेष्टाएँ अपने शब्दों में लिखिए।
मनोहर 5 साल का लड़का है इस वजह से उसकी क्रियाएं भी छोटे बच्चों जैसे ही है। औरों के बच्चों जैसा ही उसका हृदय है। वह द्वेष क्रोध यह बातें नहीं जानता। जब वह अपने ताई से पतंग देने की बात करता है तब उसकी ताई उसकी तरफ देखती भी नहीं। उसे पता होता है कि उसकी ताई जी उससे प्यार नहीं करती फिर भी वह अपने ताई से पतंग का हट करता है।
जब उसके तू उससे पूछते हैं कि रेल में कौन-कौन बैठेगा तब वह कहता है कि रेल में ताऊ बैठेंगे ताई जी को नहीं बिठाएंगे। तू पूछते हैं क्यों तो वह अपने तू से कहता है कि ताई जी मुझे प्रेम नहीं करती।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1.) रामेश्वरी मनोहर, रामजीदास के चरित्र को विशेषताएँ लिखिए।
रामेश्वरी –
रामेश्वरी रामजिदास जी की पत्नी है। उसे कोई संतान नहीं है। इस वजह से वह हमेशा दुखी रहती है। रामजीदास के भाई को दो बच्चे हैं। लेकिन इन बच्चों के प्रति रामेश्वरी के मन में घृणा है। उसका हृदय ममता और प्रेम से भरा हुआ है। जब मनोहर ऊपर से गिर जाता है तब वह मनोहर और उसकी बहन को बहुत प्यार करने लगती है।
मनोहर –
मनोहर एक 5 साल का बच्चा है। राम जी दास के छोटे बेटे का वह पुत्र है। बच्चा होने के कारण और बच्चों की तरह उसका हृदय भी निष्कपट है उसे राग द्वेष यह भावनाएं समझ में नहीं आती। वह सब को समान ही प्रेम करता है। उसे पता है कि उसकी तैसी उससे प्रेम नहीं करती। इसलिए वह अपनी ताजी को रेलगाड़ी में बिठाने के लिए तैयार नहीं है।
रामजीदास –
राम जी दास रामेश्वरी का पति है। वह अपने भतीजे और भतीजी से बहुत प्यार करता है। वह निसंतान होने के कारण उसकी पत्नी उसे पर नाराज रहती है। वह पत्नी की भावनाओं को समझता है।
2.) ताई के हृदय में उठने वाले इन्दों को अपने शब्दों में लिखिए।
रामेश्वरी को कोई संतान नहीं है इस वजह से वह हमेशा दुखी रहती है। उसके हृदय में ममता और प्रेम यह भावनाएं हैं। लेकिन वह अपना और पराया इस बीच में फंसी हुई रहती है। जब राम जी दास को मनोहर और उसकी बहन से प्रेम करते हुए देखते हैं तो उसे बहुत क्रोध आता है। लेकिन जब वही दोनों बच्चे उसके गोद में आकर बैठते हैं तो ताई जी उन्हें बहुत प्रेम करती है। वह अपना और पराया इस बीच में फांसी होने के कारण मनोहर और उसकी बहन को वह प्रेम नहीं दे पाती। लेकिन जब मनोहर ऊपर से गिर जाता है तब ताई उससे बहुत प्रेम करने लगती है।
3.) निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
(अ) मनुष्य का हृदय बड़ा समय प्रेमी है कैसी ही उपयोगी और कितनी ही सुन्दर वस्तु क्यों न हो, जब तक मनुष्य उसको पराई समझता है तब तक उससे प्रेम नहीं करता। किन्तु भद्दी से भद्दी और काम में न आने वाली वस्तु को भी मनुष्य अपनी समझता है तो उससे प्रेम करता है।
संदर्भ – यह गद्यांश ताई इस कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक है।
प्रसंग – मनुष्य जब सभी लोगों को समान रूप से देखने लगता है अपना और पराया इस बीच का भेद छोड़ देता है तब वह सभी से प्रेम करने लगता है।
स्पष्टीकरण – मनुष्य के मन में जब तक अपना और पराया यह दोनों बातें हैं तब तक मनुष्य सभी से प्रेम भरा व्यवहार नहीं करता। चाहे सामने वाली वस्तु कितनी भी सुंदर हो जब तक मनुष्य को ऐसा नहीं लगता कि वह अपनी है तब तक मनुष्य उससे प्रेम नहीं करता। लेकिन अगर उसके उपयोग की भी वस्तु नहीं हो और वह उसकी हो तो वह बहुत प्रेम करता है। इसीलिए किसी भी चीज के प्रति अपने मन में अपनापन होना जरूरी है।
(ब) “रामेश्वरी की आंखों से मनोहर को आँख आ मिली मनोहर को वह करण दृष्टि देखकर रामेश्वरी का कलेजा मुँह को आ गया। उन्होंने व्याकुल होकर उसको पकड़ने के लिए अपना हाथ बढ़ाया उसका हाथ मनोहर के हाथ तक पहुँचा भी नहीं था कि मनोहर के हाथ से मुंडेर छूट गई।”
संदर्भ – यह गद्यांश ताई इस कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक है।
प्रसंग – जब मनोहर ने कटी हुई पतंग को पकड़ने की कोशिश की तब वह गिर गया और उसने अपने ताई को पुकारा जब ताई ने उसकी तरफ देखा तो उसके आंखों में आंसू आ गए।
स्पष्टीकरण – कटी हुई पतंग को पकड़ने के लिए मनोहर दौड़ गया और वह उसका पैर फिसल गया और वह गिर गया। उसने मुंडेर को पकड़ कर रखा था। उसने अपने ताई को पुकार। जब उसके ताई ने उसकी और देखा तो उसकी आंखों में आंसू आ गए। जब तक ताई मनोहर को पकड़ने के लिए दौड़ती तब तक मनोहर नीचे गिर गया था। तब वह बहुत लज्जित हो गई मेरी लापरवाही के कारण मनोहर गिर गया ऐसी भावना उसके मन में पनपने में लगी।
4.) ताई कहानी का सार अपने शब्दों में लिखिए।
ताई और रामजी दास यह दोनों पति-पत्नी है। ताई जी का नाम रामेश्वरी है। इन दोनों को संतान नहीं है। इस वजह से रामेश्वरी उदास रहती है। उसके घर में उसके भतीजा और भतीजी रहती है। रामजी दास उन दोनों को प्यार करता है। लेकिन इस प्यार को देखकर रामेश्वरी को क्रोध आता है। वह अपना और पराया इस भेद में फंसी हुई रहती है। उसके मन में भी प्रेम और माया है। लेकिन उसे अपनी संतान न होने के कारण उसे इस बात का बहुत दुख होता है। जब मनोहर छत से गिरने लगता है तब ताई उसे पकड़ने के लिए जाती है। लेकिन वह उसे पकड़ नहीं कर पाती। इस घटना से डर कर वह बेहोश हो जाती है। वह जब होश में आती है तब वह मनोहर की तबीयत के बारे में पूछने लगती है। इस घटना के बाद वह अपने भतीजे और भतीजी से प्यार करने लगती है।
भाषा अध्ययन
निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी रूप लिखिए-
परवाह, मुबारक, चुहलबाजी, गुस्सा
परवाह – चिंता
मुबारक – अभिनंदन
चुहलबाजी – परिहास
गुस्सा -क्रोध
2.) निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग एवं प्रत्यय पहचान कर रहे अलग कीजिए।
अपरिचित, तत्पश्चात, मूल्यवान समझता, मेहनती, पराई, अपशब्द प्रसन्नता असहय
उपसर्ग वाले शब्द
अपरिचित – अ
तत्पश्चात – तत्
अपशब्द – अप
असह्य – अ
प्रत्यय वाले शब्द
मूल्यवान – वान
समझता – ता
मेहनती – ई
पराई – आई
प्रसन्नता – ता
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए-
नेत्र, आकाश, हृदय, चिराग, प्रार्थना, माँ
नेत्र – नैन
आकाश – आसमान
हृदय – दिल, मन
चिराग – दीपक
प्रार्थना – विनती
मां – माता, जननी
1.) ऊपर आई लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
आंखों का अंधा नाम-
नाम है विनय लेकिन नम्रता उसमें जरा भी नहीं है इसे कहते हैं आंख के अंधे नाम नैनसुख।
चैन सुख चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात –
विकास के घर वालों को लॉटरी लगी लेकिन यह ऐसा है चैन सुख चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात।
2.) मुहावरा और लोकोक्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
मुहावरा वाक्यांश और लोकोक्ति पूरा वाक्य होता है मुहावरे और लोकोक्ति में यही अंतर है
3.) पाठ में आए मुहावरे और लोकोक्तियों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
ताड़ लेना – समझ जाना
बच्चों से कुछ नहीं होगा सभी का मुझे ही करना होगा यह बात उसे बच्चों के पिता ने ताड ली।
फूला न समाना – आनंद आना
मनोहर की अच्छी हालत देख रामेश्वरी फूला न समाई।
जी प्रसन्न होना – मन प्रसन्न होना
आज समंदर के किनारे जाने से मेरा जी प्रसन्न हो गया।
आंख में कांटे की तरह खटकाना – दिल मे पीड़ा देना
मनोहर और उसकी बहन रामेश्वरी के आंखों में कांटे की तरह खटकते थे।
संतोष होना – संतुष्ट होना
मनोहर की अच्छी हालत देख रामेश्वरी को संतोष हो गया।
गिरगिट की तरह रंग बदलना – व्यवहार में बदलाव लाना।
रोहन सामने वाले को देख गिरगिट की तरह रंग बदलता है।
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