MP Board Class 9 Hindi Navneet Chapter उधार का अनंत आकाश Solution
Madhya Pradesh State Board Class 9 Hindi Navneet Chapter उधार का अनंत आकाश full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi Navneet teacher.
बोध प्रश्न
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) यह पाठ किन लोगों को लक्ष्य करके लिखा गया है ?
उधार लेने वाले और उधार देने वाले लोगों को लक्ष्य करके यह पाठ लिखा गया है।
2.) लेखक के अनुसार मनुष्य और पशु में क्या अंतर है?
मनुष्य उधार ले सकता है पशु कुछ भी उधर नहीं लेता यह मनुष्य और पशु में अंतर है।
3.) लेखक ने इस पाठ में ‘अन्वेषी’ किसे कहा है?
जो लोग उधर लेते हैं उनको लेखक ने अन्वेषी कहा है।
4.) मानव जाति किन दो भागों में बँट गई है?
उधार लेने वाले और उधार देने वाले पैसे दो भागों में मानव जाति बट गई है।
5.) अमेरिका की खोज किसने की थी?
कोलंबस में अमेरिका की खोज की।
6.) कर्ज से दबा हुआ आदमी क्या खोजता है?
जो आदमी कर्ज में डूबा हुआ होता है वह आदमी निराश होता है और आत्महत्या का रास्ता अपनाया करता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.) लेखक ने उधार लेने को आशावादिता का प्रमाण क्यों कहा है?
जो व्यक्ति निराशा होता है वह व्यक्ति आत्महत्या का रास्ता अपनाता है उसे। लेकिन जो व्यक्ति आशावादी रहता है वह उधार लेकर अपना जीवन चलता रहता है। इसीलिए लेखक ने उधार लेने को आशावादीता प्रमाण कहा है।
2.) व्यक्ति ‘लाइट वेट’ चैम्पियन से कब हेवीवेट चैम्पियन बनता है?
जब व्यक्ति सौ रुपए कर्ज में लेता है तब वह व्यक्ति हजार रुपए का कर्ज लेने के भी क्षमता रखता है। जब व्यक्ति ₹100 का कर्ज लेता है तब वह व्यक्ति उत्साहित होकर दुगना काम करने लगता है वह व्यक्ति उसे करते को भार नहीं मानता। कई दिनों बाद यही व्यक्ति हजार रुपए के भी कर्जा ले सकता है। इसी तरह से व्यक्ति लाइटवेट चैंपियन से हैवीवेट चैंपियन बन जाता है।
3.) किसी भारतीय को चाँद पर भेजने के पीछे लेखक का क्या आशय है?
लेखक कहते हैं कि भारतीय लोग जो है वह उधार लेने में बहुत पारंगत है। अगर उन्हें हम चांद पर भेजेंगे तो वही वहां से भी यह लोग कुछ ना कुछ उधार लेकर आएंगे। किसी भारतीय को चांद पर भेजने के पीछे लेखक का यह आशय है।
4.) लेखक के अनुसार उधार लौटाने वाले परिहास के पात्र क्यों होते हैं ?
लेखक के अनुसार जो लोग उधर लौटा देते हैं वह उलटी दिशा में बहने का प्रयत्न करते हैं। वह लोग अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाते। लेखक के अनुसार उधर की धारा सतत प्रवाहित रहनी चाहिए। क्योंकि इससे ही के हरे भरे हो जाएंगे लेखक कहते हैं कि हमारे भारत में पुनर्जन्म का सिद्धांत चलता है। जो उधार लेता है और जो उधार देता है यह दोनों ही सोचते हैं कि उसका हिसाब अगर मैं इस जन्म में चुकता नहीं कर पाया तो अगले जन्म में जरूर चुकाऊंगा। इसीलिए लेखक के अनुसार उधर लौटने वाले परिहास के पात्र बनते है।
5.) हमें कर्ज के पानी से निकालो तो हम तड़पने लगेंगे का अर्थ बताइए।
लेखक कहते हैं कि जिस तरह से मछली पानी में डूबी हुई रहती है इस तरह भी सुखी संपन्न व्यक्ति कर्ज में डूबा रहता है उसका अगर मछली को पानी से निकलोगे वह तो वह तड़पने लगेगी इसी तरह से कर्ज में डूबे हुए व्यक्ति को कर्ज से बाहर निकलोगे तो वह छटपटाना लगेगा। हमें कर्ज के पानी से निकलो तो हम तड़पने लगेंगे इस पंक्ति का यह अर्थ है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1.) क्रेडिट फेसिलिटी से लेखक का क्या आशय है?
क्रेडिट फैसिलिटी इसे लेखक का यह आशय है कि हमारे भारत में पुनर्जन्म का सिद्धांत चलता है। अगर मनुष्य इस जन्म में अपना कर्ज नहीं चुका पाया तो अगले जन्म में वहां यही कर जा चुका देगा। इसी को क्रेडिट फैसिलिटी कहा जाता है।
2.) निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
(क)”हम सिर से पैर तक कर्ज में डूबे रहते हैं पर क्या मछली को आप पानी में डूबी कह सकते हैं। वहाँ तो उसका जीवन है। हमें कर्ज के इस पानी से निकालो तो हम तड़पने लगेंगे हम फिर पानी में कूदेंगे यानी कर्ज ले लेंगे।”
जिस तरह से मछली पानी में डूबी रहती है पानी से अगर मछली को बाहर निकलोगे तो वह तड़पने लगेगी। वैसे ही मनुष्य का स्वभाव है मनुष्य सागर कर्ज लेता है तो उसे कर्ज लेने की आदत पड़ जाती है इसमें वह डूबा रहता है लेकिन अगर उसे मनुष्य को कैसे बाहर निकलोगे तो उसे मनुष्य की हालत मछली जैसी हो जाएगी वह तड़पने लगेगा। और फिर नया कर्जा लेगा।
3.) “उधार की सीमा आकाश है, चाँद हैं, तारे हैं, हमें मिलेगा, मिलता रहेगा। देखो वह चाँद की ओर एक रॉकेट चला कोई इसमें किसी भारतीय को बिठा दे।” उधार का अनन्त आकाश में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए |
जिस प्रकार आकाश की कोई सीमा नहीं होती वैसे ही उधर की भी कोई सीमा नहीं है। जिस तरह से आकाश अनंत तक फैला हुआ है इस तरह उधार का व्यवहार भी अनंत तक फैला हुआ है। अगर इन भारतीय लोगों को चांद पर भेजेंगे तो भी यह लोग वहासे उधार मे कुछ न कुछ लेकर आएंगे।
4.) ‘ओह यह सृष्टि कितनी सुखमय है, यह आकाश कितना असीम फैला है और फिलहाल हमें थोड़ा-सा कर्ज चाहिए।” इस पंक्ति की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।
लेखक रहती है कि हमारी सिस्टर बहुत सुंदर है बहुत बड़ी है आकाश अनंत तक फैला हुआ है। लेकिन व्यक्ति सोते हुए यह सोचता है कि अगर हमें थोड़ा सा कर्ज मिल जाए तो अच्छा होगा। व्यक्ति तभी सुखी रहता है जब उसके पास थोड़ा सा कर्जा हो। इस संसार के लोग हर समय उधार लेने की सोचते है। अगर भारतीय लोगो को चांद पर भी भेजा जाए तो वही से भी यह लोग कुछ ना कुछ उधार लेकर आएंगे।
भाषा अध्ययन
1.) पाठ में बड़ी छोटी, सुख-दुःख शब्द आए हैं। आप भी ऐसे पाँच शब्द सोचकर लिखिए, जिनमें किसी शब्द का विलोम शब्द शामिल हो एवं उन्हें लिखकर उनके वाक्य बनाइए।
ऊपर – नीचे
अंदर – बाहर
आता – जाता
हंसाना – रोना
पाना – खोना
2.) नीचे नाक से संबंधित कुछ मुहावरे दिए गए हैं इनके अर्थ समझकर प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाइए :-
(अ) नाकों चने चबाना – तकलीफ होना
छोटी की पढ़ाई लेते वक्त नाको चने चबाने पड़ते हैं।
(ब) नाक में दम करना – हैरान करना
बच्चे मन के नाक में दम करते हैं।
(य) नाक नीची करना – इज्जत चली जाना
दसवीं के पेपर के बाद राहुल नाक नीचे करके चलता है।
(च) नाक भौं एक करना – नाराज रहना
ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ती है इस वजह से रिया ने अपनी नाक भौं एक करली।
(स) नाक रखना – इज्जत रखना
आपातकालीन स्थिति में अपना काम अच्छे तरीके से करते हुए कर्मचारियों ने अपनी नाक रख ली
(द) नाक ऊँची करना – सम्मान मिलना
मां बाप बच्चों से हमेशा यही उम्मीद रखते हैं कि वह ऐसा काम करें जिस वजह से उनकी नाक ऊंची हो।
(छ) नाक चढ़ाना – गुस्सा हो जाना
छोटी की हमेशा नाक चढ़ी हुई रहती है।
3.) निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी मानक रूप लिखिए
सिर्फ, कर्ज, इन्कार, शरीफ़, शराफत, खुद
सिर्फ – केवल
कर्ज – ऋण
इन्कार – मना करना, अस्वीकार करना
शरीफ – सज्जन
शराफत – सज्जनता
खुद – स्वयं
4.) ‘सूझ-बूझ’, ‘एक-दूसरे’ जैसे शब्द-युग्मों में योजक चिह्न का प्रयोग हुआ है। इस पाठ से योजक चिह्न वाले अन्य शब्द युग्म ढूंढ़कर लिखिए।
धीरे – धीरे
जीवन – शक्ति
लेता – देता
बड़ी – छोटी
5.) निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग और प्रत्यय अलग करके लिखिए-
राष्ट्रीय आशावादिता व्यर्थता, परिहास, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक परिस्थिति, परिपूर्ण
राष्ट्रीय – य
आशावादिता – ता
व्यर्थता – ता
परिहास – परि
सामाजिक- इक
आर्थिक – इक
राजनैतिक – इक
परिस्थिति – परि
परिपूर्ण – परि
6.) निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:
जीवन, सफल, आशा, पुरानी, प्रसिद्ध, आकाश
जीवन – मृत्यु
सफल – असफल
आशा – निराशा
पुरानी – नई
प्रसिद्ध – अप्रसिद्घ
आकाश – जमीन
7.) वह धन्य, धान्य से सम्पत्र था तथा अन्य क्षेत्र में अन्न का व्यापार करता था। ऊपर लिखे रेखांकित शब्द देखने में मिलते-जुलते लगते हैं पर उनके अर्थ भिन्न हैं। नीचे इसी तरह कुछ समरूपी शब्द दिए गए हैं. वाक्य बनाकर उनके अर्थ स्पष्ट कीजिए:
और-और, अंश अंस, भवन-भुवन, मैं-मैं, सकल-शक्ल
और-और –
वे उत्तर दिशा की ओर चले गए।
मुझे मराठी और विज्ञान के भी पढ़ाई करनी है।
अंश अंस –
वे सैनिक इसी भारत माता के अंश है।
बैलून को अस होते है।
भवन-भुवन
रानियों का भवन कितना सुंदर है।
यह भुवन कितनी बड़ा है।
मैं-मैं –
पाठशाला में आज परीक्षा है।
मैं आज दिल्ली गया था।
सकल-शक्ल
सकल जीवों को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है।
रीना की शक्ल इसके दादी जैसी है।