MP Board Class 7 Hindi Chapter 22 महाराजा श्री अग्रसेन Solution
Madhya Pradesh State Board Class 7 Hindi Chapter 22 महाराजा श्री अग्रसेन full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi teacher.
महाराजा श्री अग्रसेन
अभ्यास
बोध प्रश्न
प्र.) 1 निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) महाराजा अग्रसेनजी का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
महाराजा अग्रसेनजी का जन्म अश्विन शुक्ल प्रतिपदा को हिसार जिले के प्रताप नगर में हुआ था।
(ख) अग्रवाल समाज के प्रवर्तक कौन थे तथा इस समाज के कितने गोत्र प्रचलित हैं?
अग्रवाल समाज के प्रवर्तक महाराजा श्री थे।इस समाज के अठारह गोत्र प्रचलित हैं
(ग) महाराजा अग्रसेन ने राज्य में किस परिपाटी का चलन प्रारंभ किया?
उनका राज्य जो था अग्रोहा राज्य उसमें अगर कोई नया परिवार आकर रहता हैं तो उस परिवार का हर व्यक्ति महाराजा अग्रसेन को एक ईट और एक रुपया देगा। इस परिपाटी का चलन महाराजा अग्रसेन ने अपने राज्य में प्रारंभ किया।
(घ) अग्रसेनजी के राज्य में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था कैसे बनाई गई
अपने राज्य में सुव्यवस्था हो इसीलिए महाराज अग्रसेन ने 18 गणराज्य बनाए थे। उसे गणराज्य में एक-एक निर्वाचित प्रतिनिधि होता था। यह सब प्रतिनिधि शान परिषद के सदस्य होते थे। यह जो उपदेश या परामर्श देते थे उसे वजह से ही शासन चलता था। ऐसी शासन व्यवस्था अग्रसेन जी ने बनाई थी।
(ङ) महाराजा अग्रसेन ने पशुबलि प्रथा क्यों बन्द की ?
महाराजा श्री अग्रसेन यह बहुत धार्मिक द। उन्हें पूजा पाठ लगाओ था। इसमें एक प्रथा पशु के बाली देने की थी। वह सोचने लगे कि हम जब यह पूजा पाठ ऐसे पवित्र कार्य करते हैं लेकिन फिर इसमें पशु बलि क्यों देते हैं यह तो हिंसा है। और हिंसा को महाराज आगरा से पाप मानते थे। वह कहते थे कि हम किसी को भी जीवनदान नहीं दे सकते तो फिर हमें किसी के भी प्राण लेने का भी अधिकार नहीं है। इस वजह से उन्होंने पशु बलि प्रथा बंद की।
भाषा अध्ययन
प्र.) 1 पाठ में से संयोजक चिन्ह वाले शब्द छाँटकर लिखिए जैसे-देख-समझकर
सुख – शांतिपूर्वक
अपना – अपना
ऊंच – नीच
जाती – पाती
जन – जन
सोने – चांदी
प्र.) 2 निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
पाठ पढ़ाना, आमादा रहना, नींव रखना, पेट पालना, लकीर के फकीर, कूपमण्डूक
पाठ पढ़ाना –
शिक्षक ने बच्चों को पाठ पढ़ाया।
आमादा रहना-
दीदी हमें घूमने के लिए आमदा रहती हैं।
नींव रखना –
सावित्रीबाई फुले इन्होंने स्त्री शिक्षण की नींव रखी।
पेट पालना –
मां बाबा अपने बच्चों का पेट पालने के लिए बहुत कम करते है।
लकीर के फकीर –
कामयाबी हासिल करने के लिए लकीर के फकीर बनाकर कुछ नहीं होगा।
कूपमण्डूक –
हमारी जो कूपमण्डूक स्थिती है वह हमें बदलनी होगी।
निम्नांकित शब्दों की वर्तनी शुद्ध करके लिखिए-
अव्यवस्थीत, आर्दश, नीवार्चित, लक्ष्मि, अननय, वेश्व, दुस्कर्म, सहनुभुति ।
अव्यवस्थित
आदर्श
निर्वाचित
लक्ष्मी
अनुनय
वैश्य
दुष्कर्म
सहानुभूति
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