MP Board Class 7 Hindi Chapter 14 मत ठहरो तुमको चलना ही चलना है Solution
Madhya Pradesh State Board Class 7 Hindi Chapter 14 मत ठहरो तुमको चलना ही चलना है full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi teacher.
मत ठहरो तुमको चलना ही चलना है
अभ्यास
बोध प्रश्न
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए–
(क) कवि का ठहरने से क्या तात्पर्य है ?
कवि का ठहरने से तात्पर्य यह है कि, रुक जाना, अपना जीवन गतिहीन हो जाना
(ख) हमें अपने साथ किन्हें लेकर चलना है?
जो लोग अपने जीवन में पीछे रहते है उनको हमे साथ लेकर चलना है और जमाने को भी हमे अपने साथ लेकर चलना है।
(ग) जीवन की बाधाओं को कैसे दूर किया जा सकता है?
हम अपने जीवन में कुछ निश्चय कर लेते है तो हम हमारे जीवन की बाधाओं को दूर कर सकते है।
(घ) कवि के अनुसार मनुष्य को कब पछताना पड़ता है?
जब मनुष्य को कम करने का अवसर मिलता है और उसे अवसर को मनुष्य को देता है या फिर अपने हाथ से चले जाने देता है तब मनुष्य को पछताना पड़ता है।
(ङ) कवि निरन्तर चलते रहने को महत्व क्यों दे रहा है?
जीवन में कभी भी रुकना नहीं चाहिए हमेशा ही चलते रहना चाहिए क्योंकि कवि कहते हैं कि अगर हम रुक गए तो यह निशानी हमारे मृत्यु की हो सकती है इसीलिए जीवन में कभी भी ठहरना नहीं चाहिए हमेशा ही चलते रहना चाहिए।
(च) समय व्यर्थ क्यों नहीं गंवाना चाहिए?
अगर हमारे पास सबसे कीमती कोई चीज है तो वह है वक्त। इस वक्त को कभी भी गवाना नहीं चाहिए, वक्त का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। अपने दिए हो गए काम को सही वक्त में ही पूरा करना चाहिए नहीं तो बाद में हमें पछतावा होता है।
2.) निम्नांकित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए–
(क) तुमको प्रतीक बनना है, विश्व प्रगति का
तुमको जनहित के साँचे में ढलना है।
कवि कहते हैं कि मनुष्य को विश्व के प्रगति का प्रतीक बनना चाहिए लोगों के हित के बारे में सोचना चाहिए।
(ख) जितने भी रोड़े मिलें, उन्हें ठुकराओ।
पथ के काँटों को पैरों से दलना है।
कवि कहते हैं कि अपने मार्ग में कितने भी कांटे आए उन कांटों को अपने पैरों से हमें ठुकरा देना चाहिए। हमारे सामने कितनी भी मुश्किलें क्यों ना आए हमें उनको अपने से दूर कर देना चाहिए। पैरों तले जो कटे आते हैं उनके ऊपर से हमें चलते रहना चाहिए कभी भी रुकना नहीं चाहिए। हमेशा ही हमें प्रगति के मार्ग पर चलना चाहिए।
3.) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
(क) सुख की खोज बड़ी छलना है।
(ख)जनहित के साँचे में ढलना हैं।
(ग) काँटों को पैरों से दलना हैं।
(घ) अवसर खोकर हाथ मलना है।
(ड.) ) प्रण से तुम्हे नहीं टलना है।
भाषा अध्ययन
1.) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए। साथ ही कविता में उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए, जिनमें इन मुहावरों का प्रयोग हुआ है–
साँचे में ढलना, हाथ मलना, व्रत लेना, जुट जाना, अवसर खोना
साँचे में ढलना –
सांचे के जैसा बन जाना।
तुमको जनहित के साँचे में ढलना है।
हाथ मलना –
पछतावा होना
अवसर खोकर तो सदा हाथ मलना है।
व्रत लेना –
काम करनेकी ठान लेना।
जब चलने का व्रत लिया, ठहरना कैसा?
जुट जाना –
काम को पूरा करने की कोशिश में लग जाना
जो कुछ करना है, उठो करो जुट जाओ
अवसर खोना-
समय चला जाना
अवसर खोकर तो सदा हाथ मलना है।
कविता में पाठ पढ़ते समय तुकान्त शब्द (जैसे चलना, टलना प्रयुक्त हुए हैं) आनन्द का अनुभव कराते है। इनसे कविता में लय भी आ जाती है। आप इस कविता से ऐसे ही तुकान्त शब्द छाँटकर लिखिए।
पतन – जीवन
ठहरना – छलना
चढ़ाओ – बढ़ाओ
आती – जाती
आओ – गवाओ
विलोम शब्द वे शब्द जो एक दूसरे के विपरीत अर्थ बताते हैं, उन्हें विलोम शब्द कहते हैं। विलोम शब्द कई तरह से प्रयोग में आते हैं।
जैसे-
(1) सामान्य रूप से साथ–साथ प्रयुक्त होने वाले विलोम शब्द–
लाभ-हानि, आय-व्यय
(2) उपसर्ग लगाकर बनाए गए विलोम शब्द–
आशा-निराशा, सम-विषम, मंगल-अमंगल
(3) लिंग परिवर्तन वाले विलोम शब्द–
माता-पिता, चाचा-चाची
3.) निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों के विलोम शब्द उदाहरण अनुसार भरिए।
जैसे (क) जीवन में उत्थान और पतन आते ही रहते हैं।
(ख) कहीं भी अधिक ठहरना अच्छा नहीं हमेशा प्रगति के पथ पर चलन अच्छा है।
(ग) पशु-पक्षी भी अपना हित.) अहित जानते है।
(घ) असफलता के बाद सफलता का मिलना एक प्रक्रिया है।
(ड.) ) सुख सभी चाहते हैं दुःख कोई नहीं।
4.) इस पाठ में ‘मत‘ शब्द का प्रयोग विविध रूपों में हुआ है। जैसे–
मत ठहरो, मत व्यर्थ गँवाओ।और भी प्रयोग देखिए
ठहरो मत, आगे बढ़ो।
मत ठहरो, आगे बढ़ो।।
ठहरो, आगे मत बढ़ो।
उक्त प्रयोगों की तरह नीचे दिए गए वाक्यों में ‘मत‘ का प्रयोग कीजिए–
(क) रुको मत, आगे बढ़ो।
मत रुको आगे बढ़ो
रुको, आगे मत बढ़ो
(ख) पढ़ो मत, बात करो।
मत पढ़ो, बात करो
पढ़ो, मत बात करो
(ग) हँसो मत, भोजन करो।
मत हंसो, भोजन करो
हसों, मत भोजन करो
(घ) भागो मत, धीरे चलो।
मत भागो, धीरे चलो
भागो, धीरे मत चलो
Also See: Chapter 13 अगर नाक न होती