Lokoktiya (लोकोक्तिया) hindi worksheet in 40 marks
Lokoktiya (लोकोक्तिया) hindi worksheet in 40 marks for Indian students of English Medium and Hindi Medium. If you want to download this worksheet please contact us or drop a comment. We will generate PDF of this worksheet and share You.
लोकोक्तिया
प्र.) 1 रिक्त स्थानों की पूर्ति करें। Marks:6
1.) लोकोक्ति संस्कृत भाषा का शब्द है।
लोकोक्ति संस्कृत भाषा का शब्द है।
2.) बहुत अधिक प्रचलित और लोगों के मुंह चढ़े वाक्य लोकोक्ति के तौर पर जाने जाते हैं।
बहुत अधिक प्रचलित और लोगों के मुंह चढ़े वाक्य लोकोक्ति के तौर पर जाने जाते हैं।
3.) लोकोक्तियां ग्रामीण जनता की नीति शास्त्र है।
लोकोक्तियां ग्रामीण जनता की नीति शास्त्र है।
4.) लोकोक्ति और कहावत के अर्थ में बहुत सूक्ष्म अंतर है।
लोकोक्ति और कहावत के अर्थ में बहुत सूक्ष्म अंतर है।
5.) लोकोक्ति लोक यानी साधारण जन समाज की उक्ति है।
लोकोक्ति लोक यानी साधारण जन समाज की उक्ति है।
6.) लोक मानस लोकोक्तियों के द्वारा अर्थ गौरव की रक्षा करता है और मनोरंजन प्राप्त करता है।
लोक मानस लोकोक्तियों के द्वारा अर्थ गौरव की रक्षा करता है और मनोरंजन प्राप्त करता है।
प्र.) 2 लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर स्पष्ट करें। Marks: 5
मुहावरा लोकोक्ति
मुहावरा मूलतः एक वाक्यांश है। मुहावरे में स्वतंत्र वाक्य बनाने की क्षमता नहीं होती वह प्रयुक्त वाक्य का ही अंग बन जाता है। लोकोक्ति का प्रयोग अधिकतर स्वतंत्र वाक्य के रुप में ही किया जाता है।
मुहावरे में काल वचन और पुरुष के अनुसार परिवर्तन किया जाता है। लोकोक्ति का स्वरूप अपरिवर्तित रहता है।
जैसे -सांप सूंघ ना जैसे – अपना हाथ जगन्नाथ
प्र.) 3 लोकोक्ति का स्वरूप व विशेषताएं लिखें। Marks:5
लोकोक्ति का स्वरूप और विशेषताएं-
लोकोक्ति गागर में सागर भरने की प्रवृत्ति से काम करती है।
लोकोक्तियां जीवन के सत्य बड़ी खूबी के साथ प्रकट करती है।
यह ग्रामीण जनता की नीति शास्त्र है।
इन लोकोक्तियां में सांसारिक व्यवहार पटुता और सामान्य बुद्धि का निदर्शन कहावतों में मिलता है वैसा अन्यत्र दुर्लभ है।
लोकोक्ति मानवीय ज्ञान के धनी भूत रत्न है।
प्र.) 4 लोकोक्ति की परिभाषाएं लिखिए। Marks:5
लोकोक्ति की परिभाषाएं
किसी घटना या कहानी से संबंधित अनुभव के सर को व्यक्त करने वाली प्रसिद्ध उक्ति या कथन इसे लोकोक्ति कहा जाता है।
अन्य विद्वानों के अनुसार परिभाषाएं-
अरस्तु-
संक्षिप्त और प्रयोग करने के लिए प्रयुक्त होने के कारण तत्वज्ञान के खंडहरों में से चुनकर निकले हुए टुकड़े बचा लिए गए अंश को लोकोक्ति की संख्या से अभिहित किया जा सकता है।
धीरेंद्र वर्मा-
लोकोक्तियां ग्रामीण जनता की नीति शास्त्र है। यह मानवीय ज्ञान के घनीभूत रत्न है
डॉ सत्येंद्र-
लोकोक्तियां में लय और तानी या ताल ना होकर संतुलित स्पंदनशीलता भी होती है।
प्र.) 5 दिए गए लोकोक्तियों के अर्थ लिखें। Marks:10
1.) अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता–
कठिन कार्य कभी भी अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता।
2.) आगे कुआं पीछे खाई–
दोनों तरफ संकट नजर आना।
3.) दीवारों के भी कान होते हैं–
धीमे स्वर में बोली गई बात भी सबको समझ में आती है।
4.) ना रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी–
जिसकी वजह से झगड़ा हो रहा हो उसी को नष्ट कर देना।
5.) भरी थाली में लात मारना–
अच्छे भले काम को छोड़ देना।
6.) सांप भी मार और लाठी भी न टूटे–
ऐसा उपाय कर देना के अपनी हानि काम हो और काम भी हो जाए।
7.) आम के आम गुठलियों के दाम–
अधिक लाभ प्राप्त होना।
8.) जिसके रामधनी और कौन कमी–
जो भगवान के भरोसे होता है उसे किसी भी बात की कमी नहीं होती।
9.) जिसके हाथ डोई उसका सब कोई –
जिसके पास धन होता है उसे सभी चाहते हैं।
10.) जैसा कान भर वैसा मन भर–
थोडे से चीज की भी जांच कर ली जाए तब उससे पता चलता है कि बाकी की राशि कैसी है।
प्र.) 6 सही मिलान करें। Marks:5
1.) जैसा देश वैसा वेश जल्दी-जल्दी से काम निपटाना।
2.) जोरू चिकनी मियां मजदूर नुकसान सहकर मनुष्य को बुद्धि आती है।
3.) झट मंगनी पट ब्याह पति निर्धन और स्त्री सुंदर
4.) टंटा विष की बेल है झगड़ा करने से हानि होती है।
5.) ठेस लगे बुद्धि बड़े जहां पर रहते हो वहां की कृतियों के अनुसार ही हमें आचरण करना चाहिए।
उत्तर –
1.) जैसा देश वैसा वेश जहां पर रहते हो वहां की कृतियों के अनुसार ही हमें आचरण करना चाहिए।
2.) जोरू चिकनी मियां मजदूर पति निर्धन और स्त्री सुंदर
3.) झट मंगनी पट ब्याह जल्दी-जल्दी से काम निपटाना।
4.) टंटा विष की बेल है झगड़ा करने से हानि होती है।
5.) ठेस लगे बुद्धि बड़े नुकसान सहकर मनुष्य को बुद्धि आती है।
प्र.) 7 दी गई लोकोक्तियां का वाक्य में प्रयोग करें। Marks:4
1.) डूबते को तिनके का सहारा –
रामू को संकट काल में उसके मित्र ने मदद के जैसे कि डूबते को तिनके का सहारा।
2.) नाच न जाने आंगन टेढ़ा –
रीमा काम करने के वक्त इतने बहाने बनाती है जैसे के नाच न जाने आंगन टेढ़ा।
3.) झूठ बोलने में सरफा क्या–
मोहन इतना झूठ बोलता है वह कहते हैं ना झूठ बोलने में सराफा क्या।
4.) जो गुड़ खावे वही कान छिदावे –
जो गुड़ खावे वही कान छिदावे इसके अनुसार जो मेहनत करता है वही फल भी पाता है।
Also See: संधि – परिभाषा, भेद और उदाहरण