विदेश में रह रहे मित्रों को मातृभाषा में बात करने के लिए पत्र | Letter to friends living abroad to speak in mother tongue
१२,अशोक नगर
जलगांव
दिनांक ११/०६/२०२१
प्रिय जयेश,
सादर प्रणाम,
विषय – विदेश के मित्र को मातृभाषा में बात करने के संबंध में पत्र।
मैं यहां कुशल हूं। और तुम वहाँ भी कुशल होंगे। तुम्हारा पत्र मुझे मिला। और यह पत्र लिखते समय मुझे बहुत खुशी हुई कि तुमने विभिन्न देशों की भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया है। और इस वजह से तुमको विदेश में अच्छी नौकरी मिल गई है। वहां आप बेहतर महसूस करते होंगे।
पर में एक बात बताना चाहता हु की,किसीभी देश में तुम नोकरी करो,पर अपने देश की भाषा का कभीभी उच्चार प्रसार किया करना,जैसे की वहाके उसी प्रकार में अपनी भाषा सीखने हेतु विदेशी लोक सीखने को तैयार रहते है।
कोई आपकी भाषा को पुरस्कृत करेगा और आपके देश को गौरवान्वित करेगा। यह भाषा हमें हमेशा यह एहसास दिलाएगी कि हम विदेश में रहकर भी अपने देश के सपूत हैं।
मुझे आशा है कि, तुम मेरी सलाह का पालन करोगे और अपने भाषा का प्रसार करेंगे।
तुम्हारा मित्र
शान