Letter to editor on the problem of shortage of text books
सेवा में,
संपादक महोदय,
लोकसत्ता,
जालना।
विषय :- पाठ्य पुस्तकों की अनुपलब्धता।
महोदय,
मेरा आपसे बहुत विनम्रता और आदर के साथ यह बात बताना चाहती हो कि सभी छात्रों के पाठ्य पुस्तक बाजार में उपलब्ध नहीं है। मैं मेरी इस समस्या को सरकारी अधिकारियों तक पहुंचाना चाहती हूं।
हमारे और सारे विद्यालय का नया सत्र प्रारंभ हो चुका है। हमारे विद्यालय की पढ़ाई प्रारंभ हो चुकी है। हमारे कक्षा के अध्यापकों ने पाठ्यपुस्तक साथ नहीं लाए तो हमें दंडित करते हैं। परंतु बाजार में पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता नहीं है। यह बहुत चिंता का विषय है। यह हमारे शिक्षा विभाग की भयंकर लापरवाही हो रही है जिसके कारण बच्चों और अध्यापक दोनों परेशान है। मुझे ऐसा लगता है कि कुछ प्राइवेट प्रशासकों ने कालाबाजारी कर रही है। मुझे और एक बात बताना है कि अगर शिक्षा विभाग ने इस पर अपना लक्ष्य केंद्रित नहीं किया तो सारे विद्यार्थी आंदोलन पर उतर आएंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
शीतल
04, शिव नगर
जालना।
दिनांक :- १८ मार्च २०२२