Karnataka 2nd PUC Hindi Prose Chapter 7 भोलाराम का जीव Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 12 Hindi Solution Chapter 7.
There are 3 Parts in Karnataka Class 12 Textbook. Here You will find Prose Chapter 7 Bhola Ram Ka Jeev.
Karnataka 2nd PUC Hindi Prose Chapter 7 – भोलाराम का जीव Solution
- State – Karnataka.
- Class – 2nd PUC / Class 12
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 5
- Chapter Name – भोलाराम का जीव.
I एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1.) स्वर्ग या नरक में निवास स्थान अलॉट करने वाले कौन हैं ?
धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को काम और सिफारिश के आधार पर स्वर्ग या नरक में निवास स्थान अलॉट करते आ रहे थे।
2.) भोलाराम के जीव ने कितने दिनों पहले देह त्यागी ?
भोलाराम के जीव ने पांच दिनों पहले देह त्यागी।
3.) भोलाराम का जीव किसे चकमा दे गया ?
भोलाराम का जीव यमदूत को चकमा दे गया।
4.) यमदूत ने सारा ब्रह्माण्ड किसकी खोज में छान डाला ?
भोलाराम के जीव को ढूंढने में यमदूत ने सारा ब्रह्माण्ड खोज में छान डाला।
5.) भोलाराम किस शहर का निवासी था ?
भोलाराम जबलपुर शहर का निवासी था।
6.) भोलाराम को पाँच साल से क्या नहीं मिला ?
भोलाराम को पांच साल से पेंशन नहीं मिली
7.) नारद जी भोलाराम की पत्नी से विदा लेकर कहाँ पहुँचे ?
नारद जी भोलाराम की पत्नी से विदा लेकर सरकारी दफ्तर पहुंच गए।
8.) भोलाराम ने दरख्वास्त पर क्या नहीं रखा था ?
भोलाराम ने दरख्वास्त पर वजन ही नहीं रखा था।
9.) बड़े साहब के कमरे के बाहर कौन ऊँघ रहा था ?
बड़े साहब के कमरे के बाहर चपरासी ऊँघ रहा था।
10.) बड़े साहब की लड़की क्या सीखती है ?
11.) नारद क्या छिनते देख घबराये ?
अपनी वीणा छींटे देख नारद जी घबरा गए।
12.) फ़ाइल में से किसकी आवाज़ आयी ?
फ़ाइल में से भोलाराम के जीव की आवाज आई।
- II) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
1.) चित्रगुप्त ने धर्मराज से क्या कहा ?
चित्रगुप्त ने धर्मराज से कहा कि महाराज सभी रिकॉर्ड ठीक है। भोलाराम के जून 5 दिन पहले ही अपना देहात त्याग दिया है। यमलोक के साथ इस लोक के लिए रवाना भी हुए हैं। लेकिन अभी तक यहां नहीं पहुंचे। उतने में ही यमदूत का बदहवास वहां पर पहुंच गया। वह कहने लगा के मैंने आज तक धोखा नहीं खाया था। पर भोलाराम का जीव मुझे चकमा दे गया। तब चित्रगुप्त ने महाराज से कहा कि महाराज आजकल पृथ्वी पर इसी प्रकार का व्यापार चल रहा है। लोग दोस्तों को कुछ सी चीज भेजते हैं बीच में ही रेलवे वाले उसे उड़ा लेते हैं। होजरी के पार्सल लोगों को रेलवे अफसर पहनते हैं। राजनीतिक दलों के नेता विरोधी नेता को उड़ाकर बंद कर देते हैं। मालगाड़ी के डिब्बे भी रास्ते में कांट दिए जाते हैं।
2.) यमदूत ने हाथ जोड़कर चित्रगुप्त से क्या विनती की ?
चित्रगुप्त ने सभी रिकॉर्ड देख लिया और महाराज से कहा कि सब रिकॉर्ड ठीक है। भोलाराम की जीवनी 5 दिन पहले अपना देहात त्याग दिया और यमदूत के साथ इस लोग के लिए रवाना हुए पर अभी तक यहां पर नहीं पहुंचे। तभी वहां का एक द्वार खुला और यमदूत बदहवास वहां पर आ गया। उसने हाथ जोड़ कर कहा के दयानिधान में कैसे बतलाऊं की क्या हो गया। आज तक मैं किसी से भी धोखा नहीं खाया था पर भोलाराम का जीव मुझे चकमा देखकर कहीं पर चला गया। 5 दिन पहले जब भोलाराम ने दे अपना देहात त्याग दिया तभी मैंने उसे पकड़ा था और इस लोक की यात्रा आरंभ की लेकिन जैसे ही हम नगर के बाहर निकले तभी एक तीव्र वायु तरंग पर वह सवार हुआ और वह मेरी चंगुल से छूटकर कहीं पर चला गया।
3.) नरक में निवास स्थान की समस्या कैसे हल हुई ?
नरक में पिछले सालों ही बड़े गुणी कलाकार आ गए हैं। वह कई इमारतें के ठेकेदार है। उन्होंने पूरे पैसे तो लिए थे लेकिन रद्दी इमारते बनाई। उन्हीं की तरह बड़े-बड़े इंजीनियर पर आ गए हैं, जिन्होंने ठेकेदारों से मिलकर पंचवर्षीय योजनाओं का पैसा खाया है। ओवर सियर है जिन्होंने मजदूरों की हाजिरी भरकर पैसा हड़पा। जो कभी काम पर गए ही नहीं। इन्होंने बहुत जल्दी नरक में कई इमारतें तान दी है। वह समस्या तो हल हो गई।
4.) भोलाराम का परिचय दीजिए ।
भोलाराम जबलपुर शहर में घमापुर मोहल्ले में रहता था। उसका मकान टूटा फूटा था ऐसे ही मकान में वह परिवार समेत रहता था। उसकी एक पत्नी दो लड़के और एक लड़की ऐसा उसका परिवार था। उसकी उम्र 60 साल थी। वह सरकारी नौकर था 5 साल पहले रिटायर हो गया था। वह अपने मकान का किराया 1 साल से नहीं दे पाया था इसी वजह से मकान मालिक उसे अपने मकान से बाहर निकलना चाहता था। इतने में भोलाराम ने ही संसार छोड़ दिया। उसे पेंशन तो लागू थी लेकिन पेंशन हाथ में नहीं आ रही थी।
5.) भोलाराम की पत्नी ने नारद से भोलाराम के संबंध में क्या कहा ?
नारद जी ने भोलाराम की पत्नी से पूछा कि भोलाराम को कौन सी बीमारी थी? तब भोलाराम की पत्नी ने बताया कि हमारी बहुत बड़ी बीमारी है गरीबी। 5 साल से उन्हें पेंशन ही नहीं मिली। वह हर 10 – 15 दिन में सरकारी दफ्तरों में दरख्वास्त देने जाते थे पर जवाब ही नहीं मिलता था। वहां से कहते थे कि तुम्हारे पेंशन के मामले पर विचार हो रहा है। आज 5 साल गुजर गए मेरे गहने बेचकर किसी तरह गुजारा किया है। फिर बर्तन भी बिक गए। अब बेचने के लिए भी कुछ नहीं बचा। चिंता में ही घुलाते-घुलते और भूखे मरते मरते उन्होंने दम तोड़ दिया।
6.) भोलाराम की पत्नी ने नारद से क्या विनती की ?
जब नारद जी भोलाराम की पत्नी से मिलने गए तब भोलाराम की पत्नी ने अपनी कहानी उन्हें सुनाई। भोलाराम की पत्नी ने नारद जी से कहा कि वह तो 5 साल पहले ही रिटायर हो गए थे। लेकिन अभी तक पेंशन नहीं मिली। पहले मेरे गहने बेचकर किसी तरह गुजारा कर लिया बाद में बर्तन भी बिक गए लेकिन अब बचने के लिए भी कुछ नहीं बचा। नारद जी ने भोलाराम की पत्नी की सभी कहानी सुन ली। नारद जी जब जाने के लिए निकले तो जाते-जाते भोलाराम की पत्नी ने उनसे एक विनती की, के महाराज आप तो बड़े साधु पुरुष दिखाते हो, सिद्ध पुरुष हो, आप ऐसा कुछ नहीं कर सकते कि रुक उनकी रुकी हुई पेंशन मिल जाए। इन बच्चों का पेट कुछ दिन भर जाए।
7.) बड़े साहब ने नारद से दफ्तरों के रीति–रिवाज़ के बारे में क्या कहा ?
जब नारद जी बड़े साहब से मिलने दफ्तरों में पहुंच गए तब बड़े साहब ने उनसे कहा कि यह भी एक मंदिर है। यह भी दान पुण्य करना पड़ता है। भोलाराम ने उसके फाइल पर वजन नहीं रखा था इसीलिए अब तक उसकी पेंशन रुकी हुई है। एक बार उसे पर वजन पड़ जाए तो फिर उसकी पेंशन मिल जाएगी। यह सरकारी मामला है। पेंशन का केस भी सो दफ्तर में जाता है। अभी भी डर लग सकती है। एक बात को 20 बार लिखना पड़ता है। तभी पेंशन मिल जाती है। जितनी पेंशन मिलती है उतनी ही स्टेशनरी भी लगती है।
8.) नारद आखिर भोलाराम का पता कैसे लगाते हैं ?
नारद जी सरकारी दफ्तर में भोलाराम के पेंशन के मामले में गए थे। तब सरकारी दफ्तरों के बड़े अफसर ने उन्हें कहा के फाइल पर वजन रखना होगा। इसी वजह से उसे फाइल पर नाराज जी ने अपनी वीणा रख दी। तब बड़े साहब ने भोलाराम की फाइल मंगवाई और उन्होंने नाम पूछा तो नारद जी को लगाकर यह बड़े अफसर थोड़ा सा बड़ा है। इसीलिए उन्होंने जोर से भोलाराम का नाम लिया। तभी फाइल के अंदर से आवाज आई हां कौन पुकार रहा है मुझे? पोस्टमैन है क्या? पेंशन का आर्डर मिला क्या? तभी नारद जी समझ गए और उनसे पूछा कि भोलाराम क्या तुम भोलाराम के जीव हो? तब अंदर से आवाज आई हां इसी तरह से नाराज जी ने आखिर भोलाराम का पता लगा लिया।
III) निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे ?
1.) “महाराज, रिकार्ड सब ठीक है।
चित्रगुप्त ने धर्मराज से कहा।
भोलाराम का जीव कहाँ है ?’
चित्रगुप्त ने यमदूत से पूछा।
3.) ‘महाराज, मेरी सावधानी में बिलकुल कसर नहीं थी।
यमदूत ने धर्मराज से कहा।
4.)” क्यों धर्मराज, कैसे चिन्तित बैठे हैं ?”
नारद जी ने धर्मराज से पूछा।
5.) इनकम होती तो टैक्स होता । भुखमरा था ।‘
चित्रगुप्त ने नारद से कहा।
6.) मुझे भिक्षा नहीं चाहिए, मुझे भोलाराम के बारे में कुछ पूछ ताछ करनी है।‘
नारद जी ने भोलाराम की बेटी से कहा।
7.) गरीबी की बीमारी थी ,
भोलाराम की पत्नी ने नारद जी से कहा।
8.) आप साधु हैं, आपको दुनियादारी समझ में नहीं आती
दफ्तर के बड़े अफसर ने नारद जी से कहा
- IV) ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:
1.)पर ऐसा कभी नहीं हुआ था।‘
प्रसंग . यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्य पुस्तक के भोलाराम का जीव नामक इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई है।
संदर्भ. जो जीव पृथ्वी पर अपना शरीर त्याग देते थे उन जीवों को स्वर गया नर्क में निवास स्थान अलॉट करने का काम धर्मराज लाखों वर्षों से कर रहे थे। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई जीव यमराज को चकमा देकर अदृश्य हो गया।
स्पष्टीकरण . धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य के आदमियों को काम और सिफारिश के आधार पर स्वर्ग गया नर्क में निवास स्थान अलॉट करते आ रहे थे। पर ऐसा कभी नहीं हुआ था। यमदूत ने सभी रिकॉर्ड तलाशे। तब सभी रिकॉर्ड सही थे। लेकिन भोलाराम ने यमदूत को चकमा दिया और वह वायु तरंग पर सवार होकर अदृश्य हो गया।
2.) आज तक मैंने धोखा नहीं खाया था, पर भोलाराम का जीव मुझे चकमा दे गया।‘
प्रसंग . यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्य पुस्तक के भोलाराम का जीव नामक इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई है।
संदर्भ. चित्रगुप्त ने जब यमदूत से पूछा तब यमदूत ने यह बात बताई
स्पष्टीकरण . भोलाराम 5 दिन पहले ही अपना शरीर छोड़ चुका था। लेकिन भोलाराम का जीव अभी तक धर्मराज के पास नहीं पहुंचा था। चित्रगुप्त ने सभी रिकॉर्ड तराशे। सभी रिकॉर्ड सही थे तभी यमदूत बड़ा बदहवास वहां पर आया। तभी चित्रगुप्त ने उससे पूछा कि तू इतने दिन कहा था और भोलाराम का जीव कहां है? तब यमदूत हाथ जोड़कर कहने लगा के दया निधान मैं कैसे बदलाव की क्या हो गया। आज तक मैंने धोखा नहीं खाया था पर भोलाराम का जो मुझे चकमा देकर चला गया।
3.)’ इन पाँच दिनों में मैंने सारा ब्रह्माण्ड छान डाला, पर उसका कहीं पता नहीं चला।‘
प्रसंग . यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्य पुस्तक के भोलाराम का जीव नामक इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई है।
संदर्भ. यमदूत को भोलाराम का जीव नहीं मिल रहा था तब वह धर्मराज के पास पहुंचा और चित्रगुप्त से यह बात की।
स्पष्टीकरण . चित्रगुप्त ने यमदूत से पूछा कि भोलाराम कहां पर है? तब यमदूत ने कहा कि 5 दिन पहले ही भोलाराम ने अपना देहात त्याग दिया। तब मैंने उसे पकड़ा और इस लोक की यात्रा करनी शुरुआत की। लेकिन जैसे ही मैं नगर के बाहर उसे लेकर आ गया तब एक तीव्र वायु तरंग पर सवार हुआ तभी वह मेरे चंगुल से छूटकर गायब हो गया। ‘ इन पाँच दिनों में मैंने सारा ब्रह्माण्ड छान डाला, पर उसका कहीं पता नहीं चला।’
4.) ‘चिन्ता में घुलते–घुलते और भूखे मरते–मरते उन्होंने दम तोड़ दिया ।‘
प्रसंग . यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्य पुस्तक के भोलाराम का जीव नामक इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई है।
संदर्भ. यह बात भोलाराम की पत्नी ने अपनी कहानी सुनाते वक्त नारद जी से कही थी।
स्पष्टीकरण . जब नारद जी भोलाराम के घर पहुंचे तब भोलाराम के पत्नी ने उनसे कहा कि, सबसे बड़ी बीमारी तो हमारी गरीबी थी। 5 साल पहले ही उनको पेंशन लागू हो गई। लेकिन आज तक पेंशन नहीं मिली। जब-जब वे सरकारी दफ्तर जाते थे तब तक उन्हें यही कहा जाता था कि तुम्हारे पेंशन पर विचार हो रहा है। इन पांच सालों मैं सभी गहने बेचकर हमने अपना गुजारा चला लिया है। फिर बर्तन भी बेच दिए। अब बेचने के लिए भी कुछ नहीं बचा। चिंता में घुलते-घुलते और भूखे मरते मरते उन्होंने दम तोड़ दिया।
5.) साधु–सन्तों की वीणा से तो और अच्छे स्वर निकलते हैं।
प्रसंग . यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्य पुस्तक के भोलाराम का जीव नामक इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई है।
संदर्भ. नारद जी सरकारी दफ्तर भोलाराम के पेंशन के बारे में जानकारी लेने के लिए पहुंचे थे उसी वक्त वहां के सरकारी अफसर ने यह बात नारद जी से कही।
स्पष्टीकरण . नारद जी भोलाराम के जीव ढूंढ को ढूंढते हुए पृथ्वी लोक पर पहुंचे वह भोलाराम के घर भी जाकर आए। तब उन्हें पता चला कि भोलाराम को 5 सालों से पेंशन ही नहीं मिली है। तब भोलाराम की पत्नी ने नारद जी से विनती की के आप सरकारी दफ्तर चाहिए और उनके पेंशन के मामले में कुछ होता है क्या वह देखिए। नारद जी सरकारी दफ्तर पहुंच गए तो बड़े साहब ने उनसे कहा कि फाइल पर वजन रखना पड़ेगा। यह बात नारद जी को समझ नहीं आई। तब बड़े साहब उनको समझने लगी कि जैसे आपकी यह सुंदर वीणा है अगर इसका भी वजन भोलाराम के दरख्वास्त पर रखा जाए तो उसके पेंशन का काम हो जाएगा। मेरी लड़की गाना बजाना सीख रही है। यह वीणा में उसे दे दूंगा। वैसे भी साधु संतों के वीणा से अच्छे स्वर निकलते हैं।
6.) • पेंशन का ऑर्डर आ गया ?”
प्रसंग . यह गद्यांश साहित्य गौरव इस पाठ्य पुस्तक के भोलाराम का जीव नामक इस पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई है।
संदर्भ. जब बड़े अफसर ने नारद जी को नाम पूछा तब नारद जी को लगाकर उसे अवसर को सुनाई कम देता है। इसीलिए उन्होंने जोर से भोलाराम कह दिया। तब उसे फाइल से आवाज आई पेंशन का आर्डर आ गया क्या?
स्पष्टीकरण . भोलाराम की मृत्यु हो गई थी लेकिन उसका जो अभी तक धर्मराज के पास नहीं पहुंचा था। इसी जीव को ढूंढने नारद जी पृथ्वी लोक पर आए थे। जीव को ढूंढते ढूंढते बहुत सरकारी दफ्तर पहुंच गए। वहां पर उनको पता चला कि पेंशन की फाइल पर वजन रखना पड़ेगा। तभी भोलाराम के पेंशन का काम हो सकता है। जब नारद जी ने पेंशन की फाइल पर वजन रखा तब वहां के सरकारी अफसर ने भोलाराम की फाइल मांगी और उसके पेंशन का आर्डर निकालने के लिए कहा। उसे अफसर ने नारद जी से पूछा कि नाम क्या है? तभी नारद जी ने जो उससे कह दिया कि भोलाराम। तभी फाइल में से भोलाराम की आवाज आई। पोस्टमैन है क्या? पेंशन का आर्डर आ गया?
- V) वाक्य शुद्ध कीजिए:
1.) ऐसा कभी नहीं हुई थी ।
ऐसा कभी नहीं हुआ था।
2.) परेशानी और भय के कारण उसका चेहरा विकृत हो गई थी।
परेशानी और भाई के कारण उसका चेहरा विकृत हो गया था।
3.) आज तक मैं धोखा नहीं खाया।
आज तक मैंने धोखा नहीं खाया।
4.) नरक पर निवास स्थान की समस्या हल हो गई।
नरक पर निवास स्थान की समस्या हल हो गई।
5.) भोलाराम का पत्नी बाहर आयी।
भोलाराम की पत्नी बाहर आई।
6.) लगाव तो महाराज, बाल–बच्चों से ही होती है।
लगाव तो महाराज, बाल बच्चों से ही होता है।
7.) भोलाराम के केस का फ़ाइल लाओ।
भोलाराम के केस की फाइल लाओ।
- VI) अन्य लिंग रूप लिखिए:
माता, मालिक, बेटी, साधु ।
माता – पिता
मालिक – मालकिन
बेटी – बेटा
साधु – साध्वी
VII) अन्य वचन रूप लिखिए:
दूत, यात्रा, समस्या, गहना, बात ।
दूत – दूत
यात्रा – यात्राएं
समस्या – समस्याएं
गहना – गहने
बात – बाते
VIII) विलोम शब्द लिखिए:
प्रसन्नता, मृत्यु, पाप, जल्दी, स्वर्ग, क्रोध ।
प्रसन्नता – अप्रसन्नता, दुःखी
मृत्यु – जीवन
पाप – पुण्य
जल्दी – धीरे धीरे
स्वर्ग – नरक
क्रोध – प्रेम
Also See: Chapter No. 5 Question Answer