Karnataka 1st PUC Hindi Prose Chapter 1 बड़े घर की बेटी Questions and Answers Solution, Notes by Expert Teacher. Karnataka Class 11 Hindi Solution Chapter 1.
There are 3 Parts in Karnataka Class 11 Textbook. Here You will find Prose Chapter 1 Bade Ghar Ki Beti.
Karnataka 1st PUC Hindi Prose Chapter 1 – बड़े घर की बेटी Solution
- State – Karnataka.
- Class – 1st PUC / Class 11
- Subject – Hindi.
- Topic – Solution / Notes.
- Chapter – 1
- Chapter Name – बड़े घर की बेटी.
I ) एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
(१) ठाकुर साहब के कितने बेटे थे?
ठाकुर साहब के दो बेटे थे।
२) बेनीमाधव सिंह अपनी आधी से अधिक संपत्ति किसे भेंट के रूप मैं दे चुके थे?
बेनीमाधव सिंह अपनी आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेट के रूप मैं दे चुके थे।
3) ठाकुर साहब के बड़े बेटे का नाम क्या था?
ठाकुर साहब के बड़े बेटे का नाम श्रीकंठ सिंह था।
४) श्रीकंठ कब घर आया करते थे?
शनिवार को श्रीकंठ घर आया करते थे।
५)आनंदी के पिता का नाम लिखिए।
आनंदी के पिता का नाम भूपसिंह था।
६) थाली उठाकर किसने पलट दी?
थाली उठाकर लालबिहारी सिंह ने पलट दी ।
७) गौरीपुर गाँव के जमीनदार कौन थे?
गौरीपुर गाँव के जमीनदार बेनीमाधव सिंह थे।
८)किसकी आँखें लाल हो गयी थीं?
श्रीकंठ की आँखें लाल हो गयी थी।
९) बिगड़ता हुआ काम कौन बना लेती हैं?
बिगड़ता हुआ काम बड़े घर की बेटियां बना देती है।
१०) ‘बड़े घर की बेटी’ कहानी के लेखक कौन हैं?
‘बड़े घर की बेटी’ कहानी के लेखक प्रेमचंद है।
II) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
१) बेनीमाधव सिंह के परिवार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
गौरीपुर गांव के जमींदार का नाम बेनीमाधव सिंह था। घर धन धान्य से संपन्न था। उनके पिता ने अपने गांव में एक तालाब और बड़ा सा मंदिर बनवाया था। एक जमाना ऐसा था की उनके घर के दरवाजे पर हाथी खड़ा रहता था। लेकिन आज वहा पर एक भैंस खड़ी थी। अधिक से ज्यादा संपत्ति वे वकीलों को दे चुके थे। बेनीमाधव सिंह को दो लड़के थे। एक का नाम श्रीकंठ था और दूसरे का नाम लालबिहारी था। श्रीकंठ ने बी. ए की पदवी हासिल की थी। वह बहुत मेहनती था। इसे आयुर्वेदा में रूची थी। भारतीय संस्कृती से वह प्रेरित था। लालबिहार बड़े भाई सीधिक रौबदार दिखता था। उसका जीवन मस्ती में बीत जाता। दोनों की शादी हो चुकी थी। बेटे के पत्नी का नाम आनंदी था। वह संपन्न बड़े घर की लड़की थी।
2) आनंदी ने अपने ससुराल में क्या रंग-ढंग देखा?
आनंदी का मायका बहुत बड़ा घराना था। वह एक सुखी संपन्न परिवार की लड़की थी। लेकिन जब वह शादी करके ससुराल आई तो उसने देखा की, यह तो बाग बगीचा है, ना हो घरको खिड़कियां, जमीन पर फर्श भी नही लगाया है। फिर भी आनंदी उस घर में खुदको ढालकर घरकों सजादिया।
3) लालबिहारी आनंदी पर क्यों बिगड़ पड़ा ?
लालबिहारी ने आनंदी को मांस लाकर दिया था और उसे वह पकाने के लिए कह दिया। आनंदी मांस पका भी दिया। जब लालबिहारी खाने के लिए बैठ गया तब उसने दाल में घी डालने के लिए कहा। आनंदी ने उससे कहा की जो भी घी था वह मैने मांस में डाल दिया। दाल में डालने के लिए घी नही बचा। इस बात पर लालबिहारी आनंदी पर बिगड़ गया।
४) आनंदी बिगड़ता हुआ काम कैसे बना लेती है?
लालबिहारी के साथ आनंदी की बहस हो जाती है। जब श्रीकंठ घर आता है तब आनंदी उसे सब बताती हैं। श्रीकंठ क्रोधित हो जाता हैं और अपने पिताजी से कहता है कि मैं अपनी अलग गृहस्थी बसाने चला था। यह बात जब लालबिहारी को पता चली तब लाल बिहारी खुद ही घर छोड़कर जाने के लिए तैयार हो गया। तब आनंद देने उसे रोक लिया और घर टूटने से बचा लिया।
५) आनंदी का चरित्र चित्रण कीजिए।
आनंदी एक बड़े घर की बेटी है। वह इरफान तथा गुणवान और संस्कारी लड़की है। उसके मायके में सारी सुख सुविधाएं हैं। लेकिन वह अपने आप को स्थिति के अनुसार डालने की कोशिश हर जगह करती है। अपने ससुराल में भी वह यही करती है। उसे जब ऐसा लगता है कि छोटे से झगड़ा की वजह से पूरा घर बिखर जाएगा तो वह अपना घर भी बचा लेती है।
III) निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे ?
(१) जल्दी से पका दो, मुझे भूख लगी है।
लालबिहारी ने आनंदी से कहा।
२) जिसके गुमान पर भूली हुई हो, उसे भी देखूंगा और तुम्हें भी।
लालबिहारी ने आनंदी से कहा।
३) बुद्धिमान लोग मूखों की बात पर ध्यान नहीं देते।
बेनीमाधव ने श्रीकंठ से कहा।
४) लालबिहारी को मैं अब अपना भाई नहीं समझता ।
श्रीकंठ ने अपने पिता से (बेनीमाधव) से कहा।
५) अब मेरा मुँह नहीं देखना चाहते, इसलिए अब मैं जाता हूँ।
लालबिहारी ने आनंदी से कहा।
६) भैया, अब कभी मत कहना कि तुम्हारा मुंह न देखूँगा ।
लालबिहारी ने श्रीकंठ से कहा।
७) मुझसे जो कुछ अपराध हुआ, क्षमा करना ।
लालबिहारी ने आनंदी से कहा।
IV) ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:
(१) अभी परसों घी आया है। इतना जल्दी उठ गया?
प्रसंग. यह गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक की बड़े घर की बेटी इस कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद है।
संदर्भ. जब लाल बिहारी ने आनंद से घी मांगा तो आनंद जी ने कहा कि यह तो खत्म हो गया तभी लाल बिहारी आनंद से कहता है कि अभी परसों भी आया है। इतनी जल्दी उठ गया?
स्पष्टीकरण. लाल बिहारी आनंदी को मांस पकाने के लिए कहता है। आनंदी घर में जो भी की था उसका उपयोग वह सब मांस पकाने के लिए कर देती है। खाना खाते वक्त लाल बिहारी को दाल में घी नहीं दिखाई देता तब वहां आनंदी से कहता है की दाल में घी क्यों नहीं डाला तब आनंदी लाल बिहारी से कहती है कि घर में जो घी था वह मैंने मांस पकाने के लिए डाल दिया। उसे वक्त लाल बिहारी गुस्से में आकर आनंदी से पूछता है कि अभी परसों घी आया है। इतना जल्दी उठ गया?
२) स्त्री गालियाँ सह लेती हैं, मार भी सह लेती हैं, पर मैके की निंदा उनसे नहीं सही जाती।
प्रसंग. यह गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक की बड़े घर की बेटी इस कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद है।
संदर्भ. दाल में घी डाला नहीं इस वजह से लालबिहारी आनंद देखो उल्टा सीधा बोलता है। तब आनंदी को वह बातें सहन नहीं होती। इस वाक्य में महिलाओं के स्वभाव का चित्रण किया गया है।
स्पष्टीकरण. घर में जो घी था सब मांस बनाने के लिए उपयोग में लाया गया। इस वजह से आनंदी दाल में घी नहीं डाल पी। तभी लाल बिहारी को गुस्सा आता है वह कहता है कि इतना सारा की जो परसों ही लाया था वह खत्म हो गया। वह उसके मायके के बारे में भी खरी खोटी सुनाते हैं। इस वजह से आनंदी को गुस्सा आता है। कोई भी स्त्री अपने ससुराल में गालियां सहन करती, है मारपीट सहन कर लेती है लेकिन अगर उसके मायके के बारे में कोई कुछ भी बोलता है तो उसे सहन नहीं होता।
३) पर तुमने आजकल घर में यह क्या उपद्रव मचा रखा है?
प्रसंग. यह गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक की बड़े घर की बेटी इस कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद है।
संदर्भ. श्रीकंठ के घर में आते ही लाल बिहारी ने उसे जो घटना घटी थी उसके बारे में बता दिया। बाद में वह आनंदी को आकर वही पूछता है कि तुमने घर में आजकल क्या उपद्रव मचा रखा है?
स्पष्टीकरण. श्रीकांत हर शनिवार को अपने घर आता है। तब लाल बिहारी उसे घर में जाने से पहले ही आनंद देने जो जो किया वह सब कुछ बता देता है। वह आनंदी के बारे में श्रीकांत के पास शिकायत करता है। तब श्रीखंड आनंद के पास जाता है और उसे इस बारे में पूछता है कि यह सब घर में क्या हो रहा है तुमने घर में यह क्या उपद्रव मचा रखा है?
४) उससे जो कुछ भूल हुई, उसे तुम बड़े होकर क्षमा करो।
प्रसंग. यह गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक की बड़े घर की बेटी इस कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद है।
संदर्भ. सब घटना सुनने के बाद श्रीकंठ अपने पिता के पास जाता है और उनसे कहने लगता है कि मुझे अब अपनी अलग तरह से परेशानी है तब उसके पिता कहते हैं की बहुत छोटा है तुम बड़े हो तुम उसे क्षमा कर दो।
स्पष्टीकरण. जब आनंदी श्रीकांत को घटी हुई घटना के बारे में बताती है तब श्रीकांत को बहुत गुस्सा आता है। वह अपने पिता के पास जाता है और उनसे कहता है कि मैं अब दूसरी जगह जाकर रह लेता हूं। तब उसके पिता उसे कहते हैं कि तुम अपने छोटे भाई को क्षमा कर दो तुम बड़े हो।
५) बड़े घर की बेटियाँ ऐसी ही होती हैं बिगड़ता हुआ काम बना लेती है।
प्रसंग. यह गद्यांश साहित्य वैभव इस पाठ्य पुस्तक की बड़े घर की बेटी इस कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद है।
संदर्भ. जब लाल बिहारी को आनंदी घर से जाने के लिए रुकते हैं तब लाल बिहारी और श्रीखंड के पिताजी अपने बहू की तारीफ करते हुए यह शब्द कहते हैं।
स्पष्टीकरण. श्रीकांत जब घर छोड़कर जा रहा था तब लाल बिहारी कहता है कि मैं यह घर छोड़कर जाता हूं। इस तभी आनंदी लाल बिहारी को घर छोड़कर जाने से रुकती है। बादमें सब कुछ सही हो जाता हैं। तब आनंदी के ससुर कहते हैं कि बड़े घर की बेटियां ऐसी होती है बिगड़े काम बना लेती है।
(v) वाक्य शुद्ध कीजिए:
१) उनकी पितामह किसी समय बड़े धन-धान्य सम्पन्न थे ।
उनके पितामह किसी समय बड़े धन- धान्य संपन्न थे।
२) स्वयं उनका पत्नी को ही इस विषय में उनसे विरोध थी ।
स्वयं उनकी पत्नी को ही इस विषय में उनसे विरोध था
३) आनंदी अपने नये घर में आया।
आनंदी अपने नए घर में आई।
४) मुझे जाना दो ।
मुझे जाने दो।
VI) कोष्ठक में दिए गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिए: (शनिवार, संतान, ऐसी, गौरीपुर, हाथी)
१ ) इस दरवाज़े पर हाथी झूमता था।
२) गौरीपुर मैं रामलीला के वही जन्मदाता थे।
३) सुन्दर संतान को कदाचित उसके माता-पिता अधिक चाहते थे।
४) श्रीकंठ सिंह शनिवार को घर आया करते थे ।
५) बड़े घर की बेटियाँ ऐसी ही होती हैं ।
VII) अन्य लिंग रूप लिखिए:
ठाकुर, पति, बेटा, स्त्री, बुद्धिमान, हाथी, भाई
ठाकुर – ठकुराइन
पति – पत्नी
बेटा – बेटी
स्त्री – पुरुष
बुद्धिमान – बुद्धिमती
हाथी – हथिनी
भाई – बहन
VIII) अन्य वचन रूप लिखिए:
घर, बेटी, भैंस, स्त्री, आँखें थाली।
घर – घर
बेटी – बेटियां
भैंस – भैसे
स्त्री – स्त्रीया
आंखे – आंख
थाली – थालियां