JKBOSE Class 6 Hindi Chapter 10 लोकगीत Solution
JKBOSE (Jammu Kashmir State Board Of School Education) Class 6 Hindi Solution Chapter 10 लोकगीत all Exercise Question Answers. Students of JK Board Grade 6 Standard can download all Answer.
1.) निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है ? बिंदुओं के रूप में उन्हें लिखो ।
लोकगीतों का महत्व
लोकगीत मे सहाय्यक गायक और वादन
भाषा
लोकगीतों के प्रकार
शास्त्रीय संगीत
लोकगीतों के साथ किए जाने वाला नृत्य
लोकगीतों की लोकप्रियता
2.) हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं ?
स्त्रियां नदियों में नहाते समय या फिर नहाने जाते वक्त गाए जाने वाले गीत, विवाह के शुभ अवसर पर गाए जाने वाले गीत, प्रेमयुक्त गीत, जन्म के समय गाए जाने वाले गीत, गुजरात का गरबा, रसिया, कजरी ऐसे लोकगीत स्त्रियों द्वारा गाए जाते हैं।
3.) निबंध के आधार पर और अपने अनुभव के आधार पर (यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो तुम लोकगीतों की कौन-सी विशेषताएँ बता सकते हो ?
हमारे लोकगीत तो उनसे हमारी संस्कृति की पहचान होती है हमारे परंपराओं के बारे में जानकारी मिलती है। यह लोकगीत गाने के लिए किसी भी वादे की जरूरत नहीं होती। उनकी रचनाएं स्थानिक स्त्रियां और पुरुष यही करते हैं। अगर हमे लोकगीत सुनने का मौका मिले तो हम महाराष्ट्र में श्रावण मास में जो मंगलागौरी का उत्सव मनाया जाता है उस उत्सव में अनेक गीत गाए जाते हैं। उस उत्सव में स्त्रियां उन गीतों पर नृत्य भी करती हैं।
4.) पर सारे देश के…. अपने-अपने विद्यापति हैं इस वाक्य का क्या अर्थ है ? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।
जिस तरह अपने क्षेत्र के लोकगीत होते हैं उसी प्रकार हर क्षेत्र के अपने अपने लोकगीत होते हैं। इन गीतों की रचना करने वाले हर जगह पर कोई ना कोई रचनाकार है। उन्हीं के गीत उन क्षेत्रों में गाए जाते हैं।
अनुमान और कल्पना
1.) क्या लोकगीत और नृत्य सिर्फ़ गाँवों या कबीलों में ही पाए जाते हैं ? शहरों के कौन से लोकगीत हो सकते हैं? इस पर विचार कर लिखो।
लोकगीत और नृत्य सिर्फ़ गाँवों या कबीलों में ही पाए जाते हैं। इन्हीं जगहों पर यह लोकगीत लोकप्रिय होते हैं। शहरों में भी कई प्रकार के लोकगीत गाए जाते हैं। लेकिन इन लोकगीतों की परंपरा कौन सी ले ली जाती है। शहर में जो लोग रहते हैं वह किसी न किसी गांव से ही आए होते हैं। वह अपने साथ वहां के परंपरा भी लाते हैं।
2.) जीवन जहाँ इठला-इठला कर लहराता है, वहाँ भला आनंद के स्रोतों की कमी हो सकती है ? उद्दाम जीवन के ही वहाँ के अनंत संख्यक गाने प्रतीक हैं।’ क्या तुम इस बात से सहमत हो ? ‘बिदेसिया’ नामक लोकगीत से कोई कैसे आनंद प्राप्त कर सकता है और वे कौन लोग हो सकते हैं जो इसे गाते सुनते हैं ? इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर अपने शिक्षक को सुनाओ।
गांव में जो लोकगीत पाए जाते हैं वह लोकगीत गांव के परंपरा वहां का जीवन दर्शाते हैं। यह लोकगीत कविता गए जाते हैं तो सभी को या इससे आनंद मिलता है। लोको गीत स्थानिक भाषा में बोले जाते इसी वजह से वह सभी को समझ में आते हैं।
भाषा की बात
1.) ‘लोक’ शब्द में कुछ जोड़कर जितने शब्द तुम्हें सूझें, उनकी सूची बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से देखो और समझो कि उनमें अर्थ की दृष्टि से क्या समानता है। इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ। जैसे-लोककला ।
लोकगीत –
लोकगीत ग्रामीण भागों में बहुत प्रसिद्ध होते हैं।
लोककल्याण-
बड़े-बड़े नेता लोककल्याण की ही बात करते हैं।
लोककथा –
लोक कथा से हमें किसी भी क्षेत्र का इतिहास मालूम पड़ता है।
लोकहित –
सामाजिक बदलाव करते वक्त लोकहित ध्यान में रखना सबसे ज्यादा जरूरी बात होती है।
लोकसत्ता –
भारत में लोकसत्ता है।
2.) ‘बारहमासा’ गीत में साल के बारह महीनों का वर्णन होता है। नीचे विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है। इस सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते हो – –
इकतार-
एक वाद्य जिसे एक तार जोड़ा हुआ होता है।
चारपाई –
जिसके चार पाव हो
सप्तर्षि –
सात ऋषि
नवरात्र –
नौ रात का समूह
अठन्नी –
आठ आना ( सिक्का)
सरपंच –
गांव का / पंचों का मुख्य
तिराहा –
तीन राह
दोपहर –
दूसरा प्रहार
छमाही –
छह मास में एक बार
चौराह –
जहा चार रास्ते मिल जाते है।
पंचरत्न –
एक साथ पांच रत्न
पंचमी –
पांचवा दिन
मासिक –
महीने में एक बार
3.) को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं। पिछले पाठ (झाँसी की रानी) में तुमने का के बारे में जाना नीचे भंजरी जोशी की पुस्तक “भारतीय संगीत की परंपरा से भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है। इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो-
तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने… अंग्रेज़ी के एस या सी अक्षर…….. तरह होती है। भारत • विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे बना यह वाद्य अलग-अलग नामों…..जाना जाता है। धातु की नली घुमाकर एस. आकार दिया जाता है।
उत्तर –
तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने में अंग्रेज़ी के एस या सी अक्षर की तरह होती है। भारत के विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे बना यह वाद्य अलग-अलग नामों से जाना जाता है। धातु की नली घुमाकर एस. आकार दिया जाता है।