Jahan Pahiya Hai Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Vasant Chapter 13 Prepared by Hindi Expert Teacher.
Jahan Pahiya Hai Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Vasant
Class |
8 |
Book Title |
Vasant |
Chapter |
13 |
Chapter Name |
Jahan Pahiya Hai |
Topic |
Extra Questions and Answers |
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Extra Questions and Answers:
अ.) परिच्छेद पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखें।
ग्रामीण पुडुकोट्टई के मुख्य इलाकों में अत्यंत रूढ़िवादी पृष्ठभूमि से आई युवा मुस्लिम लड़कियाँ सड़कों से अपनी साइकिलों पर जाती हुई दिखाई देती हैं। जमीला बीवी नामक एक युवती ने जिसने साइकिल चलाना शुरू किया है, मुझसे कहा- “यह मेरा अधिकार है, अब हम कहीं भी जा सकते हैं। अब हमें बस का इंतजार नहीं करना पड़ता। मुझे पता है कि जब मैंने साइकिल चलाना शुरू किया तो लोग फ़ब्तियाँ कसते थे। लेकिन मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
फातिमा एक माध्यमिक स्कूल में पढ़ाती हैं और उन्हें साइकिल चलाने का ऐसा चाव लगा है कि हर शाम आधा घंटे के लिए किराए पर साइकिल लेती हैं। एक नयी साइकिल खरीदने की उनकी हैसियत नहीं है। फातिमा ने बताया कि-“साइकिल चलाने में एक खास तरह की आजादी है। हमें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। मैं कभी इसे नहीं छोडूंगी।” जमीला, फातिमा और उनकी मित्र अवकन्नी-इन सबकी उम्र 20 वर्ष के आसपास है और इन्होंने अपने समुदाय की अनेक युवतियों को साइकिल चलाना सिखाया है
1.) पहले साइकिल चलाना किसने शुरू किया था?
जमीला बीवी इस नाम के औरत ने पहले साइकिल चलाना शुरु किया था।
2.) जमीला बीवी ने जब साइकिल चलाना शुरु किया तो लोगों की प्रतिक्रिया क्या थी?
जमीला बीवी ने जब साइकिल चलाना शुरु किया तो लोग उसे पर फब्तियां कसते थे।
3.) जब लोग जमीला बीवी पर फक्तियां कसते थे तो उनकी प्रतिक्रिया क्या होती?
जब लोग जमीला बीवी पर फक्तियां कसते थे तब जमीला बीवी उन पर ध्यान नहीं देती थी।
4.) फातिमा क्या काम करती है?
फातिमा एक माध्यमिक स्कूल में पढाती है।
5.) फातिमा साइकिल चलाने के बारे में क्या कहती है?
फातिमा साइकिल चलाने के बारे में यह कहती है की साइकिल चलाना यह एक प्रकार की आजादी है।
आ.) परिच्छेद पढ़े और प्रश्नों के सही उत्तर लिखें।
जिन छोटे उत्पादकों को बसों का इंतजार करना पड़ता था, बस स्टॉप तक पहुँचने के लिए भी पिता, भाई, पति या बेटों पर निर्भर रहना पड़ता था। वे अपना सामान बेचने के लिए कुछ गिने-चुने गाँवों तक ही जा पाती थीं। कुछ को पैदल ही चलना पड़ता था। जिनके पास साइकिल नहीं है वे अब भी पैदल ही जाती हैं। फिर उन्हें बच्चों की देखभाल के लिए या पीने का पानी लाने जैसे घरेलू कामों के लिए भी जल्दी ही भागकर घर पहुँचना पड़ता था। अब जिनके पास साइकिलें हैं वे सारा काम बिना किसी दिक्कत के कर लेती हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि अब आप किसी सुनसान रास्ते पर भी देख सकते हैं कि कोई युवा-माँ साइकिल पर आगे अपने बच्चे को बैठाए, पीछे कैरियर पर सामान लादे चली जा रही है। वह अपने साथ पानी से भरे दो या तीन बर्तन लिए अपने घर या काम पर जाती देखी जा सकती है।
1.) बस स्टॉप तक जाने के लिए भी महिलाओं को किसका इंतजार करना पड़ता था?
बस स्टॉप पर जाने के लिए भी महिलाओं को पिता, भाई, बेटा पति इनका इंतजार करना पड़ता था।
2.) जिन महिलाओं के पास साइकिल नहीं है वह महिलाएं दूसरे गांव में व्यापार करने के लिए किस साधन का उपयोग करती थी?
जिन महिलाओं के पास साइकिल नहीं है वह दूसरे गांव व्यापार करने के लिए एक तो बस से जाती थी नहीं तो पैदल चलकर जाती थी।
3.) साइकिल के आने से महिलाओं को क्या सुविधा मिली?
जिन महिलाओं के पास साइकिल है वह महिलाएं बिना दिक्कत के अपना काम कर सकती है यह सुविधा महिलाओं को साइकिल के आ जाने से मिली।
प्र.) 1 दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक से एक वाक्य में लिखो।
1.) पुडुकोट्टई की ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल को किसके लिए प्रतीक के रूप में चुना है?
पुडुकोट्टई की ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल को अपनी स्वाधीनता आजादी और गतिशीलता के प्रतीक के रूप में चुना है।
2.) ग्रामीण पुडुकोट्टई के मुख्य इला कौन से मुस्लिम लड़कियां साइकिलों पर जाती हुई दिखाई देती है उनकी पृष्ठभूमि कैसी है?
ग्रामीण पुडुकोट्टई के मुख्य इला कौन से मुस्लिम लड़कियां साइकिलों पर जाती हुई दिखाई देती है उनकी पृष्ठभूमि अत्यंत रूढ़िवादी है?
3.) साइकिल आंदोलन में स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण बात कौन सी थी?
साइकिल आंदोलन में स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण बात यह थी कि साइकिल ने पुरुषों पर उनकी निर्भरता कम कर दी है।
4.) साइकिल ने महिलाओं को कौन सी जिंदगी से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया?
साइकिल ने महिलाओं को वही रोज के किसी पॉइंट जिंदगी से पुरुषों के द्वारा थोपे गए दायरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया।
5.) साइकिल सीखने सिखाने के साथ-साथ उनके अंदर कौन सी बात का उत्साह दिखाई देता है?
साइकिल सीखने सिखाने के साथ-साथ महिलाओं के अंदर सभी महिलाओं को साइकिल चलाना सीखना चाहिए यह उत्साह भी दिखाई देता है।
6.) महिलाओं ने जेंट्स साइकिल क्यों खरीदी?
कई सारी महिलाएं ऐसी थी जो लेडिस साइकिल का इंतजार नहीं कर सकती थी इस वजह से उन महिलाओं ने जेंट्स साइकिल खरीदी।p
प्र.) 2 कारण लिखो।
1.) साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे गवती हूं।
फातिमा के पास साइकिल खरीदने के लिए पैसे नहीं है। इस वजह से वह हर शाम को किराए पर साइकिल लेती है और आजादी और खुशी अली का अनुभव करती है।
2.) वे अपना सामान बेचने के लिए कुछ गिने-चुने गांव तक ही जा पाती थी।
जब महिला होने साइकिल चलाना नहीं सीखा था तो उन्हें अपने काम के लिए बाहर गांव जाना बस का इंतजार करना इसमें बहुत दिक्कत होती थी कभी-कभी घर आने में और घर से बाहर निकलने में भी देरी हो जाती थी। जब से साइकिल आई है तब से वह अपना सामान भेजने के लिए दूर-दूर के गांव में भी जा सकती है उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
3.) यह जो साइकिल चलाना जानता है उनकी गतिशीलता बढ़ जाती है।
22 वर्षीय मनोरमणी जो साइकिल सिखाती है वह कहती है कि हमारा इलाका शहर से दूर है। यहां पर बसेस भी वक्त पर नहीं मिलती। इस वजह से जो महिलाएं साइकिल चलाने लगी है उनकी गतिशीलता बढ़ गई है।
4.) महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहां रहने वालों को हक्का-बक्का कर दिया।
1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर सभी महिलाओं ने अपने साइकिल के हैंडल पर झंडिया लगाई थी और घंटियां बचाकर वह साइकिल चला रही थी। साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफान ला दिया। इस वजह से यह कहा जाता है कि उसे दिन महिलाओं ने साइकिल चलाने की तैयारी ने यहां रहने वालों को हक्का-बक्का कर दिया।
5.) धीरे-धीरे साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृति मिली।
जब महिलाओं ने शुरुआत में साइकिल चलाना शुरु कर दिया तो लोगों ने उसे पर जमकर प्रहार कर दिए गलत टिप्पणियां की लेकिन महिलाओं ने इसका जवाब अपने कृति से दे दिया धीरे-धीरे साइकिल चलाने को भी स्वीकृति मिल गई इस वजह से धीरे-धीरे सारी महिलाओं ने साइकिल चलाना इस बात को अपना लिया।
प्र.) 3 रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
1.) भारत के सर्वाधिक गरीब जिलों में से एक है ……………………… ।
भारत के सर्वाधिक गरीब जिलों में से एक है पुडुकोट्टई।
2.) आप हमें बस का …………………… नहीं करना पड़ता।
आप हमें बस का इंतजार नहीं करना पड़ता।
3.) सबसे बड़ी संख्या उनकी है जो अभी ……………………. हुई है।
सबसे बड़ी संख्या उनकी है जो अभी नवसाक्षर हुई है।
4.) ………………… में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।
1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।
5.) यह जो साइकिल चलाना जानते हैं उनकी ………………… बढ़ जाती है।
यह जो साइकिल चलाना जानते हैं उनकी गतिशीलता बढ़ जाती है।
6.) साइकिल चलाने के बहुत अनिश्चित आर्थिक ………………………. थे।
साइकिल चलाने के बहुत अनिश्चित आर्थिक निहितार्थ थे।
7.) लेकिन हर शाम में किराए पर साइकिल लेती हूं ताकि मैं आजादी और ……………………… का अनुभव कर सकूं।
लेकिन हर शाम में किराए पर साइकिल लेती हूं ताकि मैं आजादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूं।
प्र.) 4 पूछे गए प्रश्नों के उत्तर तीन से चार वाक्य में लिखो।
1.) पुडुकोट्टई की महिलाओं ने साइकिल आंदोलन क्यों किया?
पुरानी रीति रिवाज को तोड़ने के लिए, अपने जीवन को गतिशीलता देने के लिए और खुद को स्वतंत्र करने के लिए इसके साथ-साथ अपने पिछड़ेपन को लात मारने के लिए, अपना विरोध व्यक्त करने के लिए और जिन जंजीरों में सारी औरतें जड़े हुए हैं उन जंजीरों को तोड़ने के लिए यह आंदोलन किया गया।
2.) पुडुकोट्टई के महिलाओ ने साइकिल आंदोलन क्यों किया?
आंदोलन करने के सब लोगों के अजीब अजीब तरीके होते हैं। अपने जीवन के ऊपर जो बेडिया लगी हुई है उनको तोड़कर महिलाएं बाहर निकाल कर आना चाहती है। आजादी का अनुभव करना चाहती है किसी के ऊपर निर्भर नहीं रहना चाहती। पुडुकोट्टई की महिला होने अपने आंदोलन के प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना अपनी स्वाधीनता आजादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए साइकिल इस चीज को उन महिलाओं ने गतिशीलता प्रतीक के रूप में चुना है इस वजह से उन्होंने साइकिल आंदोलन किया।
3.) जमीला बीवी नामक युवती साइकिल चलाने के बारे में क्या कहती हैं?
जमीला बीवी नामक युवती साइकिल चलाने के बारे में यह कहती है कि साइकिल चलाना मेरा अधिकार है अब हम साइकिल के माध्यम से कहीं पर भी जा सकते हैं। अब हमें ना ही मर्दों का इंतजार करना पड़ता है ना ही बस का इंतजार करना पड़ता है। जब मैं साइकिल चलाना शुरु किया था तो लोग ताने मारते थे कई लोग हंसते थे लेकिन मैंने उनके ऊपर ध्यान नहीं दिया।
4.) पुडुकोट्टई गांव में आप कौन-कौन सी महिला साइकिल आंदोलन से जुड़ गई है?
पुडुकोट्टई गांव में अब सारी महिलाएं साइकिल चलाने में आगे है। जो औरतें खेती करती है मजदूरी करती है पत्थर खदानों में मजदूरी करती है गांव में जो औरतें नर्स है बालवाड़ी आंगनवाड़ी चलती है पत्थरों को तरसती है यहां तक के गांव के स्कूल के अध्यापिकाएं भी साइकिल का इस्तेमाल करती है। इसके साथ-साथ ग्राम सेविका और जो औरतें दोपहर का भजन पहुंच जाती है वह औरतें भी साइकिल आंदोलन से जुड़ गई है।
5.) साइकिल आंदोलन शुरू होने की वजह से महिलाओं में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?
साइकिल आंदोलन शुरू होने की वजह से महिलाएं अब किसी पर भी निर्भर नहीं रही। उनकी निर्भरता आप काम हो गई है। कहीं कामों में महिलाओं को पुरुषों की जरूरत पड़ती थी लेकिन वह काम में भी महिलाएं आप खुद करने लगी है। महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो गई है। वह अब आर्थिक रूप से भी स्वतंत्र होने लगी है। शुरुआत में उन्हें एक गांव से दूसरे गांव में जाकर अपना सामान बेचने के लिए कुछ मर्यादाएं होती थी। बेसन का इंतजार करना पड़ता था गांव के मर्दों पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन आप उन्हें किसी बस का इंतजार नहीं करना पड़ता ऐसी महिलाएं अपना सामान साइकिल पर रख देती है और एक गांव से दूसरे गांव में जाकर सामान बेचती है। साइकिल आंदोलन की वजह से महिलाओं में यह बदलाव आ गए हैं।
6.) पुडुकोट्टई इस गांव की महिलाएं साइकिल की मदद से कौन-कौन से काम करती है?
पुडुकोट्टई इस गांव की महिलाएं साइकिल की मदद से बहुत सारे कार्य करती है। वह अब आर्थिक रूप से निर्भर भी हो गई है। साइकिल की वजह से उन्हें अपना व्यवसाय चलाने में मदद होती है। शुरुआत में जब वह साइकिल नहीं चलती थी तब उन्हें बसों का इंतजार करना पड़ता था लेकिन वह अब बस का इंतजार नहीं करती साइकिल पर सामान रखकर एक गांव से दूसरे गांव में जाकर वह अपना सामान बेचती है इस वजह से उनकी खबर भी अच्छी हो जाती है और उन्हें पैसे भी मिल जाते हैं। दूसरी बात साइकिल चलाने की वजह से वह महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो गई है अब उन्हें पुरुषों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। कोई भी काम हो वह अपनी साइकिल की मदद से कर लेती है। कई बार उन्हें पानी लाने के लिए चार-चार मैल दूर जाना पड़ता है अब वह साइकिल पर बैठकर कर महल दूर जाकर पानी लाती है इसके साथ-साथ उनके बच्चे भी अब साइकिल पर बैठते हैं और सवारी करते हैं।
6.) फातिमा किस प्रकार से साइकिल चलाने में पैसे गवाती है? उसे साइकिल चलाने से कौन सा अनुभव मिलता है?
फातिमा के पास इतने पैसे नहीं है कि वह एक बार जाकर साइकिल खरीद सके इस वजह से वह हर शाम को किराए पर साइकिल लेती है और वह साइकिल चलाकर आजादी और खुशहाली का अनुभव करती है। इस वजह से वह कहती है कि साइकिल चलाने से मेरी कोई भी कमाई नहीं होती मैं तो पैसे गवाती हूं लेकिन मुझे साइकिल चलाने से बहुत आनंद मिलता है, आजादी मिलती है, खुशहाली मिलती है। इस वजह से मैं साइकिल चलाती हूं।
पाठ से आगे
प्र.) 1 आपको क्या करने से खुशहाली और आजादी का अनुभव होता है?
मुझे सारे कार्य करके घूमने जाना बहुत पसंद है। में शुरुआत में चलकर जाती थी लेकिन बाद में मेरे पापा ने मुझे साइकिल सिखाई उसके बाद में साइकिल चला कर यह अनुभव लेने लगी उसका अब मुझे गाड़ी चलाने भी आती है अगर मुझे कहीं घूमने जाना हो तो मैं गाड़ी का इस्तेमाल करती हूं और दूर तक जाते हो जिसकी वजह से मुझे खुशहाली और आजादी का अनुभव होता है।
2.) आपके आसपास ऐसी कोई घटना हुई है जिसमें महिलाओं ने अपने स्वतंत्रता के लिए या अपने अधिकार पाने के लिए आंदोलन किया हो?
हमारे गांव में पहले विधवा प्रथा थी। विधवा को पहले कई मानसिक पीड़ाओं से गुजरना पड़ता था लेकिन आज हमने वह प्रथा बंद कर दी है और महिलाओं को सारे बातों का आनंद लेने के लिए स्वतंत्रता दे दी है।
3.) आप ऐसे आंदोलन में भाग लेना चाहेंगे क्या?
जरूर हम ऐसे आंदोलन में भाग लेना चाहेंगे जिस किसी को खुशी मिलती हो। पुराने रीति रिवाज कई बार पैरों में बेड़ियों जैसे होते हैं। कई बार यह बेडिया तोड़कर आगे चलना है हमारे लिए जरूरत बन जाता है। इस वजह से ऐसे आंदोलन में भाग लेना हमारा कर्तव्य बनता है। इस वजह से हमें स्वतंत्रता मिलती है और हम भी आजादी का अनुभव कर सकते हैं।
4.) साइकिल चलाने के क्या फायदे हो सकते हैं?
अगर हमारे पास साइकिल है तो उसे चलाने के बहुत सारे फायदे होते हैं। साइकिल में बहुत ज्यादा खर्चा भी नहीं होता। इसे आसानी से सीखा और चलाया जा सकता है। कभी-कभी टायर में हवा भरने पड़ती है उसका और अगर हम उसे तेल पानी अच्छे से लगाए तो कुछ भी ज्यादा खर्चा नहीं आता। इसके साथ-साथ साइकिल चलाने से हम तंदुरुस्त भी रहते हैं। हमने हमेशा एक अच्छी ऊर्जा बनी हुई रहती है। साइकिल की वजह से हम कितनी भी दूर तक जा सकते हैं। इसमें ईंधन का खर्चा भी नहीं आता। सिर्फ टायर में हवा भरो और निकाल पड़ो।
5.) ग्रामीण महिलाओं का जीवन कैसा होता है?
जो महिलाएं ग्रामीण भाग में रहती है उनकी अवस्था शहरों में रहने वाले स्त्रियों से बिकट होती है। कभी-कभी यह महिलाएं अपने खुद के पैरों पर खड़ी नहीं होती। इस वजह से उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एक तो वह ग्रामीण क्षेत्र में रहती है इस वजह से वह आर्थिक रूप से निर्भर नहीं होती। क्योंकि वहां पर आर्थिक रूप से उन्नति नहीं हुई होती है। वहा के लोगों का जीवन सिर्फ खेती पर निर्भर होता है। सारे पुरुष खेती में जाकर कार्य करते हैं। लेकिन महिलाएं तो घर में चूल्हा चौका संभालते रहती है। शहर में भी वह किसी काम से ही आती है। बाकी उनका सारा जीवन उनके घर में ही बितता है। गांव में अलग-अलग तरह के रीति रिवाज आज भी माने जाते हैं। कई रीति रिवाज गलत होते हैं और इनका विरोध वहां पर नहीं किया जाता। इस वजह से ग्रामीण भाग में जो महिलाएं रहती हैं उनका जीवन सामान्य होता है।
6.) साइकिल चलाकर आंदोलन करना यह मामला आर्थिक है या सामाजिक?
साइकिल आंदोलन यह मामला आर्थिक भी है और सामाजिक भी। साइकिल चलाने की वजह से सारी महिलाएं आर्थिक और सामाजिक दोनों ही रूप से आत्मनिर्भर हो गई है। अब उन्हें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती। वह स्वतंत्र हो गई है उनके जीवन को एक गतिशीलता प्राप्त हो गई है। इसके साथ-साथ वह आर्थिक रूप से भी निर्भर हो सकती है क्योंकि वह अब दूर-दूर के गांव में जाकर अपना व्यवसाय कर सकती है वह अब व्यवसाय करने के लिए गांव में आने वाली बसों पर भी निर्भर नहीं रहती। इसी वजह से साइकिल आंदोलन यह मामला आर्थिक भी है और सामाजिक भी।
भाषा की बात
प्र.) 1 दिए गए शब्दों में प्रत्यय जोड़ो।
1.) हार – प्रहार
2.) संवाद – परिसंवाद
3.) मुख – विमुख
4.) नम्र – विनम्र
5.) मान – अभिमान
6.) शक – बेशक
7.) सम्मान – आत्मसम्मान
8.) योग – सहयोग
प्र.) 2 दिए गए शब्दों में उपसर्ग जोड़े।
1.) गतिशील – गतिशीलता
2.) निर्भर – निर्भरता
3.) व्यक्ति – व्यक्तिगत
4.) स्वाधीन – स्वाधीनता
5.) सतर्क – सतर्कता
प्र.) 3 दिए गए मुहावरों का अर्थ लिखें।
1.) हक्का – बक्का कर देना – आश्चर्यचकित कर देना
पुडुकोट्टई की महिलाओं ने गांव वालों को हक्का- बक्का कर दिया।
2.) गतिशीलता बढ़ना – चाल, वेग बढ़ाना
साइकिल की उपयोग से पुडुकोट्टई की महिलाओं में गतिशीलता आ गई।
3.) आत्मनिर्भर होना – किसी पर भी निर्भर नहीं रहना
पुडुकोट्टई की महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो गई है।
4.) ध्यान केंद्रित करना – लक्ष एक जगह पर टिका देना
रिया अपने पढ़ाई पर अपना ध्यान केंद्रित करती है।
5.) दिक्कत आना – परेशानियां आना
गांव में रहने वाले लोगों को बसों के वजह से बहुत दिक्कतें आती है।
6.) खुशहाली अनुभव करना – आनंद आना
जब हम घूमने जाते हैं तो खुशहाली का अनुभव करते हैं।
Hope above Jahan Pahiya Hai Extra Questions and Answers will help you to prepare more for exams. You can share this post through your friend.