राम नवमी | Ram Navami in Hindi | Hindi Essay | Ram Navami Essay in Hindi.
भारत त्योहारों का देश है। भारत में विविध भारती विविध भारती विविध धर्म के लोग मिलकर रहते हैं। भारत में रामनवमी, दीपावली,जन्माष्टमी होली,त्यौहार मनाए जाते हैं। यह त्यौहार मनाने के पीछे अपनी-अपनी अनेक मान्यताएं हैं। भारत में विविध संस्कृति जाति पंथ के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। भारतीय संस्कृति यह विविधता से परिपूर्ण है। भारतीय संस्कृति पर भारतीय भौगोलिकतl का बड़ा प्रभाव देखने में मिलता है।
रामनवमी का त्यौहार राम जी के जन्मदिन पर मनाया जाता है।चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिवस रामनवमी के स्वरूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की पूजा कि जाती है। मंदिर तथा घरों में भगवान राम की पूजा की जाती है। संपूर्ण देश भर में रामनवमी के दिन पूजा, व्रत, उपवास, कथा, हवन, दान आदि धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। रामनवमी यह हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन श्री राम की माता जानकी तथा लक्ष्मण की पूजा की जाती है। यह त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जो अप्रैल-मई में आता है। यह त्यौहार हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता हैl जन्मस्थली अयोध्या में इस पर्व को बेहद हर्षोल्ललास के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन अयोध्या में बड़े मेले का आयोजन किया जाता है तथा देश भर के साधु संत वहl राम से पूजा करने के लिए आते हैं।हर हिंदू व्यक्ति मिलजुलकर प्रेम से यह त्यौहार मनाता है। भारतवर्ष में चाहे किसी भी जाति का व्यक्ति क्यों ना हुआ भगवान श्री राम के जरूर जानता है l भगवान श्री राम एक आदर्श पुरुष के रूप में जाने जाते हैं। श्री राम जी को मर्यादा पुरुषोत्तम नाम से जाना जाता है। अपने जीवन काल में श्री राम जी ने अनेक दुख और कष्ट से है। परंतु उन्होंने कभी अपने मर्यादा का उल्लंघन ना किया। वह हमेशा अपने आदर्श पर चलते रहे।
श्री राम जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। सरयू नदी के किनारे बसे अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि श्री राम जी का जन्म अहंकारी रावण को नष्ट करने के लिए हुआ था। सभी जानते हैं कि राम जी के पिता का नाम दशरथ था। राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी।कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी। राम माता कौशल्या से भरत का केकई से जन्म हुआ था ।माता कैकई ने राम जी के पिता दशरथ से यह वरदान में मांगा था कि वह राम को 14 वर्ष के वनवास में भेज दें। तथा अपने पुत्र भरत को राजपाट देने का निवेदन किया था। इच्छा ना होते हुए भी भारी मन से दशरथ राजा को अपने पुत्र राम को वनवास में भेजl राम जी के साथ वनवास में माता- सीता तथा भाई लक्ष्मण साथ गए। यही कारण है कि रामनवमी के दिन राम जी के साथ लक्ष्मण की भी पूजा की जाती है। लक्ष्मण यह आज्ञाकारी भाई थे। 14 वर्ष के वनवास के समय श्री राम जी ने अनेक असुरों का वध किया। रामजी हमेशा सच्चाई और अच्छाई की राह पर चलते रहे। बुराई पर अच्छाई की जीत यह रावण के वध का एक उत्तम उदाहरण है। पुराणों में यह माना जाता है कि भगवान राम यह विष्णु के सातवें अवतार थे।
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