जनजाति गौरव दिवस | Janjatiya Gaurav Divas in Hindi | Hindi Essay | Janjatiya Gaurav Divas Essay in Hindi.
वर्ष 2021 से भारत में प्रति वर्ष 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाया जाता है। जनजाति गौरव दिवसीय भारत के आदिवासी स्वतंत्र सेनानी बिरसा मुंडा की याद में मनाया जाता है। अंग्रेजों के अत्याचार और शोषण का विरोध करने वाले आदिवासी नेता बिरसा मुंडा हम सब की भांति परिचित है। बिरसा मुंडा का जन्म झारखंड में 15 नवंबर को हुआ था। बिरसा मुंडा एक स्वतंत्र सेनानी थे भारत को आजादी दिलाने में उनके योगदान को याद करने के लिए 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाने की घोषणा की गई। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस देशभर के सभी स्कूल कॉलेज और उच्च शिक्षण संस्थानों में मनाया गया। जनजाति गौरव दिवस 2022 भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में भव्य तरीके से मनाया गया। बहlदुर आदिवासी स्वतंत्र सेनानियों के बलिदान को याद करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। भारत को आजादी दिलाने में आदिवासी समुदायों का बड़ा योगदान रहा है।
बिरसा मुंडा को आदिवासी समाज भगवान की तरह पूछते हैं। बिरसा मुंडा का जन्म झारखंड में हुआ था। बिरसा मुंडा एक स्वतंत्र सेनानी तथा प्रतिष्ठित आदिवासी नेता थे। बिरसा मुंडा ने अपने बहादुरी से अंग्रेजों के शोषण का विरोध कर अंग्रेजों की जड़े हिला दि थी । बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज को एकत्रित करने का अमूल्य कार्य किया। आदिवासी समाज के संस्कृति को सुरक्षित रखने में बिरसा मुंडा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बिरसा मुंडा के योगदान को याद करने के लिए संपूर्ण भारतवर्ष के स्कूलों में 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिन मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षण संस्था में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर भाषण वाद विवाद आदि प्रतियोगिता आयोजित की गई। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करना। आदिवासियों की संस्कृति सभ्यता का संरक्षण करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था। वह मुंडा जनजाति के थे l धरती आबा इस नाम सेउन्हे जाना जाता था। उनके द्वारा छोटा नागपुर में किया गया विद्रोह मुंडा विद्रोह के नाम से प्रसिद्ध है। मुंडा जनजाति की पारंपारिक जमीदारी व्यवस्था में की गई परिवर्तन के कारण किया गया था।
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