सामूगढ़ का युद्ध| Battle of Samugarh in Hindi | Hindi Essay | Battle of Samugarh Essay in Hindi.
सामूगढ़ का युद्ध 1629 ई. में लड़ा गया था। यह युद्ध मुगल बादशाह शाहजहां के पुत्र दारा शिकोह, औरंगजेब तथा मुराद बख्श की संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया था। यह सामूगढ़ के युद्ध का मुख्य उद्देश्य शाहजहां का उत्तराधिकारी बनना था। शाहजहां के चार पुत्र और दो पुत्रियां थी इन सभी में शाहजहां दारा शिकोह का अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे। दारा शिकोह शाहजहां का सबसे बड़ा पुत्र था वह प्रेमी और वीर था। पर वह औरंगजेब के मुकाबले अच्छा सेनानायक नहीं था। दारा शिकोह शाहजहां का बड़ा पुत्र होने के हिसाब से वही शाहजहां का उत्तराधिकारी बनना चाहिए था लेकिन औरंगजेब और मुराद को यह मंजूर नहीं था।
यह युद्ध सामूगढ़ के मैदान पर हुआ था जिस वजह से इस युद्ध को सामूगढ़ का युद्ध कहा जाता है। सामूगढ़ का मैदान उत्तर भारत में है, यह युद्ध लड़ने के लिए दारा शिकोह की सेना और शाहजहां के तीसरे व चौथे पुत्र औरंगजेब वह मुराद की सेना सामूगढ़ के मैदान में आकर डट गई थी। इस युद्ध में दारा शिकोह की सेना 60000 सैनिकों की थी , जो औरंगजेब की सेना से काफी बड़ी थी। औरंगजेब की सेना कम थी मगर काफी अनुभवी थी जिस वजह से औरंगजेब को इस युद्ध में विजय प्राप्त हो गई थी। सामूगढ़ के युद्ध में दारा शिकोह को अपने हाती पर ना देखकर दारा शिकोह की सेना में हड़कंप मच गया था और उनकी सेना भयभीत हो गई थी जिस वजह से दारा शिकोह युद्ध में हार गया। दारा शिकोह युद्ध में हारने की वजह से औरंगजेब शाहजहां का उत्तराधिकारी बन गया और दारा शिकोह शर्म के मारे आगरा में शाहजहां से मिलने बगैर दिल्ली भाग गया।
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