चौसा का युद्ध | Battle of Chausa in Hindi | Hindi Essay | Battle of Chausa Essay in Hindi.
चौसा का युद्ध 29 जून 1539 मैं हुआ था। चौसा का युद्ध शेरशाह सूरी और हुमायूं के बीच हुआ था। भारत के प्रमुख युद्धमें से यह एक महत्वपूर्ण चौसा का युद्ध है। हुमायूं मुगल सम्राट बाबर का बेटा था। यह युद्ध चौसा नामक स्थान पर हुआ था इसलिए इस युद्ध को चौसा का युद्ध कहा जाता है। चौसा नामक स्थान आज के वर्तमान में उत्तर प्रदेश और बिहार के बॉर्डर पर बक्सर के निकट कर्मनाशा नदी के तट पर चौसा नामक स्थान है। चौसा का युद्ध करने का शेरशाह सुरी का मुख्य उद्देश्य हुमायूं का राज्य पाना था।
हुमायूं ने कभी भी अफ़गानों पर ध्यान नहीं दिया और शेरशाह ने इसी बात का फायदा लिया था। शेरशाह ने हुमायूं के राज्य में एक गुप्तचर भेजकर हुमायूं की गतिविधियों को जानता रहा और एक रात अचानक शेर शाह सुरी की सेना ने मुगलों पर हमला कर दिया था। इस अचानक हुए हमले से बहुत से मुगल सैनिक गंगा में कूदे, और कई सारे मुगल घायल हुए। ना जाने कितने सारे मुगल सैनिक अफ़गानों के तीरों का शिकार हो गए थे। अफ़गानों से बचते बचते सोए हुमायूं भी नदी में कूदा और डूबने से बचा। इस चौसा के युद्ध में शेरशाह सूरी की विजय हुई और मुगल बादशाह हुमायूं पराजित हुआ था।
शेरशाह की जीत की वजह से अफगानी सरदारों ने खुश होकर गद्दी का स्वीकार करने का प्रस्ताव शेरशाह को दिया इस प्रस्ताव को शेरशाह ने कबूल कर लिया था, अफगानी द्वारा किए गए अचानक हमले से हुमायूं की सेना का भारी मात्रा में नुकसान हुआ था।
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