बढ़ते वाहन घटते जीवन निबंध | Badhte Vahan Ghatta Jeevan in Hindi | Hindi Essay | Badhte Vahan Ghatta Jeevan Essay in hindi.
आज कल यातायात का मुख्य साधन वहान है। यह वाहन पेट्रोल या डीजल द्वारा चलते हैं। मनुष्य के जीवन में वाहन प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान में जाने के लिए हम वाहनों का प्रयोग करते हैं। वाहनों का प्रयोग करने से हमारl समय बचाता है। मोटर से चलने वाले वाहनों के कारण शारीरिक मेहनत कम रखती है। प्राचीन काल में मनुष्य यातायात के लिए घोड़ा गाड़ी टांगा गाड़ी तथा बैलगाड़ी का प्रयोग किया करते थे। इन गाड़ियों का प्रयोग कर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में काफी समय लगता था।मनुष्य बल की आवश्यकता होती थी। प्राचीन काल में उपयोग में लाए जाने वाले यातायात के साधनों के कारण वातावरण प्रदूषण नहीं होता था। प्राचीन काल के यातायात के साधन जहरीले तथा अन्य हानिकारक वायु नहीं छोटी थी। इसी कारण वायु प्रदूषण नहीं होता था। परंतु आजकल के यातायात के साधन हानिकारक धुआ छोड़ती है। जिससे वातावरण का प्रदूषण होता है। गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ मनुष्य के जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक हैं।गाड़ियों के धुंआ में कार्बन डाइऑक्साइड होता है। इस कार्बन डाइऑक्साइड के कारण आज पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है। कार्बन डाइऑक्साइड हरितगृह प्रभlव का मुख्य कारण हैl
आजकल के यातायात के साधन मनुष्य के लिए अत्यंत सुविधाजनक है।हमें कम से कम समय में अधिक से अधिक दूर पहुंचा सकते हैं। पहले जहां बैलगाड़ी तथा घोड़ा गाड़ी से सफर करने में 15 -20 दिन लग जाते हैं वही यही सफर आज चंद घंटों में तय किया जाता है। एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में लगा समय वाहनों के कारण आज कम हो गया है। माल ढोने वाले वाहनों का उपयोग कर सामान ले जाना आसान हो गया है। वस्तु के आयात निर्यात करना आसान और सुलभ हो जाता है। निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र की वाहनों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। आज हर दूसरे घर में दो तीन वाहन तो जरूर मिलते हैं। इसी का परिणाम यह निकलता है कि वायु प्रदूषण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। यातायात में होने वाली रुकावटें सामने आ रही है। वाहनों की संख्या बढ़ गई है कि ट्रैफिक जाम लग जाता है रास्ते पर जो 4-3घंटे तक कम नहीं होता। अधिकतर लोग अपने शोक तथा दिखावे के लिए तो कई सुविधा के लिए अपने निजी वाहन से यातायात करना पसंद करते हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि दिनोंदिन वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी वाहनों का प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। वाहनों से उत्सर्जित होने वाले दुआ में कार्बन डाइऑक्साइड लीड जैसे शरीर के लिए खतरनाक गैस मौजूद होती है। कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के कारण आज पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि अनेक पक्षी गर्म मर रहे हैं। अनेक पक्षियों की जनजातियां आज लुप्त हो रही है। पृथ्वी के बढ़ते तापमान के कारण हिम नदियाँ कर रहे हैं। अनेक अनगिनत हानियां हो रहे हैं। इन सारी बातों की ओर ध्यान न देते हुए मनुष्य आज पृथ्वी के विनाश की ओर कदम बढ़ा रहा है।
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए मनुष्य ने कम से कम वाहनों का प्रयोग करना चाहिए। जहां आवश्यक हो वही वाहन से जाए अन्यथा हमें पैदल चलना चाहिए। पैदल चलने से हमारे स्वास्थ्य बना रहता है तथा बीमारियों से हम बच्चे रहते हैं। यदि हम किसी एक ही दिशा की ओर जा रहे हो तो तीन चार लोगों को एक वाहन में जाना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि हमें अकेले न जाते हुए साझेदारी में जाना चाहिए। इतने रास्तों पर वाहनों की गर्दी कम होंगी। वायु प्रदूषण कम होगा। हमारे पैसों की बचत होंगी। पेट्रोल-डीजल जैसे संसाधनों का हम भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए बचा सकेंगे। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए तथा सड़कों पर होने वाली गाड़ियों के भीड़ को रोकने के लिए हमें अधिक से अधिक सरकारी वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।
वाहनों के रास्ते पर भीड़ के कारण वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। वाहनों से निकलने वाले रिलीज हुए के कारण आज मनुष्य को विविध प्रकार की बीमारियां हो रही है तथा उनका जीवन आयु घट रही है। मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए तथा पर्यावरण के संरक्षण के लिए वायु प्रदूषण और रास्ते पर बढ़ते वाहनों की संख्या रोकना अत्यंत आवश्यक है।
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