On this page we have given a article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या ग्लोबल वार्मिंग कोई गंभीर समस्या नहीं है
Debate – ग्लोबल वार्मिंग कोई गंभीर समस्या नहीं है
ग्लोबल वार्मिंग इसका अर्थ है पृथ्वी के आसपास का वातावरण जो है वह बढ़ता जा रहा है। इस वजह से पृथ्वी पर जो उसका है उसमें वृद्धि हो रही है। इसके लिए ज्यादातर ग्रीन हाउस के जो गैस है वह जिम्मेदार है। उसमें मिथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन इन गैस का समावेश होता है। इसके साथ-साथ जीवाश्म इंधनों का भी हम बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं इससे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती हैं। इस वजह से भी ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि होती है।
आज मनुष्य पृथ्वी पर पेड़ पौधों की कटाई भी बहुत तेजी से कर रहा है। इसके वजह से जंगल नष्ट हो रहे हैं। पृथ्वी पर जो मानव के लिए संसाधन है जो पर्यावरण में से उसे मिल जाते हैं उन संसाधनों का इस्तेमाल वह गलत तरीके से कर रहा है। अमर्यादित तरीके से उसका इस्तमाल वहां पर मानव कर रहा है। इस वजह से पर्यावरण में से संसाधन गायब हो रहे हैं। इसका पृथ्वी पर गलत असर हो रहा है। पेड़ पौधों की मात्रा कम हो जाने से पृथ्वी पर जो वातावरण जो होता है उसे वह असंतुलित हो गया है। पेड़ पौधों की कटाई करने से ऑक्सीजन की मात्रा अपने आप काम हो गई है। और जो गैसेस मानव के लिए हानिकारक है या फिर पृथ्वी के लिए हानिकारक है उन गैसेस की मात्रा बढ़ गई है। इन सब के लिए प्रदूषण भी जिम्मेदार है। वाहनों में से जो गैसेस निकलते हैं जैसे कि मेथेन कार्बन डाइऑक्साइड यह भी हमारे पृथ्वी के लिए हानिकारक होते हैं। आज हम गाड़ियों का इस्तेमाल भी अमर्यादित तरीके से करते हैं। इस वजह से भी ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि हो रही है।
हम एक लोग बोल वार्मिंग काम करना जरूरी है। क्योंकि उसका गलत असर पृथ्वी पर हो रहा है। अगर ऐसा ही चला रहा पेड़ पौधों की कटाई नहीं रुकी प्रदूषण बढ़ता रहा तो जो गैसेस हमारे लिए जरूरी नहीं है उन गैस की मात्रा पर्यावरण में बढ़ जाएगी। और ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो जाएगी। इस वजह से पृथ्वी पर जो सजीव है उन्हें बहुत तकलीफ सहनी पड़ेगी। ग्लोबल वार्मिंग के वजह से ही फेमस खनन हो रहा है और समुद्र के पानी में वृद्धि हो रही है। पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। जब ग्लोबल वार्मिंग होता है तो मनुष्य को आपदाओं का सामना करना पड़ता है, कभी बाढ़ आ जाती है, तो कभी बारिश ही नहीं होती, कभी-कभी मनुष्य पृथ्वी पर का तापमान बढ़ने से त्रस्त हो जाता है, तो कभी उसके आसपास पर जन्य परिस्थिति निर्माण हो जाती है।
ऐसी कोई परिस्थितियों का सामना वातावरण में बदलाव इन परिस्थितियों का सामना मनुष्य को करना पड़ता है। ग्लोबल वार्मिंग के वजह से पृथ्वी पर का वातावरण हमेशा बदलता रहता है। और इसके लिए मानव जिम्मेदार है। ग्लोबल वार्मिंग यह एक गंभीर समस्या के रूप में हमारे सामने आई है। अगर इसे नहीं रोका गया तो मनुष्य को इस पृथ्वी पर रहना मुश्किल हो जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग को अभी ही हमें रोक लगानी होगी इसके लिए हमें हमारे निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करना होगा, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना होगा। इसके साथ-साथ पेड़ पौधे को लगाना होगा। जंगल की कटाई हमें बंद करनी होगी। औद्योगिकरण जब हम करते हैं तो उन कारखानों में से जो गैसें निकलती है वह गैसेस किस प्रकार की होती है और उसे पृथ्वी पर क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं इसकी जानकारी हमें रखनी होगी और उन दुष्परिणामों को रोकना होगा।
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पृथ्वी पर का वातावरण हमेशा बदलता रहता है और इसका परिणाम मानव पर भी होता है। छोटे बच्चे युवा और विरुद्ध जो होते हैं उन्हें अनेक प्रकार के रोग हो जाते हैं। कई बार वह उस रोग से लड़ने के लिए तैयार नहीं होते। इसका असर सिर्फ मनुष्य पर ही नहीं वन्य पशुओं पर और जल में जो मछलियां रहती है पशु रहते हैं उन पर भी होता है। क्योंकि वातावरण हमेशा बदलता रहता है यह जो पशु है वह उसे वातावरण के साथ घुलमिल नहीं जाते उसे टॉपिक इसीलिए उनके शरीर पर भी इसका परिणाम होता है। कभी-कभी कई जीव इसकी वजह से नष्ट भी हो जाते हैं।
ग्लोबल वॉर्मिंग इस समस्या को हमें जानना चाहिए और इस पर उपाय करने चाहिए। अभी भी हमारे पास बहुत वक्त है। इस वक्त का सही उपयोग हमने अगर नहीं किया तो यह जो समस्या है वह बहुत बड़ा रूप धारण कर लेगी और हमें इसमें से निकलना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
Related Article: क्या सोशल मीडिया जन बाजार पत्रकारिता के तरीकों और सूचनाओं का लोकतंत्रीकरण करके आतंकवाद को सक्षम बनाता है?