On this page we have given a article on Debate in Hindi for Students. The name of the topic is क्या जानवरों को चिड़ियाघर में रखना सही है?
Debate – क्या जानवरों को चिड़ियाघर में रखना सही है?
आजकल बहुत सारी चिड़ियाघर हमारे आसपास होते हैं। बड़े-बड़े शहरों में बड़े-बड़े चिड़ियाघर देखने मिलते हैं। चिड़ियाघर में बहुत सारे पशु और पक्षी होते हैं। राजा महाराजा भी अपने जमाने में पशु पक्षी अपने महल में रखते थे। राजा महाराजाओं को पशु पक्षियों का पालन करने का तथा जंगल में जाकर पशु पक्षियों की शिकार करने का शौक होता था। अगर एक राज्य से दूसरे राज्य संदेश भेजना हो तो कबूतरों के द्वारा संदेश भेजा जाता था। ऐसे ही अगर राजा को सवारी करनी है तो घोड़े का उपयोग किया जाता था इस वजह से राजा महाराजाओं ने एक जंगली जानवरों को या पक्षियों को अपने महल में रखा था।
हमें पाठशाला में यह सिखाया जाता है कि गाय, भैंस, बैल, कुत्ता, बकरी, बिल्ली यह पालतू जानवर है और सिंह, शेर, हिरण, ऊंट यह सारी जंगली जानवर है। यह सारे जंगली जानवर जंगल में रहते हैं। लेकिन आजकल यही जानवर चिड़िया घर में हमें दिखाई देते हैं। चिड़ियाघर में उन्हें बंद करके रखा जाता है। इस चिड़िया घर में पशुओं के साथ-साथ पक्षी भी रहते हैं। जहां पर सिर्फ पक्षियों का पालन किया जाता है उसे पक्षीघर कहते हैं लेकिन जहां पर पशु और पक्षी दोनों एक साथ रहते हैं उसे चिड़ियाघर कहा जाता है।
जब चिड़िया घर बनाया जाता है तब जंगली जानवर और पक्षी वहां पर रह सकते हैं ऐसी सुविधा बनाई जाती है। छोटे बच्चों के लिए यह चिड़ियाघर बहुत फायदेमंद होता है। उनको उन्होंने जो किताब में पशु पक्षियों की चित्र देखे हुए होते हैं उन जानवरों की सही जानकारी उन्हें चिड़ियाघर में जाकर मिलती है। इस चिड़िया घर में जानवरों की बहुत अच्छे से सुरक्षा भी की जाती है। आज भी कई लोग जानवरों की शिकार करते हैं। जानवर चिड़ियाघर में रहते हैं सुरक्षित रहते हैं। इन जानवरों की वजह से बच्चों का ज्ञान तो बढ़ता ही है लेकिन इसके साथ-साथ उनका मनोरंजन भी होता है। चिड़ियाघर के जो कर्मचारी होते हैं भी बच्चों को चिड़ियाघर की वहां पर रहने वाले पशु पक्षियों की जानकारी देते हैं। वे जंगल में कैसे रहते हैं? किस जानवर को कौन सा खाना खिलाया जाता है? उन्हें कहां रहना पसंद है? किस तरह से रहना पसंद है? यह सब बातें वहां के कर्मचारी बच्चों को बताते हैं।
इन जानवरों को पर्यावरण में रहना पसंद होता है। उनका अपना एक रहने का तरीका होता है। उसी की उनको आदत होती है। अगर हमें कैद में रखा जाए तो हमें कैसे लगेगा? हम चौबीसों घंटे इस अवस्था में नहीं रह सकते। लेकिन हम जानवरों को कैद में रखते हैं। इस वजह से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। उन्हें जंगलों में रहने की आदत होती है। उनकी अपनी एक दिनचर्या होती है। लेकिन कैद में रहने की वजह से इन सब में बदलाव आता है। जंगल में घूमने अपना खाना खुद ही ढूंढ लेना और अपने आवास में जाकर शांति से रहना यह सब उनको पसंद है। हम उन्हें चिड़ियाघर में सुरक्षित तो रखते हैं लेकिन इस वजह से उनकी स्वतंत्रता छीन ली जाती है। जंगल ही उनके नाइसर की घर है। इस वजह से वह अपनी शक्ति का उपयोग भी नहीं कर सकते। कई जानवरों को पेट भरने के लिए शिकार करना पसंद होता है। में अपना खाना खुद ही ढूंढ लेते हैं। लेकिन चिड़ियाघर में यह संभव नहीं होता। वहां के कर्मचारी जो उनका खाना देते हैं वही उनका खाना पड़ता है। इस वजह से वह अपनी शक्तियों का उपयोग नहीं कर सकते। उनमें जो शक्तियां होती है उन शक्तियों का उनको विस्मरण हो जाता है। उनमें स्वास्थ्य संबंधी भी समस्याएं निर्माण होने लगती है। अगर जंगल में कोई भी प्राणी बीमार पड़ता है तो उनको उसे बीमारी पर कौन सी औषधि यह लगती है इसकी जानकारी होती है। वह अपनी औषधि या ढूंढ लेते हैं। लेकिन जब उन्हें कैद करके चिड़ियाघर में रखा जाता है तो इन औषधीय की उपलब्ध नहीं होती। इसलिए उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
कई बड़े-बड़े लोग अपने स्वार्थ के लिए मतलब व्यक्तिगत और राजनीतिक उपयोग के लिए चिड़ियाघरों की निर्मित करते हैं और उनमें इन पशु पक्षियों को कैद करके रखते हैं। उन्हें बहुत सारी सुविधा तू मिलती है लेकिन इसके बदले उनको उनकी स्वतंत्रता होनी पड़ती है। जंगल में जो शिकारी होते हैं उनसे यह जानवर बच जाते हैं लेकिन चिड़ियाघर की कैद में है रहना पड़ता है।
आजकल हमें यह सुनने के लिए मिलता है कि कई जानवर किसने की खेती में घुस जाते हैं। उनकी खेती तहस-नहस कर देते हैं। लेकिन हम लोग यह बात नहीं समझ पाते की हम उनके घर में रह रहे हैं। हमने अपने विकास के हेतु जंगल तोड़ दिए है। इस वजह से जानवरों को खाना नहीं मिलता इसलिए वह अपने खाने के शोध में खेती की तरफ आ जाते है और खेती तहस-नहस कर देते हैं। इस वजह से भी जानवरों को चिड़ियाघर में रखा जाता है। कई लोग कहते हैं कि पशु पक्षियों की संख्या कम हो रही है। इस वजह से उन्हें चिड़ियाघर में रखना चाहिए और उनके प्रजनन ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह बात तो सही है लेकिन उनकी संख्या इस वजह से कम हो रही है क्योंकि हम पशु पक्षियों की शिकार करते हैं। चिड़ियाघर में रखना मतलब उनकी स्वतंत्रता छीन लेना होता है।
हमें पशु पक्षियों की संख्या बढ़ानी है तो पहले जंगलों की निर्मिती करनी होगी। मानव अपने विकास के लिए जो जंगल तोड़ देता है उसे पर रोक लगानी होगी। पशु पक्षियों की जो शिकार की जाती है उसे पर बिंदी लगानी होगी उसके लिए कुछ कायदे कानून की निर्मिती करनी होगी तभी पशु पक्षी अपने जंगल में सुरक्षित रहेंगे वे मानव के तकलीफ का कारण नहीं बनेंगे।
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