Chhattisgarh State Class 6 Hindi Chapter 13 आलसीराम Solution
Chhattisgarh State Board Class 6 Hindi Chapter 13 आलसीराम Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
आलसीराम
1.) अंगद का नाम आलसीराम क्यों पड़ा?
अंगद जहा पर बैठ जाता वही पर बैठा ही रहता कभी किसी के चौराहे पर सोता, तो घर पर भी सोया हुआ ही मिलता। इसीलिए उसका नाम आलसीताम पड़ा
2.) अंगद की पत्नी अपने बच्चों का पालन-पोषण कैसे करती थी?
अंगद की पत्नी अपने बच्चों का पालन-पोषण गांव का कुटना – पिसना करके मतलब घर के काम करके भरती थी।
3.) अंगद को बदलने के लिए उसकी पत्नी ने कौन कौन सी तरकीब अपनाई
अगर अंगद घर आता है तो उसकी पत्नी उसे घर में में नहीं लेती थी। अगर वो गरम हो तो उसे खाना नही दिया जाता। ऐसे तरकीब अंगद को बदलने के लिए उसकी पत्नी ने अपनाई।
4.) कोचरू पटेल के खेत में कौन-सी घटना घटी?
कोचरू पटेल के खेत से पूरनमासी के रात में खीरा चोरी कर लिया गया और कई दिनों बाद उसीके खेत से कलिंगर चोरी हो लिए।
5.) ठेठवार की बातों का लोगों ने विश्वास क्यों नहीं किया?
अंगद की पत्नी गांव के लोगों को बताया के अंगद तीन दिन से घर नहीं आया है। तो वह चोरी कैसे कर सकता है। इसीलिए लोगों ने ठेठवार की बातों का विश्वास नहीं किया।
6.) किस घटना ने अंगद को चोर सिद्ध कर दिया?
अंगद जब कलिंगर चुरा रहा था तब वो बोला कि, ओ भई कलिंदर, तुम सुंदर हो, पक चुके हो, खा लूँ क्या दो-चार ? एक क्या खाओ न हजार इस घटना ने अंगद को चोर बना दिया।
7.) पंचों ने अंगद को क्या सजा दी ?
अंगद ने जो चोरी कि थी। इस बात के लिए पंचों ने उसे रस्सी से बांधा और एक कुएं में उतारा और डुबकियां लगाई यह सजा अंगद को दी गई।
8.) सजा मिलने के बाद अंगद के जीवन में क्या बदलाव हुआ?
अंगद ने अब नई शुरवात की थी। पंचों ने उसे जब सजा दी उसके बाद अंगद ने अपने आपको पूरा बदल दिया। उसने काम करना पैसे कमाना शुरू किया।
9.) निम्नलिखित कथनों का आशय स्पष्ट कीजिए।
क.) अंगद अंगद ही था।
अंगद आलसी था जहा पर भी जाता वही बैठ जाता था। या फिर सो जाता था। गांव मे सिर्फ उसीकेे चर्चे थे। इसीलिए सभी जगह अंगद अंगद ही था। ऐसा कहा गया।
ख.) अंगद था कि राग-द्वेष से परे जिए चला जा रहा था।
अंगद आलसी था। उसे उसकी बीवी ने घर के बाहर निकला। घर में रहते हुए भी उसे खाना नहीं दिया। लेकिन अंगद को कोई फर्क नहीं पड़ा। इसलिए अंगद था कि राग द्वेष करें जा रहा था ऐसा कहा है।
ग.) वह भूतकाल को भूल गया और जुट गया था स्वर्ग बनाने अपनी धरती को ।
जब पंचों ने अंगद को सजा दी उसके बाद अंगद पूरी तरह से बदल गया। वह काम में लग गया। वह दिन-रात काम करने लगा। पैसे कमाने लगा। इसीलिए बहुत भूतकाल को भूल गया और जुड़ गया था स्वर्ग बना ने अपनी धरती को ऐसा कहा गया है।
घ.) अंगद के पीछे काफी नजरें लगी होतीं ।
अंगद कुछ भी काम नहीं करता था जहां जाता वहीं पर ही बैठ जाता। कभी-कभी चौराहे पर सो जाता। सभी लोग उसे देखते रहते। सभी के मुंह हमने उसी की बातें चलती रहती। इसीलिए अंगद के पीछे काफी नजरें लगी होगी ऐसा कहा है।
पाठ से आगे
1.) अंगद की पत्नी बच्चों की देखभाल करती थी। अपने परिवार व बच्चों की अकेले देखभाल करने वाली महिलाओं को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है? अपने घर तथा आस-पास रहने वाली माताओं-बहनों से इस समस्या पर बातचीत कर लिखिए।
अपने परिवार वह बच्चों की जो महिलाएं दे अकेले देखभाल करती है उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सभी कामों का बोझ उनके ऊपर ही होता है। बच्चों की देखभाल करना कोई सहज बात नहीं है। उसमें बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं। ऐसे ही बाहर का काम करना घर का काम करना दोनों काम जब महिलाओं के ऊपर आते हैं तब वह परेशान हो जाती हैं। वक्त का अच्छी तरह से विभाजन करना पड़ता है। घर का खाना भी बनाना पड़ता है, बच्चों को पढ़ाना भी पड़ता है।
2.) आलसी व्यक्ति अपने परिवार व समाज पर किस प्रकार बोझ होता है, साथियों से चर्चा करके लिखिए।
आलसी व्यक्ति घर में और बाहर कोई भी काम नहीं करता। वह बस घर पर रहता, है बाजार घूमता है और वापस घर जाकर सो जाता है। इसके अलावा उसके पास कोई भी काम नहीं होता। वह कुछ भी नहीं कमाता इसलिए घर के बाकी लोगों के ऊपर घर के खर्चे के खर्चे का बोझ आ जाता है। जब वह व्यक्ति बाहर घूमता रहता है तब जो व्यक्ति काम करते हैं उनसे बातचीत करता है और उनका टाइम बर्बाद करता है। इस प्रकार आलसी व्यक्ति अपने परिवार में समाज पर बोझ होता है।
3.) अंगद द्वारा काम करना प्रारंभ करने से उसके परिवार में क्या परिवर्तन आए होंगे?
जब अंगद ने काम करना शुरू किया तब वह दिन रात मेहनत करने लगा तब उसके पत्नी के ऊपर की जिम्मेदारी कम हो गई। उसे बहुत आनंद हुआ। उनके बच्चे भी बहुत खुश रहने लगे।
4.) अंगद की सजा को गुप्त रखने के क्या कारण होगे?
अंगद की सजा गुप्त इसीलिए रखी गई के अगर वो सजा सबके सामने बता देते तो अंगद उस सजा से बचने के लिए कोई न कोई बहाना बना लेता।
भाषा से
1.) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
पेट पालना- भरण पोषण करना।
पापा जाने के बाद छाया दीदी ने ही घर में सबका पेट पाला है।
राह देखना-इंतजार करना
आज दूर देश से भैया आ रहे हैं। मै उनकी राह देख रहा हूं।
दंग रह जाना- आश्चर्य होना।
मुंबई में आई बाढ़ देख मैं दंग रह गया।
सिर नीचा करना- शर्म आना
परीक्षा में कम अंक मिलने से रामू का सिर नीचे हो गया।
2.) इस लोककथा में दो लोकोक्तियों का प्रयोग हुआ है ‘यथा नाम तथा गुण अ ‘न जेठ में सूखे, न भादों में हरे इनका अर्थ लिखिए और उचित प्रसंगों में इन वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
‘यथा नाम तथा गुण – जैसा नाम वैसा काम
विद्या यथा नाम तथा गुण जैसी है।
‘न जेठ में सूखे, न भादों में हरे- जिसका प्रभाव न पड़े
अंगद न जेठ में सूखे, न भादों में हरे ऐसा था।
3.) नीचे लिखे शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए ।
राग- विराग
अँधियारी- उजाला
मोल- बेचना
स्वर्ग – नरक
वर्तमान – भूत
4.) खेद को पैदा करने वाले के लिए खेदजनक शब्द का प्रयोग करते हैं। इसी प्रकार नीति से युक्त को नीतियुक्त बुद्धि से हीन को बुद्धिहीन, राजा का दरबार को राजदरबार, कार्य में परायण को कार्यपरायण लिखा जाता है। इस तरह से बने पद सामासिक पद कहलाते हैं।
नीचे लिखे सामासिक शब्दों का विग्रह कीजिए ।
ध्यानमग्न- ध्यान में मग्न – तत्पुरुष समास
स्नानगृह- जहा स्नान करते हैं वो घर – तत्पुरुष समास
धर्मशाला- धर्म की शाला – तत्पुरुष समास
भूतकाल- बिता हुआ वक्त – तत्पुरुष समास
विश्रामगृह- विश्राम किया जाता है ऐसा घर – तत्पुरुष समास
संसदभवन- जहा संसद हो ऐसा भवन – तत्पुरुष समास
मर्यादाहीन- मर्यादा से हीन – तत्पुरुष समास
भाग्यहीन- भाग्य से हीन – तत्पुरुष समास
मंदभाग्य- जिसका भाग्य मंद हो ऐसा – बहुब्रिही समास
5.) ‘श्रम का महत्ता’ विषय पर दस वाक्य लिखिए इस पाठ से आपको क्या संदेश मिलता है ?
हमे अपने जीवन में श्रम करते रहना चाहिए। आलसी होने से हमारी प्रगति नहीं होती। मेहनत करने से हमारी प्रगति होती रहती है। हमारा जीवन आगे बढ़ता है। जब हम श्रम करते है तो हम तंदुरुस्त रहते है। नही तो हम आलसी हो जाते है। जब हम कष्ट, मेहनत करते है तो हमें कुछ न कुछ कर दिखाने की क्षमता निर्माण होती है। है हमारा लक्ष्य तय कर पाते है। मेहनत करके कठिनाइयों को दूर करके हम लक्ष्य तक पहुंचते है। और हम अपनी जिंदगी में सफल होते है।
6.) आलसीराम’ लोक-कथा का सारांश पन्द्रह वाक्यों में लिखिए ।
अंगद अपने नाम के जैसा आलसी था दिन भर यह वहा गुजर लेता। कोई भी काम नहीं करता। उसकी पत्नी बहुत घर के काम कर लेती और अपना गुजारा कर लेती। अंगद को रास्ते पर लाने के लिए उसने भूत सारे उपाय किए लेकिन कुछ भी न काम कर सका। अंगद तीन दिन घर नही आया था। ठेठवार उसके घर पे पूछने गया था तब पता चला के अंगद तीन दिन से घर ही नहीं आया है।
कोचरु पटेल के बाड़ी में चोरी हुई थी। तब वह पर अंगद की आवाज सुनी। सबको यकीन हो गया की यह अंगद का जी काम है। उसके बाद पंचों की बैठक हुई और उसमे अंगद चोर साबित हो गया । उसे सजा दी गई।
इसके बाद अंगद में काफी बदलाव आ गया। वह दिन रात मेहनत करने लगा।