PSEB Punjab Board Class 8 Hindi Textbook Solution Chapter 7 श्री गुरु गोविंद सिंह जी Exercise Questions and Answers
PSEB Punjab Board Class 8 Hindi Textbook Solution Chapter 7 श्री गुरु गोविंद सिंह जी Exercise Questions and Answers, Grammar, Writing.
अभ्यास
क) भाषा बोध
1) शब्दार्थ
दशम = दस
तेजस्वी = शक्तिशाली
अल्प अवस्था = छोटी आयु
मैत्री = मित्रता
निधन = स्वर्गवास
दुर्लभ = जिसका मिलन कठिन हो
बलात् = बलपूर्वक
आक्रमण = हमला
कृपाण = छोटी तलवार
नेतृत्व करना = अगुवाई करना
2) मुहावरों और लोकोक्तियों का वाक्य में प्रयोग करें।
1) छक्के छुड़ाना
उत्तर- सचिन की गेंदबाजी ने विरुद्ध टीम के छक्के छुड़ा दे।
2) होनहार बिरवान के होत चिकने पात
उत्तर- सचिन अपने सभी कामों में होनहार होने की वजह से वह होनहार बिरवान के होत चिकने पात।
3) काम तमाम करना
उत्तर- चाकू के वार से ही सेब का काम तमाम हो गया।
4) हिम्मत ना हारना
उत्तर- चाहे कितनी भी मुश्किल आ जाए मेरी मां कभी भी हिम्मत न हारती।
5) वीरगति को प्राप्त होना
उत्तर- युद्ध में सैनिकों को वीरगति प्राप्त होती है।
6) तलवार के घाट उतारना
उत्तर- युद्ध में संभाजीने शत्रु को तलवार के घाट उतार दिया।
7) खूब फलना फूलना
उत्तर- दादी मां ने मुझे आशीर्वाद दिया कि खूब फूलो फलो ।
8) बीड़ा उठाना
उत्तर- स्वतंत्र सेनानियों ने देश को स्वतंत्र करने का बीड़ा उठा लिया था।
9) मौत को गले लगाना- सैनिकों ने अपने देश को बचाने के लिए मौत को गले लगाया।
10) ईट से ईट बजाना
उत्तर- युद्ध में सैनिकों ने क्षेत्रों की ईट से ईट बजाई।
11) प्राण फूंक देना
उत्तर- दासी गुरुजी की सेवा में प्राण फूंक दे दी है।
12) जान से खेलना
उत्तर- आग से खेलना मतलब जान से खेलना।
ख) विषय बोध
1) इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो अंखियों में लिखे।
क) भारतीय इतिहास में गुरु गोविंद सिंह जी का नाम क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर- भारतीय इतिहास में गुरु गोविंद सिंह जी का नाम उनके त्याग, बलिदान के कारण प्रसिद्ध है।
ख) गोविंद राय ने पिता को बलिदान के लिए प्रेरणा क्यों दी?
उत्तर- गोविंद राय ने अपने पिता को बलिदान के लिए प्रेरणा दी, क्यों कि उनका बलिदान हिंदू धर्म की रक्षा के लिए होगा, इसलिए प्रेरणा दी।
ग) गुरुजी की प्रतीक खेल क्या-क्या थी?
उत्तर- गुरु गोविंद सिंह के बचपन के प्रिय खेल घुड़सवारी करना , हथियार चलाना और अपने साथियों की दो टोलियां बनाकर नकली युद्ध करना यह खेल प्रिय थे।
घ) पाउंटा शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर – पाउंटा शब्द का अर्थ होता है पांव टिनाना।
ड) गुरुजी ने सेना को सजाई ?
उत्तर- धर्म की रक्षा और औरंगजेब के अत्याचारों का सामना करने के लिए गुरुजी ने सेना सजाई थी।
च) जफरनामा के विषय में आपका आप क्या जानते हैं?
उत्तर- गुरु गोविंद सिंहजी ने निडर होकर फारसी में पत्र औरंगजेब को लिखा था उसे जफरनामा कहते हैं।
2) इन प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्य में लिखें।
क) गोविंद राय का बचपन ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’ कहावत को कैसे चरितार्थ करता है?
उत्तर- गुरु गोविंद सिंह जी बचपन से ही होनहार बालक थे, वह बाल्यावस्था में उनके गुणों से सभी को प्रभावित करते थे। उनकी महानता के गुण बचपन में ही झलकने लगे , उन्हें बचपन में तलवार चलाना, घुड़सवारी करना और युद्ध खेलना आदि खेल पसंद थे। गुरु गोविंद सिंह ने अपने बचपन में अपने पिताजी को बलिदान देने की प्रेरणा दी थी। गुरु गोविंद सिंह जी की कई विशेषताओं को देखते हुए या लौकोक्ती उन पर पूर्णतया चरितार्थ होती है।
ख) बुझने खालसा पंथ की स्थापना कैसे की?
उत्तर- संत 1699 वैशाखी के पर्व पर गुरु गोविंद राय ने आ आंदपुर साहब मे दरबार सजाया और उस दरबार में उन्होंने बलिदान के लिए पाच शिष्योकी मांग की। उस सभा में से पाच शिष्य बलिदान के लिए चुने गए और शिष्योको अमृत छकाया तथा उन्हें पांच ककार धारण कराए। उसके बाद उन तीनों को सजाया और फिर स्वयं उनसे अमृत छकाया। इस तरह अन्याय तथा अत्याचार का डरकर विरोध करने लिए लगे। इस तरह गुरु जी ने खालसा पंथ की स्थापना की।
ग) “इन पुत्रन के सीस पर वार दिए सूत चार
चार मुए तो क्या भया, जीवित कई हजार” इन पंक्तियों का क्या भाव है?
उत्तर- “इन पुत्रन के सीस पर वार दिए सूत चार
चार मुए तो क्या भया, जीवित कई हजार” इन पंक्तियों का यह भाव है कि, गुरु गोविंद सिंह कहते कि मेरे हजारों शिष्य पुत्रों के समान है। इन चार पुत्र का बलिदान मेरे हजार शिष्य के लिए है, चार पुत्र मर भी गए तो क्या गम है जबकि इनके बलिदान से मेरे कई हजार पुत्र जीवित है.
घ) ‘सूभ कर्मन से कबहु न टरौ’ पंक्ति का क्या भाव है?
उत्तर- गुरु गोविंद सिंह जी मानवतावादी स्वभाव के थे वह जीवन में आने वाली मुसीबतों और कठिनाइयों से कभी भयभीत न होते थे, उनका डटकर सामना करते थे। गुरु गोविंद सिंह धर्म और जाति की रक्षा के लिए सदा आगे रहते थे। इसलिए इस पंक्ति का यह भाव बताया गया है कि, जीवन में आने वाले शुभ कार्यों को पूरा करने के लिए कभी भी भयभीत नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि वह सदा जाति और धर्म के लिए श्रेष्ठ कार्य करते रहे।
ड) ” मैं हूं पुरख आसा, देखन आयो जगत तमासा” पंक्तियो का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर- ” मैं हूं पुरख आसा, देखन आयो जगत तमासा” इन पंक्तियों के द्वारा उनका कहना था की, वह परमात्मा के दास है और परमात्मा द्वारा रचे गए संसार रूपी इस तमाशे को देखने के लिए ही वह धरती पर आए हैं। गुरु गोविंद सिंह कहते थे संसार की सुंदरता, बदसूरती, अच्छाई , बुराई, सच, झूठ, प्रेम आदि एक तरह का तमाशा ही है जो परमात्मा हमें दिखाते हैं। गुरु गोविंद सिंह एक महान आत्मा होते हुए भी वह धरती पर एक सामान्य व्यक्ति की तरह रहे हैं और परमात्मा के तमाशे ही देखें।
च) गुरु गोविंद सिंह जी का व्यक्तित्व अलौकिक था, स्पष्ट करें।
उत्तर- गुरु गोविंद सिंह एक महान आत्मा थे जो धर्म, जाति और देश के लिए अपने युग को दिशा ही नहीं दिखाते बल्कि खुद भी तलवार हाथ में थाम कर इंसानियत के शत्रु के साथ दो-दो हाथ करते थे। वह खुद एक महान वीर थे और उन्होंने कायरों को भी वीरता का पाठ पढ़ा दिया और जो वीर है उन्हें शेर की तरह बहादुर बनाया। गोविंद सिंह का अलौकिक इतना मजबूत था कि उन्होंने अपने दम पर धर्म, जाति और राष्ट्र को नया जीवनदान दिया।
ग) व्यावहारिक व्याकरण।
1) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें।
1) जो विश्वास के योग्य हो
उत्तर- विश्वसनीय
2) जो निडरता से कार्य करें
उत्तर- निडर
3) जो कभी ना मरे
उत्तर- अमर
4) आक्रमण करने वाला
उत्तर- आक्रमणकारी
5) धर्म से संबंधित
उत्तर- धार्मिक
6) दूर की सोचने वाला
उत्तर- दूरदर्शी
7) जो घोड़े की सवारी करें
उत्तर- घुड़सवार
8) जानने की इच्छा रखने वाला
उत्तर- जिज्ञासु
2) निम्नलिखित समास का विग्रह करके समास का नाम बताएं।
शस्त्र विद्या = —————–
धर्म परिवर्तन = —————–
महापुरुष = —————–
पुत्र इच्छा = —————–
युद्ध सामग्री = —————–
भयभीत = —————–
पंजाब = —————–
उत्तर-
शस्त्र विद्या = शस्त्र की विद्या
समास- संबंध तत्पुरुष समास
धर्म परिवर्तन = धर्म का परिवर्तन
समास- संबंध तत्पुरुष समास
महापुरुष = महान है पुरुष जो
समास- कर्मधारय समास
पुत्र इच्छा = पुत्र की इच्छा
समास- संबंध तत्पुरुष समास
युद्ध सामग्री = युद्ध के लिए सामग्री
समास- संप्रदान तत्पुरुष समास
भयभीत = करण तत्पुरुष समास
पंजाब = पांच आबो का समूह
समास – द्विगु समास
3) संधि विच्छेद करें।
1) अत्याचारी = ——————
उत्तर- अति + आचारी
2) युवावस्था = —————–
उत्तर- युवा + अवस्था
3) अल्पावस्था = —————–
उत्तर- अल्प + अवस्था
4) भाषानुवाद = —————–
उत्तर- भाषा + अनुवाद
5) रामायण = —————–
उत्तर- राम + आयन
6) दुर्लभ = —————–
उत्तर- दू: + लक्ष
7) विधाभ्यास = —————–
उत्तर- विधा + अभ्यास
8) सम्मान = —————–
उत्तर- सम + मान
4) विशेषण बनाएं।
साहित्य + इक = ——-
उत्तर- साहित्यिक
संप्रदाय + इक = ——-
उत्तर- सांप्रदायिक
धर्म + इक = ——-
उत्तर- धार्मिक
संस्कृति+ इक = ——-
उत्तर – सांस्कृतिक
साहस + इक = ——-
उत्तर- साहसिक
स्वभाव + इक = ——-
उत्तर- स्वभाविक
5) प्रहार और प्रशिक्षित में ‘प्र’ उपसर्ग है, निर्जीव में ‘निर’ और दुर्लभ में ‘दूर’ उपसर्ग है, इन तीनों उपसर्गों का प्रयोग करते हुए पांच पांच शब्द लिखें।
उत्तर-
‘प्र’- प्रगति, प्रलभ, प्रत्यक्ष, प्रवृत्ति , प्रह
‘निर’- निर्जल, निलौभ, निर्मय, निर्बल, निवेद
“दूर’- दुर्गम, दुराचार, दुर्लभ, दुर्दशा, दुर्जन
Also See: Previous Chapter मुंह बोले बेटे Solution