PSEB Punjab Board Class 8 Hindi Textbook Solution Chapter 1 कोई नहीं बेगाना Exercise Questions and Answers
PSEB Punjab Board Class 8 Hindi Textbook Solution Chapter 1 कोई नहीं बेगाना Exercise Questions and Answers, Grammar, Writing.
क) भाषा बोध
1) शब्दार्थ
गर्जना- गरजने की क्रिया, तीव्र आवाज
वीर बॉकुरे- बहादुर जवान
मशक- भेड या बकरी की खाल को सीकर बनाया हुआ थैला जिसमें भिश्ती पाणी ढोते हैं
समदृष्टी- सबको बराबर समझना
बेगाना- पराया, अनजान
मेहर- कृपा
सेवारत- सेवा में लीन
2) अर्थ समझते हुए वाक्य में प्रयोग करें।
घमासान ————–
उपहार ————–
समदृष्टी ————–
उपकार ————–
उपचार ————–
दुख हरना ————–
जीवनदान ————–
जान बचाना————–
उत्तर–
घमासान ————–
अर्थ- भीषण, घोर
वाक्य में प्रयोग- महाभारत काल में घमासान युद्ध हुआ करते थे।
उपहार ————–
अर्थ- भेट,
वाक्य में प्रयोग-मुझे मेरे जन्मदिन पर सभी ने उपहार दिए।
समदृष्टी ————–
अर्थ- समता
वाक्य में प्रयोग- हमारी सब की समदृष्टी ही समाज को ऊंचा उठा सकेगी।
उपकार ————–
अर्थ- एहसान
वाक्य में प्रयोग- मेरे कठिन दिनों मुझ पर मेरे दोस्तों ने कई उपकार कीए
उपचार ————–
अर्थ- इलाज
वाक्य में प्रयोग- आजकल उपचार करने के लिए सभी शहरों में अच्छी से अच्छी व्यवस्था है।
दुख हरना ————–
अर्थ- दुख दूर करना
वाक्य में प्रयोग- ईश्वर हम सभी के दुख हर देता है।
जीवनदान ————–
अर्थ- जिंदा छोड़ देना
वाक्य में प्रयोग- डॉक्टर हमारा इलाज कर हमें जीवन दान देते हैं।
जान बचाना————–
अर्थ- किसी को मरने से बचाना
वाक्य में प्रयोग- घायल कुत्ते को मरहम पट्टी कर उसकी जान बचाई।
ख) विचार बोध
1) इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें
क) भाई कन्हैया कौन था?
उत्तर- भाई कन्हैया गुरु घर के एक सेवादार थे और गुरु गोविंद सिंह जी के शिष्य थे।
ख) भाई कन्हैया घायलों की सेवा किस प्रकार करते थे ?
उत्तर- भाई कन्हैया युद्ध में घायल हुए सैनिकों को पानी पिलाकर प्यास बुझाते थे, इस प्रकार सेवा करते थे भाई कन्हैया।
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ग) भाई कन्हैया अपनी और बेगाने का भेदभाव क्यों नहीं करता था?
उत्तर- क्योंकि भाई कन्हैया को सभी मनुष्यों में ईश्वर दिखाई देते थे इसलिए भाई कन्हैया कभी-कभी अपने और बेगाने में भेदभाव नहीं करते थे.
घ) विरोधियों ने दशमेश पिता से उसकी क्या शिकायत की ?
उत्तर- विरोधियों ने दशमेश पिता से भाई कन्हैया की यह शिकायत कि, वह घायल युद्ध में घायल पड़े मुसलमान सैनिकों को भी जला देता है और जिस वजह से उनकी जान बच जाती है और इस वजह से सीख सैनिकों की युद्ध में की मेहनत बेकार जाती है।
ड) भाई कन्हैया ने गुरु जी को शिकायत का क्या उत्तर दिया ?
उत्तर- भाई कन्हैया ने गुरु जी को शिकायत करने पर यह उत्तर दिया कि मुझे सभी मनुष्य में गुरु जी का रूप दिखाई देता है जिस वजह से मेरे लिए कोई भी पराया नहीं है।
च) गुरुजी ने भाई कन्हैया को मरहम क्यों दी ?
उत्तर- गुरुजी जानते थे कि भाई कन्हैया स्वभाव से बहुत अच्छे हैं अगर मैंने भाई कन्हैया को मरहम दिया तो वह युद्ध में घायल की मरहम पट्टी कर उनकी जान बचाएगा इसलिए गुरु जी ने भाई कन्हैया को मरहम दे दी थी।
2) इन काव्य पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें।
” अव्वल अल्लाह नूर वही है, कुदरत के सब बंदे
सब जगह फैला नूर उसी का, कौन भले कौन मंदे ”
उत्तर- भाई कन्हैया का कहना था कि सभी मनुष्य ईश्वर की संतान है, सभी को समान समझना चाहिए। कोई एक अच्छा और कोई बुरा नहीं होता सभी समान है। जब ईश्वर ने यह सृष्टि बनाते समय किसी से भेदभाव नहीं किया तो हम भेदभाव करने वाले कौन होते हैं? हम सभी को सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए, किसी को भी धर्म और जाति के आधार पर बाटना नहीं चाहिए।
ग) व्यावहारिक व्याकरण
1) ‘उप‘ और ‘बे‘शब्दांश लगाकर नए शब्द बनाए
उप+हार = उपहार
उप+ वास = ———–
उप+नयन = ———–
उप+हास = ———–
उप+कार = ———–
बे+रहम = ———–
बे+कायदा = ———–
बे+कसूर = ———–
बे+मेल = ———–
बे+शेक = ———–
बे+मिसाल= ———–
उत्तर–
उप+हार = उपहार
उप+ वास = उपवास
उप+नयन = उपनयन
उप+हास = उपहास
उप+कार = उपकार
बे+रहम = बेरहम
बे+कायदा = कायदा
बे+कसूर = बेकसूर
बे+मेल = बेमेल
बे+शेक = बेशेक
बे+मिसाल = बेमिसाल
2) गुरु लगाकर नए शब्द बनाए जैसे गुरुवाणी—-
उत्तर- गुरुकृपा, गुरुकुल, गुरुदास, गुरुप्रेम, गुरुदक्षिणा,
3) इन शब्दों के दो दो पर्यायवाची शब्द लिखें।
शत्रु —
युद्ध —-
धरत—-
पानी—-
उपहार—-
गुरु—-
दुख—-
मेहर—-
कृपा—-
नूर —-
हाथ —-
घाव —-
उत्तर–
शत्रु = अरि, दुश्मन
युद्ध = रण, लढाई
धरत= पृथ्वी, अवनि
पानी= नीरज, ग्रीष्म
उपहार= सौगात , भेट
गुरु = बडा, शिक्षक
दुख = कष्ट , पीडा
मेहर = दया, कृपा
कृपा = मेहर, दया
नूर = चमक, प्रकाश
हाथ = कर, हस्त
घाव = चोट , जख्म
4) विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखिए।
युद्ध = ———
दुख = ———
गुरु = ———
मुश्किल = ———
धरती= ———
शत्रू = ———
प्यास = ———
शिकायत = ———
उत्तर–
युद्ध = शांती
दुख = सुख
गुरु = शिष्य
मुश्किल = आसान
धरती = अंबर
शत्रू = मित्र
प्यास = तृप्त
शिकायत = सुलह