MP Board Class 7 Hindi Chapter 19 ज्ञानदा की डायरी Solution
Madhya Pradesh State Board Class 7 Hindi Chapter 19 ज्ञानदा की डायरी full exercise question answers. Every questions answer is prepared by expert Hindi teacher.
ज्ञानदा की डायरी
अभ्यास
बोध प्रश्न
1.) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) ज्ञानदा का चयन किस प्रतियोगिता के लिए हुआ था?
राज्यस्तरीय शालेय हॉकी प्रतियोगिता के लिए ज्ञानदा का चयन हुआ था।
(ख) ‘मौनिया’ नर्तक किस तरह नृत्य कर रहे थे?
‘मौनिया’ नर्तक हाथ में डंडे पकड़े हुए ढोलक और नगड़िया के ताल पर आपस में टकराते हुए नृत्य कर रहे थे।
(ग) ज्ञानदा को किस बात का दुःख था ?
ज्ञानदा की टीम मैच जीत गई थी लेकिन उसे एक बात का दुख था कि वह हाफ बैक की जगह पर खेल रही थी। उनके विरोधी सेंटर फारवर्ड खिलाड़ी गेंद लेकर उनके गोल की तरह बढ़े तो ज्ञानदा ने उसे रोकने के गलत तरीके से हॉकी स्टिक अड़ा दी जिससे वह गिर पड़ी और उसका घुटना छिल गया।
(घ) खेलों से हम कौन-कौन से गुण सीखते है?
खेल खेलने से हम सीखते हैं कि एक दूसरे का सहयोग करना, धैर्य से काम लेना, जीत हो या हार हो दोनों को समान रूप से अपना लेना, उदारता, अनुशासन यह गुण हम खेलों से सीखते हैं।
(ङ) कोच ने ज्ञानदा की तारीफ क्यों की?
कोच ने ज्ञानादा के सही जगह पर निर्णय लेने के गुण और सूझबूझ की तारीफ कर दी।
2.) खाली स्थान में उचित शब्द भरिए
(क) व्यक्तिगत उपलब्धि से अधिक टीम का हित………. होता है। (सर्वोपरि गौण)
उत्तर – व्यक्तिगत उपलब्धि से अधिक टीम का हित सर्वोपरि होता है।
(ख) मध्यप्रदेश में भोपाल को …. कहते हैं। (क्रिकेट का गढ़, हॉकी का गढ़)
उत्तर – मध्यप्रदेश में भोपाल को हॉकी का गढ़ कहते है।
(ग) भोपाल में प्रतिवर्ष…….. हॉकी मिन्टोजित किया जाता है।
( सिंधिया स्वर्ण कप, ओबेदुल्ला स्वर्णकप)
उत्तर – भोपाल में प्रतिवर्ष ओबेदुल्ला स्वर्णकप हॉकी मिन्टोजित किया जाता है।
(घ) हॉकी टीम में…………… खिलाड़ी होते हैं (पाँच, ग्यारह )
उत्तर – हॉकी टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते है।
(ङ) ज्ञानदा ने……….. पर गोल किया। (पेनाल्टी स्ट्रोक, पेनाल्टी कार्नर)
उत्तर – ज्ञानदा ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल किया।
सही विकल्प चुनिए-
1.) ‘हॉकी के जादूगर’ के नाम से प्रसिद्ध हैं।
(क) परगट सिंह
(ख) मेजर ध्यानचंद
(ग) धनराज पिल्लई
(घ) अजीतपाल सिंह
उत्तर – (ख) मेजर ध्यानचंद
2.) सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया-
(क) डांडिया नृत्य
(ख) गरबा नृत्य
(ग) मौनिया नृत्य
(घ) राई नृत्य
उत्तर – (ग) मौनिया नृत्य
3.) ज्ञानदा का चयन किस संभाग के लिए हुआ था-
(क) सागर
(ख) रीवा
(ग) ग्वालियर
(घ) भोपाल
उत्तर – (घ) भोपाल
4.) ज्ञानदा किस पोजीशन (स्थान) पर खेल रही थी-
(क) हाफ बैंक
(ख) सेन्टर फारवर्ड
(ग) राइट आउट
(घ) लेफ्ट इन
उत्तर – (क) हाफ बैंक
5.) ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ कब मनाया जाता है।
(क) 29 अगस्त
(ख)15 अगस्त
(ग) 26 फरवरी
(घ) 28 फरवरी
उत्तर – (क) 29 अगस्त
4.) उपर्युक्त खानों में दिए गए खेलों के नाम पर घेरा बनाइए। नाम आड़े व तिरछे किसी भी दिशा में हो सकते हैं तथा एक अक्षर दूसरे नाम में भी आ सकता है, नाम छाँटकर नीचे भी लिखिए। अन्य खेलों के नाम जो इस वर्ग में नहीं है, शिक्षक से पूछकर लिखिए।
जैसे – क्रिकेट
कैरम
टेबल टेनिस
कुश्ती
खो – खो
मुक्केबाजी
गोल्फ
कबड्डी
फुटबॉल
पोलो
भाषा अध्ययन
1.) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए-
नाम कमाना, झंडे गाड़ना, समा बाँधना, खूनपसीना बहाना, काँटे की टक्कर, ताकत झोंकना
नाम कमाना- चारों तरफ से प्रसिद्ध मिलना
झंडे गाड़ना- जीवन में सफल होना
समा बाँधना-.) मोहित कर लेना
खूनपसीना बहाना- मेहनत करना
काँटे की टक्कर- दोनों तरफ से बराबर का मुकाबला होना
ताकत झोंकना – शक्ति लगा देना।
ऊपर लिखे हुए मुहावरे इसी पाठ से लिए गए हैं। इनके प्रयोग वाले वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।
नाम कमाना –
भोपाल के कई खिलाड़ियों ने इस खेल में राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है।
झंडे गाड़ना –
ग्वालियर के शिवाजी पवार, शंकर-लक्ष्मण और क्रिस्टी ने भी हॉकी के क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपने नाम के झंडे गाड़े हैं।
समा बांधना –
यहाँ के लोकनृत्य ‘मौनिया ‘ ने तो जैसे समाँ ही बाँध दिया।
खून पसीना बहाना –
विपक्षी दल के खिलाड़ियों ने खूब पसीना बहाया, पर हमारी गोलकीपर रोजी ने अच्छा बचाव किया।।
कांटे की टक्कर –
सेमीफाइनल मैच में काँटे की टक्कर रही और अतिरिक्त समय देने के बाद भी मुकाबला एक-एक गोल की बराबरी पर छूटा।
ताकत झोंकना –
कल हमें जीतने के लिए अपनी सारी ताकत झोंकनी पड़ेगी।
2.) निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
प्रतीक्षा, संभागीय चयन, गौरव, चहल-पहल, स्वर्णपदक, जन्मदिवस, कौशल, आक्रामक ।
प्रतीक्षा-
आई स्कूल छुटने के बाद हमारी प्रतीक्षा करती रहती है।
संभागीय –
हर वर्ष स्कूल संभागीय खेलों का आयोजन करता है।
चयन –
खेलों के लिए बच्चों का चयन किया जाता है।
गौरव-
पाठशाला की तरफ से रामू का गौरव किया गया।
चहल-पहल-
हमारे घर में हमेशा ही बच्चों की चहल पहल रहती है।
स्वर्णपदक-
पाठशाला की तरफ से राधिका को स्वर्ण पदक मिला।
जन्मदिवस-
सभी के लिए अपना जन्म दिवस खास होता है।
कौशल-
ज्ञानदा ने खेलों में अपने कौशल दिखाएं।
आक्रामक –
हमेशा ही आक्रामक होना सही नहीं होता।
3.) कुछ शब्दों के अनेक अर्थ होते हैं। वे भिन्न-भिन्न प्रसंगों के अनुसार गृहीत होते हैं।
जैसा कि पानी – जल, कांति
प्रयोग (क) इस वर्ष झील में पानी कम है। (जल)
(ख) इस मोती का पानी चला गया है। (कांति)
इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ और उनके वाक्य प्रयोग लिखिए-
पत्र, पृष्ठ, लक्ष्य, जीवन
पत्र – संदेश, पत्ता
मामा के घर आज हमने पत्र भेज दिया।
इतिहास मे संदेश भुजपत्र पर लिखे जाते थे।
पृष्ठ – कॉपी का पृष्ठ, पीठ
रीना के कॉपी के पृष्ठ फटे हुए थे।
मां के पृष्ठ भाग में दर्द हो रहा था।
लक्ष्य – निशाना, उद्देश्य
हमारा लक्ष्य अचूक होना चाहिए।
हमें हमारा लक्ष्य तय करना चाहिए।
जीवन – पानी, आयुष्य
पानी ही जीवन है।
जीवन में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए।
4.) निम्नलिखित शब्दों से हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी के शब्द अलग-अलग छाँटकर तालिका में लिखिए-
सीनियर, संभागीय, टीम, वर्ग, स्पर्धा, ओलंपिक, टूर्नामेन्ट, राष्ट्रीय मदद, जूनियर रेल्वे स्टेशन, मैनेजर, दल, मुताबिक, ट्रेन, कैप्टन, जादूगर, खाना तरीका, शहीद, खूबसूरत, स्टेडियम, मार्चपास्ट, शपथ, शबनम, दर्द, मुकाबला।
हिंदी – संभागीय, वर्ग, स्पर्धा, राष्ट्रीय, मदद, दल, शपथ
उर्दू – मुताबिक, जादूगर, खाना तरीका, शहीद, खूबसूरत, शपथ, शबनम, दर्द, मुकाबला
अंग्रेजी – सीनियर, टीम, ओलंपिक, टूर्नामेन्ट, जूनियर, रेल्वे स्टेशन, मैनेजर, ट्रेन, कैप्टन, स्टेडियम, मार्चपास्ट
5.) ‘सागर’ तथा ‘अनुसार’ शब्दों से पूर्व अन्य शब्द जोड़कर दो-दो नवीन शब्द बनाइए तथा उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
उदाहरण- शोक + सागर =शोकसागर
वाक्य प्रयोग गांधीजी के निधन का समाचार सुनकर सारा देश शोक सागर में डूब गया।
रीति + अनुसार = रितिनुसार
दादी को सब बाते रितिनुसार हो जाए तो अच्छा लगता हैं।
नियम + अनुसार = नियमानुसार
कार्यालयों में सभी काम नियमानुसार होते है।
ज्ञान + सागर= ज्ञानसागर
हमे हमेशा ज्ञानसागर में डुबकियां लगानी चाहिए।
गंगा + सागर = गंगासागर
हम सब गंगासागर देखने गए।
Also See: Chapter 18 लोकमाता: अहिल्याबाई