Letter to younger brother teach him respect and good behavior towards senior citizens
आकाश वैद्य,
मुथ्था बिल्डिंग,
सी.टी.एम.के. विद्यालय छात्रावास,
पुणे।
२४ जानेवारी २०२२
प्रिय अतुल
ठीक हो?
आशा करता हूं तुम खुशहाल होंगे मैं यहां आनंद में हूं। अपना कार्य समय से करता है ना तू। आज मैं तुम्हें एक बड़े भाई की तरह एक बात समझाने जा रहा हूं तुम उसे समझ कर अपने अंदर उसे डाल लेना।
प्रिय अतुल, हम जिस समाज में रहते हैं जिस समाज का हम एक हिस्सा है इस समाज में अक्सर कुछ घटनाएं होती रहती हैं। अब समाज में बच्चे अपने बूढ़े पिता जी को घर से बाहर निकाल देते हैं उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। छोटे बच्चे पिताजी को गलत गलत जवाब देते हैं। अपने पिताजी की इज्जत नहीं करते। तुम मुझे बताओ यह अच्छी बात है। तुम विचार कर रहे होंगे भाई मुझे आज यह सब क्यों बता रहे हैं?
मुझे तुम्हें यह बताना है, तुम्हारी उम्र के बच्चे ऐसा सब करेंगे तो कैसा चलेगा? अगर तुम किसी का सम्मान और सद्व्यवहार नहीं करेंगे तो तुम समाज में रहने के लायक नहीं बनते। अगर हम किसी को सम्मान देंगे तो वह बदले में हमें सम्मान देगा। और बूढ़े व्यक्ति की मदद करनी चाहिए उनको सम्मान देना चाहिए उनकी बात सुननी चाहिए। अगर तुम ऐसा करोगे तो हमारे संस्कार अच्छे हैं। चलो, अब छोड़ो अपना ख्याल रखना।
तुम्हारा भाई,
आकाश वैद्य